Tuesday, May 7, 2024
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‘आंदोलन ख़त्म करने को कहा तो हम अपनी फसल जला देंगे’: राकेश टिकैत ने मोदी सरकार को दी धमकी

“हम अपनी फसलों को जला देंगे लेकिन वापस नहीं जाएँगे। सरकार यह न सोचे कि विरोध दो महीने में खत्म हो जाएगा। हम फसल कटाई के साथ-साथ विरोध करेंगे। फसलों की कीमतों में वृद्धि नहीं हुई है, लेकिन ईंधन की कीमतें बढ़ गई हैं। जरूरत पड़ी तो हम अपने ट्रैक्टरों को पश्चिम बंगाल में भी ले जाएँगे। किसानों को वहाँ भी एमएसपी नहीं मिल रही है।”

‘किसान’ नेता राकेश टिकैत ने आज हरियाणा के पुनिया में एक रैली को संबोधित करते हुए मोदी सरकार को धमकी दी कि यदि सरकार किसानों के विरोध प्रदर्शन को समाप्त करने पर जोर देती है, तो किसान खड़ी फसलों को आग लगा देंगे।

हरियाणा के खरक पूनिया में आयोजित महापंचायत में टिकैत ने कहा कि केंद्र न सोचे कि किसान फसल की कटाई के लिए वापस चले जाएँगे और आंदोलन खत्म हो जाएगा। टिकैत ने कहा, “हम अपनी फसलों को जला देंगे लेकिन वापस नहीं जाएँगे। सरकार यह न सोचे कि विरोध दो महीने में खत्म हो जाएगा। हम फसल कटाई के साथ-साथ विरोध करेंगे। फसलों की कीमतों में वृद्धि नहीं हुई है, लेकिन ईंधन की कीमतें बढ़ गई हैं। जरूरत पड़ी तो हम अपने ट्रैक्टरों को पश्चिम बंगाल में भी ले जाएँगे। किसानों को वहाँ भी एमएसपी नहीं मिल रही है।”

खरकपुनिया गाँव में राकेश टिकैत ने किसानों से आह्वान किया कि उन्हें एक फसल की कुर्बानी देनी पड़ सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार कहती है फसल की कटाई का समय आ गया है, इसलिए किसान वापस गाँव चले जाएँगे, लेकिन किसान फसल की कुर्बानी देने को तैयार रहें। किसानों ने भी हाथ उठाकर टिकैत की बात का समर्थन किया। 

उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के सब्र का इम्तिहान ले रही है। उन्होंने कहा कि कानून वापसी तक किसान कहीं जाने वाला नहीं है। कानून वापसी से ही किसानों की घर वापसी संभव है। इसके साथ ही सरकार को एमएसपी पर कानून भी लाना होगा।

टिकैत ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि उनका अगला लक्ष्य 40 लाख ट्रैक्टरों का है, देशभर में जाकर 40 लाख ट्रैक्टर इकट्ठा करेंगे। ज्यादा समस्या की तो ये ट्रैक्टर भी वहीं हैं, ये किसान भी वही हैं, ये फिर दिल्ली जाएँगे। इस बार हल क्रांति होगी, जो खेत में औजार इस्तेमाल होते हैं, वे सब जाएँगे। 

विरोध करने वाले किसानों ने 26 जनवरी 2021 को गणतंत्र दिवस परेड के दौरान ट्रैक्टर रैली निकाली। इस दौरान रैली हिंसक हो गई। दंगाइयों ने पुलिस पर तलवार से हमला किया। दंगाई किसानों ने लाल किले पर निशान साहिब सहित, खालिस्तानी झंडे भी फरहराए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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