Sunday, September 8, 2024
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आसिफ को दिए क्लीनचिट की सरपंच ने बताई सच्चाई, कहा- दबाव में कहा था ऐसा: देखें वीडियो

एक वीडियो सामने आया है, जिसमें सरपंच अपनी पुरानी बातों से मुकरते नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि वहाँ पर सिर्फ मुस्लिम समुदाय के लोग और कुछ ऐसे पत्रकार बैठे थे जो हिंदुओं के खिलाफ जहर उगल रहे थे, इसलिए उन्होंने माहौल को शांतिपूर्ण रखने के लिए ऐसी बातें कही।

नूँह जिला स्थित खेड़ा खलीलपुर गाँव के आसिफ नाम के व्यक्ति की रविवार (मई 16, 2021) को कुछ लोगों ने हत्या कर दी। इसे मेवात के कुछ लोगों व इस्लामी कट्टरवादियों ने सोशल मीडिया पर ‘हिंदुओं द्वारा मॉब लिंचिंग’ के तौर पर प्रचारित करके सांप्रदायिक रूप देने का प्रयास किया गया। इन पोस्ट्स व ट्वीट्स में आसिफ को बिल्कुल निर्दोष और सीधा-सादा बताया गया। वहीं गाँव सरपंच संतलाल ने भी हाल ही में सामने आए एक वीडियो में आसिफ को नेक और ईमानदार इंसान बताया। उन्होंने कहा कि 5 साल के कार्यकाल में आसिफ का कोई भी ऐसा काम सामने नहीं नहीं आया, जिसके तौर पर कहा जाए कि वह बदमाश था।

हालाँकि अब संतलाल का एक और वीडियो सामने आया है, जिसमें वह अपनी पुरानी बातों से मुकरते नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि वहाँ पर सिर्फ मुस्लिम समुदाय के लोग और कुछ ऐसे पत्रकार बैठे थे जो हिंदुओं के खिलाफ जहर उगल रहे थे, इसलिए उन्होंने माहौल को शांतिपूर्ण रखने के लिए ऐसी बातें कही। हालाँकि उन्होंने बाद में इस तरह का बयान देने की बात को नकार दिया।

उन्होंने कहा, “मैं गाँव का सरपंच होने के नाते पीड़ित परिवार से मिलने गया। वहाँ पर पहले से ही कुछ पत्रकार बैठ कर हिंदुओं के खिलाफ जहर उगल रहे थे। मैंने कोशिश की कि इसको रोकूँ लेकिन पीड़ित परिवार को देखते हुए मैंने उसको नहीं रोका। मैंने वह बयान इसलिए दिया कि गाँव में भाईचारा बना रहे।”

सरपंच ने बताया कि उन्हें आसिफ के ऊपर के केस के बारे में पता नहीं था। अब उनके संज्ञान में आया है कि उसके ऊपर 4-5 मुकदमे दर्ज हैं। उन्होंने बताया कि SDM ने मामले में कमिटी गठित की है। इसमें 10 हिंदू समुदाय से हैं और 5 मुस्लिम समुदाय से। कमेटी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि कमेटी के सदस्य गाँव में जाकर अपने अपने समुदाय के लोगों को समझाएँगे।

गौरतलब है कि आसिफ पर आरोप है कि करीब 10 साल पहले अपने ही गाँव में एक स्कूल के कार्यक्रम में लड़कियों के कपड़े बदलते हुए वीडियो बनाने के आरोप में पकड़ा गया था। तब ग्रामीणों ने आपस में सुलह करा दिया था। लेकिन, तभी से ही आसिफ और लड़की के परिजनों के बीच कटुता का भाव पैदा हो गया था और आए दिन झगड़े होते थे। हालाँकि इस मामले में सरपंच का कहना है कि यह घटना उनके कार्यकाल से पहले का है। 2010 में सोहना के अभयपुर गाँव में हुई हत्या की एक वारदात में भी आसिफ का नाम आया था। 

ABVP के दिल्ली विश्वविद्यालय यूनिट के अध्यक्ष सत्येंद्र अवाना के अनुसार, फरीदाबाद में निकिता तोमर की जिन बदमाशों ने ‘लव जिहाद’ प्रकरण में हत्या की थी, वो भी आसिफ की गैंग के सदस्य थे।उन्होंने बताया कि आसिफ लूटपाट करता था, जिसका केस आज भी उत्तर प्रदेश पुलिस में चल रहा है और वो डेढ़ साल की जेल भी काट के आया था। जबकि सोशल मीडिया पर हिन्दू आतंकवाद और मॉब लिंचिंग वाला नैरेटिव फैलाते हुए ऐसा दिखाया जा रहा है जैसे ‘जय श्रीराम’ न बोलने पर युवक की हत्या की गई है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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