Sunday, May 5, 2024
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‘राजदंड कैसा होना चाहिए, महाराज ने दिखा दिया’: लोनी घटना के ट्वीट पर नहीं लगा ‘मैनिपुलेटेड मीडिया’ टैग, ट्विटर सहित 8 पर FIR

योगी सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आरोप लगाया है कि उन्होंने झूठे दावे के साथ शेयर होती वीडियो पर कोई कार्रवाई नहीं की जबकि आम तौर पर ट्विटर भ्रामक खबरों को 'मैनिपुलेटेड मीडिया' कहता है, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं किया गया।

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में मुस्लिम बुजुर्ग व्यक्ति के साथ पिटाई की घटना को सांप्रदायिक एंगल देकर बढ़ावा देने के मामले में योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार ने मामले के मद्देनजर ट्विटर के ख़िलाफ़ एफआईआर करवा दी है। कथिततौर पर, केस में 8 अन्य के ख़िलाफ़ भी मुकदमा दर्ज हुआ है।

योगी सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आरोप लगाया है कि उन्होंने झूठे दावे के साथ शेयर होती वीडियो पर कोई कार्रवाई नहीं की जबकि आम तौर पर ट्विटर भ्रामक खबरों को ‘मैनिपुलेटेड मीडिया’ कहता है, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं किया गया।

टाइम्स नाऊ की रिपोर्ट के अनुसार, अभी उनके पास इस मामले की एफआईआर नहीं है। लेकिन पहली बार ऐसा हुआ है कि यूपी सरकार ने ट्विटर के विरुद्ध मुकदमा करवाया हो। सरकार की शिकायत का आधार यही है कि पुलिस द्वारा सच्चाई बताए जाने के बाद भी ट्विटर ने इस वीडियो पर मैनिपुलेटेड मीडिया का टैग नहीं लगाया और भ्रामक ट्वीट्स को बढ़ावा मिलता रहा।

योगी सरकार के इस फैसले के बाद ट्विटर पर ही सोशल मीडिया यूजर्स अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत उमरांव लिखते हैं, “लोनी घटना के बाद आए ट्विट्स के मद्देनजर योगी सरकार ने ट्विटर के विरुद्ध मुकदमा दायर किया है और कहा है कि ट्विटर ऐसे ट्वीट पर मैनिपुलेटेड मीडिया का टैग नहीं लगा पाया। राजदंड कैसा होना चाहिए, महाराज ने दिखा दिया है।”

बता दें कि इस घटना पर इससे पहले स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी को लताड़ लगाई थी। सीएम योगी ने राहुल के ट्वीट के जवाब में कहा था, “प्रभु श्री राम की पहली सीख है- ‘सत्य बोलना’ जो आपने कभी जीवन में किया नहीं। शर्म आनी चाहिए कि पुलिस द्वारा सच्चाई बताने के बाद भी आप समाज में जहर फैलाने में लगे हैं। सत्ता के लालच में मानवता को शर्मसार कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश की जनता को अपमानित करना, उन्हें बदनाम करना छोड़ दें।”

मुस्लिम बुजुर्ग से मारपीट पर पुलिस ने क्या कहा

उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुई थी। ये वीडियो एक मुस्लिम व्यक्ति अब्दुल समद की है। जिन्होंने 4-6 अज्ञात लोगों पर गाजियाबाद में सुनसान पड़े एक मकान में ले जाकर उनसे ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाने के लिए मजबूर करने, पिटाई करने और दाढ़ी काटने का आरोप लगाया था। इस वीडियो को राहुल गाँधी जैसे नेताओं और ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मो जुबैर जैसे प्रोपगेंडाबाजों ने शेयर करके जय श्रीराम के नारे पर सवाल उठाया था।

हालाँकि, गाजियाबाद पुलिस ने मामले को संज्ञान में लेते हुए बताया कि वह 5 जून को हुई इस कथित घटना में पहले ही प्राथमिकी दर्ज कर चुकी है, लेकिन दो दिन बाद सात जून को पुलिस को इसकी सूचना दी गई। जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर के निवासी अब्दुल समद ने अपनी शिकायत में इस तरह के आरोप नहीं लगाए हैं जैसे कि वीडियो में लगाए गए। उन्होंने बताया कि इस मामले में पुलिस परवेश गुर्जर नाम के एक व्यक्ति को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है, जिसने आलिम के रूप में काम करने वाले समद से ताबीज लिया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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