Saturday, November 23, 2024
Homeदेश-समाजकेरल के आधिकारिक कोविड मौतों के आँकड़े में 6,000 से अधिक केस का अंतर,...

केरल के आधिकारिक कोविड मौतों के आँकड़े में 6,000 से अधिक केस का अंतर, RTI में खुलासा: रिपोर्ट्स

केरल राज्य ने 30 जून 2021 तक 13,235 कोविड मौतें दर्ज की गईं, जबकि मुख्य रजिस्ट्रार कार्यालय (जन्म और मृत्यु) के अनुसार स्थानीय निकायों द्वारा कोविड के कारण दर्ज मौतें 19,584 हैं। इस तरह 6,349 मौतों का अंतर दिख रहा है।

केरल में कोविड से मरने वालों के आँकड़ों को लेकर हेरफेर का मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जो आँकड़े जारी किए गए हैं, उनमें 6000 से अधिक केस कम हैं। द टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा दायर किए गए आरटीआई (RTI) में इसका खुलासा हुआ। यह राज्य के स्वास्थ्य विभाग की ओर से की गई गंभीर विसंगतियों की तरफ इशारा करती है।

रिपोर्ट में बताया गया कि राज्य ने 30 जून 2021 तक 13,235 कोविड मौतें दर्ज की गईं, जबकि मुख्य रजिस्ट्रार कार्यालय (जन्म और मृत्यु) के अनुसार स्थानीय निकायों द्वारा कोविड के कारण दर्ज मौतें 19,584 हैं। इस तरह 6,349 मौतों का अंतर दिख रहा है।

मुख्य रजिस्ट्रार (जन्म और मृत्यु) एम रामनकुट्टी ने कहा कि मृत्यु का कारण निर्धारित प्रारूप में संबंधित चिकित्सा अधिकारी से प्राप्त रिपोर्टों के आधार पर कोविड -19 के रूप में दर्ज किया गया है। स्थानीय निकायों में मौतों का पंजीकरण दो भागों में किया जाता है; कानूनी और सांख्यिकीय। मौत का कारण अध्ययन और विश्लेषणात्मक उद्देश्यों के लिए रजिस्टर में दर्ज किया गया है और आरटीआई के माध्यम से कोविड मृत्यु पंजीकरण के आँकड़ों को इस भाग से संकलित किया गया है।

हालाँकि राज्य सरकार ने औपचारिक रूप से पंजीकृत और घोषित मौतों के बीच भारी असमानता की संभावना को स्वीकार किया है, लेकिन यह डेटा विसंगति को पूरी तरह से संबोधित करने के बजाय औपचारिक व्यक्तिगत शिकायतों की प्रतीक्षा कर रही है।

रिपोर्ट के मुताबिक केरल राज्य सरकार ने जिलों द्वारा बताए गए नामों को जोड़कर COVID-19 मौतों की सूची को संशोधित करने का निर्णय लिया है। स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा, “बहिष्करण के व्यक्तिगत मामलों के बारे में शिकायतें उठाई जा सकती हैं। अस्पतालों द्वारा प्रकाशित मेडिकल बुलेटिन और लैब रिपोर्ट जैसे दस्तावेजों को मौत के कारण की पुष्टि करने की आवश्यकता होती है। भले ही यह डेटा अनुपलब्ध हो, मौतों को COVID से संबंधित माना जा सकता है।” 

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

अडानी के बाद अमेरिका के निशाने पर एक और भारतीय: न्याय विभाग ने संजय कौशिक पर अमेरिकी एयरक्राफ्ट तकनीक रूस को बेचने का लगाया...

अमेरिका में अडानी समूह के बाद एक और भारतीय व्यक्ति को निशाना बनाया गया है। संजय कौशिक नाम के एक और भारतीय नागरिक को गिरफ्तार किया गया है।

छात्रों को तिलक लगाने और ‘जय श्रीराम’ ने रोका: हिमाचल प्रदेश के संस्कृत विश्वविद्यालय में हिंदू संगठनों का विरोध प्रदर्शन, कहा- प्रोफेसर के खिलाफ...

हिमाचल प्रदेश के संस्कृत संस्थान के छात्रों ने आरोप लगाया है कि एक प्रोफेसर तिलक लगाने और जय श्री राम का नारा लगाने से मना करता है।
- विज्ञापन -