कजाकिस्तान में पिछले एक हफ्ते से हिंसक विरोध-प्रदर्शन (Kazakhstan Violence) चल रहा है। हिंसा में अब तक 164 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 5800 लोगों को हिरासत में लिया गया है। इसी बीच खबर है देश के पूर्व राष्ट्रपति नूरसुल्तान नज़रबायेव (Nursultan Nazarbayev) की 41 वर्षीय बेटी आलिया नज़रबायेव (Aliya Nazarbayeva) लंदन में शिफ्ट होने जा रही हैं।
रिपोर्टों के अनुसार आलिया ने अपनी 300 मिलियन डॉलर (23 अरब रुपए से अधिक) की संपत्ति को कजाकिस्तान से बाहर ट्रांसफर कर लिया है। उसने ऐशोआराम की जिंदगी बसर करने के अपने लिए लंदन में आलीशान महल और प्राइवेट जेट जैसी लग्जरी चीजें खरीदी हैं। लग्जरी जेट (Luxury Jet) की कीमत 18 मिलियन पाउंड (130 करोड़ से अधिक) और आलीशान महल की कीमत 8.75 मिलियन पाउंड (60 करोड़) के करीब बताई जा रही है। ‘डेली मेल’ की रिपोर्ट के मुताबिक, आलिया नज़रबायेव ने वर्ष 2006 में दुबई में भी 14 मिलियन डॉलर यानी एक अरब रुपए से अधिक की संपत्ति खरीदी थी।
द संडे टेलीग्राफ की रिपोर्ट के हवाले से डेली मेल में कहा गया है कि इसका खुलासा तब हुआ जब आलिया ने अपने दो वित्तीय सलाहकारों पर बेईमानी, पैसों की हेराफेरी, धोखाधड़ी की साजिश, आर्थिक कानूनों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए उन्हें बाहर निकाल दिया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, आलिया कजाकिस्तान के 28 साल तक राष्ट्रपति रहे 81 वर्षीय नूरसुल्तान नज़रबायेवा की सबसे छोटी बेटी हैं। नूरसुल्तान के बारे में कहा जाता है कि तीन साल पहले यानी 2019 में उनके पद छोड़ने के बाद भी उनके परिवार ने सत्ता पर अपनी मजबूत पकड़ को बरकरार रखा है।
बताया जाता है कि आलिया नज़रबायेव एक बिजनेस वुमन (Business Woman) हैं। आलिया को ज्वैलरी, मॉडलिंग, अपने कपड़ों के ब्रांड, ब्यूटी स्पा आदि के लिए जाना जाता है। उन्होंने कजाकिस्तान में भी एक सफल बिजनेस वुमन के तौर पर अपनी पहचान बनाई है। ब्रिटेन से लंबे समय से नज़रबायेवा के परिवार का वित्तीय संबंध रहा है। नज़रबायेवा परिवार पर आय से अधिक संपत्ति होने के आरोप भी अक्सर लगते रहे हैं।
बता दें कि पिछले महीने (दिसंबर 2021) अपनी आजादी की 30वीं वर्षगाँठ मनाने वाले कजाकिस्तान में एक हफ्ते से हिंसा जारी है। कजाकिस्तान में यह प्रदर्शन गैस की कीमतों (Liquified Petroleum Gas) को लेकर किया जा रहा है। इसके चलते सरकार में शामिल कई दिग्गज लोगों को इस्तीफा देने पर मजबूर होना पड़ा है। प्रदर्शनकारियों का पुलिस के साथ संघर्ष लगातार जारी है। हालात पर काबू पाने के लिए यहाँ पर रूसी सेना को तैनात किया गया है।