Friday, November 22, 2024
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PM मोदी का काफिले रोकने के पीछे स्थानीय गुरुद्वारा! पंजाब के अख़बार का खुलासा – गुरुद्वारा से अनाउंसमेंट के बाद जुटी भीड़

"पास के एक गुरुद्वारे से घोषणा की गई, जिससे बड़ी संख्या में किसान मौके पर पहुँच गए और वहाँ स्थिति तनावपूर्ण हो गई। इसके बाद एसपीजी के अधिकारियों ने पीएम मोदी को वापस बठिंडा एयरपोर्ट ले जाने का फैसला किया।"

पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में बड़ी चूक के बाद उन्हें 5 जनवरी को अपनी फिरोजपुर रैली रद्द करनी पड़ी थी। वहीं, प्रदर्शनकारियों द्वारा जाम लगाने के कारण उनका काफिला 15-20 मिनट तक फ्लाईओवर पर फँसा रहा। द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, अब इस मामले में नया खुलासा हुआ है कि एक स्थानीय गुरुद्वारे ने पीएम मोदी की सुरक्षा में सेंध लगाने में बड़ी भूमिका निभाई थी।

‘द ट्रिब्यून’ ने बताया कि कैसे गुरुद्वारे से किसान प्रदर्शनकारियों को हाइवे को जाम करने की घोषणा की गई थी। इसमें कहा गया है, “पास के एक गुरुद्वारे से घोषणा की गई, जिससे बड़ी संख्या में किसान मौके पर पहुँच गए और वहाँ स्थिति तनावपूर्ण हो गई। इसके बाद एसपीजी के अधिकारियों ने पीएम मोदी को वापस बठिंडा ले जाने का फैसला किया, क्योंकि उन्हें डर था कि अगर प्रदर्शनकारियों ने फ्लाईओवर के दूसरी तरफ भी जाम लगा दिया तो वह फँस सकते हैं।”

न्यूज ट्रैक ने मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए दावा किया है कि स्थानीय गुरुद्वारे से यह जानने के बाद कि प्रधानमंत्री फँस गए हैं, और भी किसान हाइवे को जाम करने के लिए पहुँच गए। उनके द्वारा लगाए गए ट्रैफिक जाम के कारण पीएम मोदी का काफिला 15 से 20 मिनट तक फ्लाईओवर पर फँसा रहा। दरअसल, पास के गुरुद्वारे से पीएम के संबंध में घोषणा की गई थी। इतना सुनते ही और किसान वहाँ जमा हो गए थे। पीएम मोदी की सुरक्षा को खतरे में देखते हुए एसपीजी टीम को उन्हें वहाँ से हटाने का फैसला करना पड़ा।

News Track की रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट

यह जानने के बाद कि कैसे एक गुरुद्वारे ने कथित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जान को खतरे में डाल दिया, राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के विश्लेषक दिव्य कुमार सोती ने धार्मिक संस्थान (दुरुपयोग निवारण) अधिनियम, 1988 को लागू करने का सुझाव दिया। उन्होंने बताया कि इस अधिनियम में धार्मिक संस्थानों का दुरुपयोग करने पर 5 वर्ष के कारावास का प्रावधान है। इसे वर्ष 1988 में, खालिस्तानी आतंकवादियों द्वारा गुरुद्वारों पर कब्जा करने और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए उनका दुरुपयोग करने के मद्देनजर लाया गया था।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान सुरक्षा में सेंध का मामला सामने आया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने इसको लेकर बयान जारी किया था। MHA ने अपने बयान में कहा था कि बुधवार (5 जनवरी, 2022) को पीएम मोदी का विमान भठिंडा में लैंड हुआ था, जहाँ से उन्हें हैलीकॉप्टर से हुसैनीवाला स्थित ‘नेशनल मार्टियर्स मेमोरियल’ जाना था। वहाँ उन्हें ‘राष्ट्रीय शहीदी स्मारक’ में बलिदानी क्रांतिकारियों भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को श्रद्धांजलि अर्पित करनी थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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