Saturday, November 23, 2024
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निकिता मर्डर केस में 2018 से होगी जाँच, आरोपित तौसीफ कॉन्ग्रेस नेताओं का रिश्तेदार, किसी हालत में बख्शेंगे नहीं: अनिल विज

“वल्लभगढ़ की जो घटना हुई है, उसमें कॉन्ग्रेस का ही दबाव है। कॉन्ग्रेस के नेताओं का ही वो रिश्तेदार है और मुझे लगता है कि 2018 में जो उस परिवार ने अपहरण का मामला दर्ज कराया था, वो कॉन्ग्रेस नेताओं के दबाव में ही माँ-बाप ने वापस ले लिया..."

हरियाणा के फरीदाबाद के निकिता मर्डर केस में क्राइम ब्रांच की एसआईटी ने जाँच शुरू कर दी है। एसआईटी की टीम दोनों आरोपितों तौसीफ और रेहान को लेकर जाँच के लिए निकली है। पुलिस के दोनों की 2 दिन की रिमांड है। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज इस घटना से काफी खफा हैं। विज ने मंगलवार (अक्टूबर 27, 2020) को ही इस मामले में एसआईटी गठन करने का आदेश दिया था। इसके साथ ही उन्‍होंने SIT को लव जिहाद के एंगल से भी इस हत्‍याकांड की जाँच करने के आदेश दिए हैं।

इस पूरे मामले पर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “वल्लभगढ़ की जो घटना हुई है, उसमें कॉन्ग्रेस का ही दबाव है। कॉन्ग्रेस के नेताओं का ही वो रिश्तेदार है और मुझे लगता है कि 2018 में जो उस परिवार ने अपहरण का मामला दर्ज कराया था, वो कॉन्ग्रेस नेताओं के दबाव में ही माँ-बाप ने वापस ले लिया। माँ-बाप और बेचारे करें क्या। अब जो मैंने SIT बनाई है, उसे हमने कहा है कि जाँच 2018 से की जाए कि वो क्या परिस्थितियाँ थी कि माँ-बाप को मजबूर होकर मुकदमा वापस लेने के लिए एफिट-डेविट देना पड़ा।”

उन्होंने आगे कहा, “मैं एक बात साफ बता देना चाहता हूँ कि ये दबंगई नहीं चलने दूँगा। मैं सिसक-सिसक कर लड़कियों को मरने नहीं दूँगा। जो भी कड़ी से कड़ी सजा हो सकती होगी, वो दी जाएगी। एसआईटी का गठन हुआ, जो 2018 से मामले की जाँच करेगी। लव जिहाद, अपहरण जैसे सभी मामले पुर्नजीवित हो सकते हैं। किसी भी हालत में किसी को बख्शेंगे नहीं।”

बता दें कि कॉन्ग्रेस के पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री खुर्शीद अहमद निकिता के हत्यारे के चचेरे दादा लगते हैं। इसी तरह वर्तमान में मेवात के नूँह से कॉन्ग्रेस विधायक आफताब अहमद आरोपित तौसीफ के चाचा हैं।

वहीं, मृतका के भाई ने भी मीडिया को दिए इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया था कि तौसीफ को बचाने के लिए लगातार पॉलिटिकल प्रेशर बनाया जा रहा है। निकिता के भाई ने अपने बयान में कॉन्ग्रेस नेता आफताब अहमद का भी नाम लिया था।

वहीं पीड़िता के पिता का दावा है कि आरोपित तौसीफ ही नहीं बल्कि उसकी माँ भी उनकी बेटी निकिता पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाती रहती थी। यह सिलसिला बीते दो साल से चल रहा था। छात्रा के पिता ने आरोपित तौसीफ की माँ पर आरोप लगाया है कि वह बार-बार फोन कर के उनकी बेटी पर दबाव डालती थी कि तुम हमारा मजहब कबूल कर लो। यह सिलसिला उस वक्त से चल रहा था जब 2018 में तौसीफ ने पहली बार निकिता का अपहरण किया था।

गौरतलब है कि निकिता तोमर के घरवालों ने आरोप लगाया है कि निकिता पर तौसीफ धर्म परिवर्तन का दबाव बना रहा था। तीन साल पहले इस संबंध में पंचों के सामने फैसला भी हुआ, लेकिन अभी हाल में दोबारा तौसीफ ने लड़की के संपर्क में आने का प्रयास किया। उसने बार-बार निकिता को यही कहा, “मुस्लिम बन जा हम निकाह कर लेंगे” मगर जब लड़की ने उसकी बात नहीं सुनी तो उसकी गोली मार कर हत्या कर दी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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