Monday, December 23, 2024
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बेगूसराय में बजरंग दल कार्यकर्ता की मॉब लिंचिंग की कोशिश, हथियारों के साथ 400 की मुस्लिम भीड़ ने घेरा

"समुदाय विशेष की भीड़ ने उनके घर के दरवाजे और लॉक आदि सब तोड़ दिए। उनकी पूरी प्लॉनिंग थी कि दरवाजा टूटेगा और वह अंदर के लोगों को मार देंगे। भीड़ को देखकर आफताब की हिम्मत इतनी बढ़ गई थी कि वह बार बार कह रहा था- घुसो.. घुसो अंदर घुसो... घर पर चढ़ जाओ...सबको मार दो।"

असहाय, बेबस और कथिततौर पर लव जिहाद का शिकार हुई पीड़िता की मदद करना, बिहार के बेगूसराय में बजरंग दल कार्यकर्ताओं को मॉब लिंचिंग की कगार पर लाकर खड़ा कर देगा, यह शुभम भारद्वाज, पंकज सिंह, विकास भारती ने कभी सोचा भी नहीं था। उनके पास तो बस कल (2 अक्टूबर 2020) सुबह-सुबह करीब 8:32 पर एक हिंदू महिला का फोन का आया और उसने बहुत घबराई आवाज में मदद माँगी।

पीड़िता ने कहा कि उसका पति आफताब आलम उसके साथ घर आकर बहुत मारपीट कर रहा है और उसे बस किसी तरह बचा लिया जाए। पीड़िता की बात सुनते ही 8-9 किमी दूर से प्रदेश सह संयोजक शुभम भारद्वाज अपने सभी काम छोड़ कर नवाब चौक से थोड़ी दूर पोखरिया स्थित महिला के घर सुबह करीब 10 बजे पहुँचे। उनके साथ विभाग संयोजक पंकज सिंह और वीएचपी जिला मंत्री विकास भारती भी थे। 

महिला की स्थिति देखकर तीनों को आफताब पर बहुत गुस्सा आया। तीनों ने आफताब से मारपीट को लेकर सवाल करने शुरू किए। इसी बीच शुभम फेसबुक पर लाइव आ गए और दुनिया को उसका घिनौना चेहरा बताने लगे। लाइव खत्म हुए कुछ समय ही हुआ होगा कि उन्होंने देखा अचानक 300-400 लोगों की भीड़ घर के बाहर इकट्ठा हो गई। यह भीड़ समुदाय विशेष की थी। इनमें से कुछ के हाथ में पिस्टल थी। कुछ के हाथ में बकरा काटने का धारधार हथियार (छूरा) था। बार-बार यह लोग सिर्फ़ बजरंग दल के प्रदेश सह संयोजक शुभम भारद्वाज को अपने पास बुला रहे थे और कह रहे थे आज इसे खत्म कर देंगे।

घटना के बाद कार्यकर्ताओं की बैठक की तस्वीर

शुभम भारद्वाज इस पूरी घटना की बाबत दो बार फेसबुक लाइव आए। इसमें उन्होंने जानकारी दी कि उनकी हत्या करने की कोशिश चल रही है। सैंकड़ों लोगों की भीड़ घर के बाहर है और वह लोग किसी तरह गेट को मजबूती से बंद करके अपनी जान बचा रहे हैं।

शुभम भारद्वाज ने रेस्कयू के बाद कहा- नहीं देखी थी कभी ऐसी स्थिति

ऑपइंडिया ने इस घटना की जानकारी पाते ही शुभम भारद्वाज से बात करने का प्रयास किया। शुभम ने महादेव को धन्यवाद कहते हुए हमें बताया कि उन्हें कल के बाद बस जीवनदान मिला है। इससे पहले उन्होंने अपने जीवन में ऐसी स्थिति नहीं देखी थी। हर ओर मुस्लिम लोगों की भीड़ थी और आवाज आ रही थी कि शुभम को बस नीचे भेज दो। यह भीड़ इतनी उग्र थी कि इन्होंने लोहे का गेट तक तोड़ दिया था और कैसे भी करके अंदर आना चाह रही थी।

उन्होंने बताया कि घटना के समय उनके साथ पंकज सिंह, विकास भारती, महिला के पिता व 1-2 और लोग थे। सबने मिलकर गेट को धक्का देकर बंद किया हुआ था ताकि भीड़ अंदर न आ सके। मगर, उग्र भीड़ लगातार अंदर घुसने की कोशिश कर रही थी और हथौड़े से गेट तोड़ रही थी। 

पीड़ित महिला की मदद करने पहुँचे शुभम और उनके साथियों को सारा माहौल देखकर मृत्यु बहुत करीब लग रही थी। मगर, फिर भी एक उम्मीद में उन्होंने पुलिस अधिकारियों को दोबारा फोन किया और थोड़ी देर के लिए फेसबुक लाइव आकर बाकी लोगों को यह जानकारी दी कि नवाब चौक इलाके में रहने वाली बहुसंख्यक आबादी क्या करने की फिराक में है।

फेसबुक लाइव से लिया गया स्क्रीनशॉट

वह अनुमान लगाते हुए कहते हैं कि शायद आफताब आलम ने भीड़ को पहले ही बता रखा था कि वह जाकर अपनी पत्नी से मारपीट करेगा और पत्नी उनको बुलाएगी। इसके बाद यह सब होगा। वह बताते हैं कि सीएए एनसारसी के विरोध प्रदर्शनों के दौरान इसी नवाब चौक इलाके से खुलेआम उनकी मॉब लिंचिंग करने की धमकी दी गई थी और कल यह घटना भी हो गई।

मौत के मुँह से निकलने के बाद शुभम भारद्वाज (ग्रे टीशर्ट) और पंकज सिंह (पीली टीशर्ट)

वह कहते हैं कि बस महादेव ने उनकी सुरक्षा की और थाना प्रभारी अमरेंद्र झा मौके पर पहुँच गए। उन्होंने भीड़ को हटाकर घर में फँसे सभी लोगों का रेस्क्यू किया और आफताब को मौके से गिरफ्तार किया। घटना के बाद शुभम आज बुखार में तप रहे हैं। उनकी आँखों के सामने शायद वह भीड़ रह रह कर आ रही होगी। जिसे देख वह तो घबराए ही थे और उन लोगों के बीच में रहने वाली पीड़िता खुद बार-बार कह रही थी- “मार देगा भैया… अब क्या करें भैया..क्या करें।”

शुभम कहते हैं कि उनकी जान को खतरा देखकर पहले उनके पास सिक्योरिटी थी। मगर, एक वंचित समाज की महिला को न्याय दिलाने के लिए जब उन्होंने कुछ समय पहले आंदोलन किया तो उसके बाद उनसे वो सिक्योरिटी वापस ले ली गई। बाद में कई पत्र लिख कर प्रशासन से सुरक्षा वापस माँगी गई। मगर अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई। वह कहते हैं चाहे कुछ भी हो जाए वह इस दिशा में अपना कर्तव्य पालन आगे भी करते रहेंगे।

भीड़ के हाथ में बकरा काटने वाला धारधार हथियार और पिस्टल थी: बजरंग दल विभाग संयोजक पंकज सिंह

इस घटना के समय शुभम के साथ घर में मौजूद बजरंग दल के विभाग संयोजक पंकज सिंह नवाब चौक को बेगूसराय में पाकिस्तान का कराची बताते हैं। वह कहते हैं कि सभी समुदाय विशेष के कई रसूख वाले लोग इस इलाके में रहते हैं और यह काफी संवेदनशील इलाका है। उनके मुताबिक, शुभम भारद्वाज ने उन्हें कॉल करके घटना की जानकारी दी थी। इसके बाद वह और वीएचपी जिला मंत्री विकास भारती भी पीड़िता के घर पहुँचे। 

पंकज के अनुसार घटनास्थल पर पहुँचने से पहले ही उन लोगों ने पुलिस प्रशासन को जानकारी दे दी थी और पुलिस ने कहा था कि मामला उनके संज्ञान में है, टीम पहुँच रही है। हालाँकि, कार्यकर्ताओं के पहुँचने के बाद भी पुलिस वहाँ नहीं आई थी। पंकज बताते हैं, जब शुभम लाइव आए और लोगों को आफताब के कुकर्म से अवगत कराने लगे, तभी भीड़ को उनके वहाँ होने की जानकारी हुई और सब हथियार लेकर इकट्ठा हो गए। उन लोगों ने जब घर पर देखा तो एकदम से चौंक गए। उन लोगों की यह सब पहले से प्लॉनिंग थी।

कार्यकर्ताओं के साथ विभाग संयोजक पंकज सिंह

सीएए-एनआरसी विरोध प्रदर्शनों में शुभम भारद्वाज को मिली धमकियों का जिक्र करते हुए वह कहते हैं, “मॉब लिंचिंग को लेकर धमकाना तो पहले से ही चल रहा था, पर कल जैसे ही फेसबुक लाइव देखा तो इन लोगों को मौका मिल गया। इन्हें लगा कि इनके इलाके में हम अकेले हैं, तो हमें घेर लिया गया। भीड़ में शामिल कुछ लोगों के हाथ में बकरा काटने वाला धारधार हथियार था। पिस्टल थी। हमने घबराकर प्रशासन को फोन किया। यही लगा कि पिछले 2 घंटे में जब कोई पुलिस नहीं आई तो अब कैसे आएगी। इसलिए हमने अपने कार्यकर्ताओं को फोन किया और फेसबुक लाइव के कारण भी कई लोग मौके पर पहुँच गए। दूसरी ओर प्रशासन भी सकते में आ गया। नतीजन जो पुलिस दो घंटे में नहीं पहुँची, वो पुलिस पूरी फोर्स के साथ 7-8 मिनट में वहाँ थी।”

पंकज सिंह द्वारा साझा की गई जानकारी

वह कहते हैं, “इस बीच भीड़ भी लोहे का गेट तोड़ चुकी थी और ऊपर आकर कह रही थी कि आज यहाँ से बच कर कोई नहीं जाना चाहिए।” हालाँकि, इसी बीच पुलिस के पहुँच जाने से वह लोग तितर-बितर हुए और घर के अंदर फँसे सभी लोगों का रेस्क्यू किया। पुलिस ने उनसे कहा, ‘यह पति-पत्नी का मामला था। आप लोगों को इसमें नहीं पड़ना चाहिए था।’ पंकज पूछते हैं, “अगर कोई लव जिहाद की पीड़िता हमें मदद के लिए कहेगी तो हम क्या करेंगे? इंतजार करेंगे? हम वैसे भी पहले ही पुलिस को सूचना दे चुके थे।”

पंकज कहते हैं कि कल फेसबुक लाइव के माध्यम से सैंकड़ों लोग वहाँ नहीं आते और पुलिस समय से नहीं पहुँचती तो हम लोग जा चुके होते। बकौल पंकज, “कल पूरी रात वही भीड़ और उनकी आवाज सोते टाइम भी सामने आती रही। इतने साल संगठन में हो गए मगर ऐसा पहले कभी कुछ नहीं देखा था। कई लोगों को हमने बचाया है। मगर जैसे कल खुद को अकेले घिरा पाया, सब पहली बार था। अगर हम मॉब का वीडियो बनाते तो शायद दरवाजा तोड़ कर वो भीड़ हमें मार देती।”

कल हो जाती हम सबकी मॉब लिंचिंग: पीड़ित हिंदू महिला

इस घटना पर ऑपइंडिया ने पीड़िता से बात की। पीड़िता ने बताया कि कल की घटना के बाद कह सकते हैं कि उन्हें नई जिंदगी मिली है। अगर भीड़ अंदर घुस आती तो न शुभम भारद्वाज को छोड़ती, न उनको छोड़ती और न उनकी दोनों बच्चियों को बख्शती। सब मारे जाते। वह कहती हैं कि कल सुबग 7-8 बजे आफताब उनके घर के बाहर आकर गंदी-गंदी गालियाँ दे रहा था। उस समय उसके साथ उसका दोस्त भी था।

बाद में दोनों घर में आकर पीड़िता से मारपीट करने लगे। आफताब उनके सीने पर चढ़ कर उनका गला दबाने की कोशिश करने लगा और उसके दोस्त ने पिस्टल निकाल कर गोली चला देने की बात भी की। किसी तरह पीड़ित महिला ने खुद को बचाते हुए पुलिस को फोन किया। मगर जब पुलिस समय पर नहीं पहुँची, तब उन्होंने शुभम भारद्वाज से मदद माँगी। इसके बाद शुभम अपने साथियों के साथ वहाँ आए।

वह कहती हैं कि उन लोगों के आते ही बाहर माहौल गरमा गया। आवाज आने लगी, ‘शुभम बाहर निकल आज तुझे नहीं छोड़ेगें।’ वह लोग उन्हें पिस्टल दिखाने लगे। उन्होंने हालात बिगड़ता देख थाना प्रभारी को फोन किया और कहा, “सर प्लीज बचाइए। अब हम लोग नहीं बचेंगे।” इसके बाद वह लोग वहाँ पहुँचे जबकि पहली पुलिस की गाड़ी यह कहती रही कि घर ही नहीं मिल रहा।

बजरंग दल कार्यकर्ताओं की लिंचिंग के लिए इक्कट्ठा हुई उग्र भीड़ का उत्पात, लोहे का दरवाजा तक तोड़ डाला

हिंदू पीड़िता के अनुसार, समुदाय विशेष की भीड़ ने उनके घर के दरवाजे और लॉक आदि सब तोड़ दिए। उनकी पूरी प्लॉनिंग थी कि दरवाजा टूटेगा और वह अंदर के लोगों को मार देंगे। महिला कहती है कि भीड़ को देखकर आफताब की हिम्मत इतनी बढ़ गई थी कि वह बार बार कह रहा था ‘घुसो..घुसो अंदर घुसो…घर पर चढ़ जाओ…सबको मार दो।’ वह बताती हैं कि उनके घर के दरवाजों में दरारे आ गई हैं। वह टूट चुके हैं। इसके अलावा फिलहाल उन्होंने पुलिस द्वारा रेस्क्यू किए जाने के बाद थाने में केस दर्ज करवा दिया है और आफताब गिरफ्तार भी हो चुका है। उनका कहना है, “कल हम लोगों की मॉब लिंचिंग हो गई हो गई होती। वो क्षण वही था।” उनके अनुसार, उनकी बेटी को लग रहा था कि सब लोग पागल हो गए हैं। उसे मासूमियत में समझ नहीं आ रहा था कि अगर आज गेट टूट गया तो सब मार दिए जाएँगे।

घर के भीतर से भीड़ को उकसाने वाला आफताब

महिला ने हमले के बाद अपने घर की एक वीडियो भी हमसे साझा की है। इस वीडियो में लोहे का गेट टूटा हुआ साफ देखा जा सकता है। ईंट-पत्थर भी हर जगह पड़े नजर आ रहे हैं। घर की चीजें इधर-उधर बिखरी हुई हैं। लकड़ी के गेट पर पर हमले के निशान और दरारे भी वीडियो में स्पष्ट तौर पर नजर आ रही हैं।

क्या है आफताब आलम और हिंदू महिला का पूरा मामला?

कुछ दिन पहले बेगूसराय जिले के बजरंग दल प्रदेश सह संयोजक शुभम से पूजा (बदला हुआ नाम) नामक हिंदू महिला ने पत्र लिख कर मदद की गुहार लगाई थी। उसने अपने पत्र में बताया था कि उन्हें अपने पति आफताब से तलाक चाहिए। उन्होंने यह भी लिखा था कि शादी से पहले उन्हें नहीं पता था कि आफ़ताब को शराब की लत है, लेकिन धीरे-धीरे जब वह साथ रहने लगीं तो उन्हें यह सब पता चला।

बजरंग दल के पास आई शिकायत

महिला ने बताया था कि इसके बाद से उनका पति नशे में धुत होकर उन्हें मारता और गाली गलौच करता। इसलिए अब उन्हें अपनी जान का खतरा सताने लगा है और आगे वह आफताब के साथ नहीं रहना चाहतीं। मगर, उनका पति उन्हें तलाक देने से मना कर रहा है। पीड़िता ने बजरंग दल को ऐसे सबूत भी पेश किए थे जिनमें आरोपित के संबंध दूसरी औरतों से साफ देखे जा सकते हैं।

दूसरी महिला के साथ आफताब आलम

इस मामले के संज्ञान में आने के बाद से लगातार बजरंग दल सोशल मीडिया पर पीड़िता के साथ खड़े होने की बात कर रहा था। इस बाबत आफताब ने एक बार शुभम को कॉल भी किया, मगर उन्होंने उसे डाँट कर फोन रख दिया। इस बीच आफताब ने एक बार दोबारा आकर घर के नीचे जाकर पीड़िता से गाली गलौच की थी और शुक्रवार को उसे मारने के लिहाज से उस पर हमला बोल दिया।

पुलिस कार्रवाई

बता दें कि पुलिस ने शुक्रवार को हुई घटना पर मुकदमा दर्ज होने की पुष्टि की है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नगर थाना अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार झा ने बताया कि आफताब आलम पर उनकी पत्नी जानलेवा हमला समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज करवाया है। उन्होंने यह भी बताया कि पहले भी शहर में अपने घर में शराब पीकर हंगामा करने के आरोप में पुलिस ने कई शराब बोतलों के साथ आफताब आलम को गिरफ्तार किया था। 14 सितंबर को उसकी पत्नी ने कई संगीन धाराओं में उसके खिलाफ मामला दर्ज करवाया था।

नोट: महिला और आफताब के बीच का पूरा विवाद आप इस लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं। ऑपइंडिया ने इस पर विस्तृत रिपोर्ट की है।

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