केरल में कोविड से मरने वालों के आँकड़ों को लेकर हेरफेर का मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जो आँकड़े जारी किए गए हैं, उनमें 6000 से अधिक केस कम हैं। द टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा दायर किए गए आरटीआई (RTI) में इसका खुलासा हुआ। यह राज्य के स्वास्थ्य विभाग की ओर से की गई गंभीर विसंगतियों की तरफ इशारा करती है।
रिपोर्ट में बताया गया कि राज्य ने 30 जून 2021 तक 13,235 कोविड मौतें दर्ज की गईं, जबकि मुख्य रजिस्ट्रार कार्यालय (जन्म और मृत्यु) के अनुसार स्थानीय निकायों द्वारा कोविड के कारण दर्ज मौतें 19,584 हैं। इस तरह 6,349 मौतों का अंतर दिख रहा है।
मुख्य रजिस्ट्रार (जन्म और मृत्यु) एम रामनकुट्टी ने कहा कि मृत्यु का कारण निर्धारित प्रारूप में संबंधित चिकित्सा अधिकारी से प्राप्त रिपोर्टों के आधार पर कोविड -19 के रूप में दर्ज किया गया है। स्थानीय निकायों में मौतों का पंजीकरण दो भागों में किया जाता है; कानूनी और सांख्यिकीय। मौत का कारण अध्ययन और विश्लेषणात्मक उद्देश्यों के लिए रजिस्टर में दर्ज किया गया है और आरटीआई के माध्यम से कोविड मृत्यु पंजीकरण के आँकड़ों को इस भाग से संकलित किया गया है।
हालाँकि राज्य सरकार ने औपचारिक रूप से पंजीकृत और घोषित मौतों के बीच भारी असमानता की संभावना को स्वीकार किया है, लेकिन यह डेटा विसंगति को पूरी तरह से संबोधित करने के बजाय औपचारिक व्यक्तिगत शिकायतों की प्रतीक्षा कर रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक केरल राज्य सरकार ने जिलों द्वारा बताए गए नामों को जोड़कर COVID-19 मौतों की सूची को संशोधित करने का निर्णय लिया है। स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा, “बहिष्करण के व्यक्तिगत मामलों के बारे में शिकायतें उठाई जा सकती हैं। अस्पतालों द्वारा प्रकाशित मेडिकल बुलेटिन और लैब रिपोर्ट जैसे दस्तावेजों को मौत के कारण की पुष्टि करने की आवश्यकता होती है। भले ही यह डेटा अनुपलब्ध हो, मौतों को COVID से संबंधित माना जा सकता है।”