सोने, चाँदी और प्लेटिनम के गहनों के नामी-गिरामी ब्रांड कल्याण ज्वेलर्स ने ‘मराठी नथ (Nose Ring)’ के संबंध में अपने ब्लॉग में भ्रामक सूचना देते हुए लिखा कि भारत में यह मुगलों के द्वारा लाई गई। हालाँकि सोशल मीडिया पर इसका विरोध होने के बाद कल्याण ज्वेलर्स ने अपने ब्लॉग से यह हिस्सा हटा दिया है।
कल्याण ज्वेलर्स ने मराठी नथ के बारे में ब्लॉग लिखा जिसमें यह बताया कि नोज रिंग (Nose Ring) भारत में सबसे पहले मुगलों के द्वारा मध्य-पूर्व से लाई गई। हालाँकि इस ब्लॉग के सामने आने के बाद कई सोशल मीडिया यूजर्स ने इसे लेकर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई।
भारत नीति नामक एक पहल की कोर कमेटी की सदस्य सुनयना होले ने इस पर संज्ञान लिया। सुनयना ने कल्याण ज्वेलर्स के इस ब्लॉग का स्क्रीनशॉट ट्वीट करते हुए लिखा, “इतिहास को बदलने की कोशिश न करें। नथ या नोज रिंग को मुगल भारत लेकर नहीं आए। इसका अस्तित्व प्राचीन काल से ही था और यह 9वीं-10वीं शताब्दी के दौरान चलन में आई और स्टेटस सिंबल बनी। सुनयना ने यह भी लिखा कि राजाओं, मंत्रियों और व्यापारियों की पत्नियों एवं अन्य धनी परिवारों की महिलाओं ने नाक के इस खूबसूरत गहने को पहनना शुरू कर दिया था। 15वीं शताब्दी के बाद इस गहने में परिवर्तन देखने को मिला।
Wives of the Kings, ministers, businessmen & other wealthy families began embracing wearing this beautiful elaborate nose jewel. Post 15th century, the trends & evolutions of this bauble saw a drastic transformation..
— Sunaina Holey (@SunainaHoley) June 26, 2021
सोशल मीडिया पर कल्याण ज्वेलर्स की इस गलती पर आलोचना होने के बाद गहनों के इस ब्रांड ने सफाई देते हुए कहा कि उनके द्वारा यह गलती सुधार दी गई है और ब्लॉग को अपडेट कर दिया गया है।
Thank you for bringing this to our notice. We have updated the blog and corrected this error.
— Kalyan Jewellers (@KalyanJewellers) June 26, 2021
हालाँकि यह पहला मामला नहीं है जब इस्लामिक कट्टरपंथी मुगलों का गुणगान किया गया है। इसके पहले भी कई बार लिबरल, वामपंथी और इतिहासकारों ने किसी न किसी मुद्दे पर मुगलों का गुणगान करते रहते हैं, चाहे वह व्यंजनों की बात हो या फिर किसी पोशाक की।