Sunday, May 5, 2024
Homeसोशल ट्रेंडऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर पैट कमिंस ने पीएम केयर्स में दिए ₹38 लाख: बिलबिलाए लिबरलों ने...

ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर पैट कमिंस ने पीएम केयर्स में दिए ₹38 लाख: बिलबिलाए लिबरलों ने कोसा, जमकर फैलाया झूठ

ईएसपीएन के पत्रकारों से लेकर ऑनलाइन फिल्म समीक्षकों तक सभी रूपों में लिबरल्स लोग पीएम केयर्स फंड के फाउन्डेशन में कमिंस के दान को पचा नहीं पा रहे हैं, जबकि यह विशेष रूप से COVID-19 संकट से निपटने के लिए बनाया गया फंड है।

कोलकाता नाइट राइडर्स के ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज पैट कमिंस सोमवार को कोरोना महामारी से जूझ रहे भारत के लिए आगे आए हैं। उन्होंने यहाँ के अस्पतालों में ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए पीएम केयर्स फंड में 50,000 डॉलर (लगभग 38 लाख रुपए) दान देने की घोषणा की है। कमिंस ने इस मदद का ऐलान सोशल मीडिया पर किया है।

उन्होंने ट्वीट किया, “भारत एक ऐसा देश है, जहाँ पिछले कुछ वर्षों से मुझे बहुत प्यार मिला है और यहाँ के लोग भी बहुत प्यारे और सपोर्टिंग हैं। मैं जानता हूँ कि पिछले कुछ समय से इस देश में कोरोना वायरस की वजह से काफी दिक्कतें पैदा हो गई हैं, जिससे यहाँ के अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी कमी देखने को मिली है। ऐसे में एक खिलाड़ी होने के नाते मैं पीएम केयर्स फंड में 50 हजार यूएस डॉलर (लगभग 38 लाख रुपए) सहायता राशि के रूप में देना चाहता हूँ और मैं अपने साथी खिलाड़ियों से भी गुजारिश करता हूँ कि वे भी मदद के लिए आगे आएँ।”

कमिंस की इस घोषणा के बाद से सोशल मीडिया पर काफी सकारात्मक रिएक्शन देखने को मिले थे, लेकिन ट्विटर पर कुछ लिबरल ने पैट कमिंस के इस कदम को लेकर हो रही राजनीति और अभद्र जवाब देने वालों का विरोध तक नहीं किया। ईएसपीएन के पत्रकारों से लेकर ऑनलाइन फिल्म समीक्षकों तक सभी रूपों में लिबरल्स लोग पीएम केयर्स फंड के फाउन्डेशन में कमिंस के दान को पचा नहीं पा रहे हैं, जबकि यह विशेष रूप से COVID-19 संकट से निपटने के लिए बनाया गया फंड है।

कमिंस के दान पर फ्यूमिंग लिबरल प्रतिक्रिया

बेंगलुरु स्थित एक ईएसपीएन पत्रकार अर्जुन नम्बूथरी ने ट्विटर पर बेहद नफरत फ़ैलाने वाली प्रतिक्रिया दी। उसने लिखा कि पीएम केयर्स फंड गलत जगह है दान करने के लिए। इतना ही नहीं नम्बूथरी ने Google डॉक का लिंक शेयर करते हुए कमिंस को पीएम केयर फंड की बजाय Google डॉक में सूचीबद्ध संगठनों को दान करने के लिए कहा।

एक अन्य लिबरल अपने भीतर की पीड़ा को छुपाने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने खिलाड़ी को तथाकथित योग्य, प्रामाणिक मूवमेंट को जोड़ने के लिए आगे बढ़ने की सलाह दी, जहाँ उन्हें लगता है कि पैट कमिंस को वास्तव में दान करना चाहिए। यह एक और उदाहरण है अपने देश को नीचा दिखाने का।

एक कॉन्ग्रेस समर्थक ने पैट कमिंस को उनकी उदारता के लिए सराहते हुए भी अपनी तुच्छता पर उतर आया। उसने कहा कि उन्होंने इसे गलत हाथों में दे दिया है। वह व्यक्ति बिना किसी तथ्य के दावा कर रहा है कि पीएम केयर्स फंड का इस्तेमाल मुख्य रूप से चुनाव जीतने के लिए किया जाता है।

ट्विटर पर एक यूजर ने काफी बेरूखी से जवाब देते हुए कमिंस का दान स्वीकार करने से इनकार कर दिया।

पर्ल शाह ने ट्विटर पर कमिंस के इस काम के लिए उन्हें धन्यवाद दिया, लेकिन पीएम केयर फंड में जाने वाले इस धन पर सवाल उठाया।

सुचरिता त्यागी, जो एक छोटी सी YouTuber हैं और फिल्मों की समीक्षा करती हैं उन्होंने भी कमिंस से आग्रह किया कि वे पीएम केयर फंड में दान न करें। बाद में उसने भी अपना ट्वीट डिलीट कर दिया।

बता दें कि पैट कमिंस ने साथी क्रिकेटरों से भी कोरोनो वायरस महामारी के दौरान भारत को दान करने और मदद करने का आह्वान किया है। यह देखना दुखद है कि गैर भारतीय पिछले मतभेदों को भुलाकर आगे आ रहे हैं, ताकि भारत को कोरोना संकट से निपटने में मदद मिल सके, लेकिन हमारे भारतीय साथी इस मामले में बिल्कुल भी उदार नहीं हो सकते हैं।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘तुहो पागले हाउ’: जेल से निकलते ही ‘छोटे सरकार’ ने लालू यादव के धोखे को किया याद, बोले – गरीब को खाना और किसान...

दिल्ली में बड़ा घर-बँगला होने के सपने की बात की गई तो महिला पत्रकार से अनंत सिंह ने मजाकिया अंदाज़ में कहा, "तुहो पागल हाउ।" उन्होंने कहा कि किसे बड़ा घर अच्छा नहीं लगता है, किसे झोपड़ी अच्छा लगता है।

‘मुस्लिमों को आरक्षण देना देशद्रोह’: प्रोफेसर दिलीप मंडल ने बताया किसने संविधान को सबसे ज्यादा बदला, कहा – मनमोहन कैबिनेट में सिर्फ 1 OBC...

दिलीप मंडल ने कहा कि धर्म के आधार पर आरक्षण की बात करना देशद्रोह है, क्योंकि संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण की मनाही है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -