Saturday, May 4, 2024
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MP में गाय आधारित ग्रामीण अर्थव्यवस्था: शिवराज सरकार ने किया गौ कैबिनेट का गठन, कमलनाथ ने भी दिखाई गोभक्ति

गोधन संरक्षण और संवर्धन के लिए गौ कैबिनेट का गठन किया गया है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुधारने का लक्ष्य भी पूरा होगा। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भाजपा सरकार के इस फैसले के बाद...

मध्य प्रदेश में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए और गायों के संरक्षण के लिए गौ कैबिनेट का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार (नवंबर 18, 2020) को ये जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गोधन संरक्षण और संवर्धन के लिए इस गौ कैबिनेट के गठन का निर्णय लिया गया है। पशुपालन, वन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, राजस्व, गृह एवं किसान कल्याण विभाग – ये सभी मंत्रालय गौ कैबिनेट का हिस्सा होंगे।

मध्य प्रदेश में भाजपा के मुख्य प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय ने बताया कि इस फैसले का उद्देश्य है कि ग्रामीण रोजगार के लिए एक वैकल्पिक स्रोत को विकसित किया जाए, जिसके लिए गायों और गाय से प्राप्त होने वाले अन्य संसाधनों के इस्तेमाल को माध्यम बनाया गया है। उन्होंने कहा कि रोजगार का एकमात्र समाधान औद्योगीकरण ही नहीं है, अन्य विकल्पों को भी विकसित किया जाना है, ताकि हम एक पर ही आश्रित न रहें।

भाजपा ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकल्प के रूप में गौ पालन के पीछे का कारण बताते हुए कहा कि ये एक ऐसा विकल्प है जो टिकाऊ है, क्योंकि पिछले 2000 वर्षों से भी अधिक समय से ऐसा होता आ रहा है। नई गाय आधारित अर्थव्यवस्था के जरिए मध्य प्रदेश की सरकार एक टिकाऊ इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करेगी, जिसके लिए गौ कैबिनेट का गठन किया गया है। साथ ही ग्रामीण सेटअप की आमदनी बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।

इतना ही नहीं, गौ कैबिनेट की प्रथम बैठक के लिए भी तारीख तय कर दी गई है। गोपाष्टमी के दिन रविवार (नवंबर 22, 2020) को दोपहर के 12 बजे इसकी पहली बैठक होगी। अभ्यारण्य सागरिया अगर मालवा को बैठक स्थल के रूप में चुना गया है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भाजपा सरकार के इस फैसले के बाद श्रेय लेने के लिए इसे अपना प्रोजेक्ट करार दिया। उन्होंने खुद को गोभक्त साबित करने की कोशिश करते हुए कहा:

“2018 के विधानसभा चुनाव के पूर्व प्रदेश में गौ मंत्रालय बनाने की घोषणा करने वाले शिवराज सिंह अब गोधन संरक्षण व संवर्धन के लिए गौ कैबिनेट बनाने की बात कर रहे हैं। उन्होंने अपनी चुनाव के पूर्व की गई घोषणा में गौमंत्रालय बनाने के साथ-साथ पूरे प्रदेश में गौ अभ्यारण और गौशालाओं के जाल बिछाने की बात भी कही थी, प्रत्येक घर में भी छोटी-छोटी गौशाला बनाने की भी बात उन्होंने अपनी चुनावी घोषणा में कही थी। अपनी पूर्व की घोषणा को भूलकर शिवराज फिर एक नई घोषणा कर रहे हैं। सभी जानते हैं कि अपनी 15 वर्ष की सरकार में व वर्तमान 8 माह में शिवराज सरकार ने गौ माता के संरक्षण व संवर्धन के लिए कुछ भी नहीं किया, उल्टा गौमाता के लिए चारे की राशि में कॉन्ग्रेस सरकार ने जो 20 रुपए प्रति गाय का प्रावधान किया था, उसे भी कम कर दिया। कॉन्ग्रेस सरकार ने अपने वचन पत्र में वादा किया था कि हमारी सरकार आने पर हम 1000 गौशालाओं का निर्माण शुरू कराएँगे।”

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दावा किया कि कॉन्ग्रेस ने अपने वचन को पूरा किया और प्रदेश भर में गौशालाओं का निर्माण व्यापक स्तर पर चालू करवाया। उन्होंने ये भी दावा किया कि कॉन्ग्रेस सरकार के गौ माता के संरक्षण व संवर्धन के लिए किए जा रहे कामों से ही भाजपा सरकार को ‘थोड़ी सदबुद्धि आई’ और उन्होंने गौमाता की सुध लेने की सोची। उन्होंने प्रदेश भर में गौशालाओं के निर्माण की भी माँग की।

इससे पहले उत्तर प्रदेश में में पोषण की बिगड़ती स्थिति में सुधार लाने के लिए प्रदेश सरकार ने ऐसे कुपोषित परिवारों, जिनके पास गाय रखने हेतु स्थान हो और जो लोग गौ-पालन के इच्छुक हों, उन्हें गाय देने का सभी जिला प्रशासन को निर्देश जारी किया था। योगी सरकार ने ‘माननीय मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना’ के तहत गाय के भरण-पोषण हेतु हर महीने 900 रुपए की धन राशि मुहैया कराने का निर्णय लिया है। 

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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