पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी की सरकार ने मालदा जिले में अमित शाह के हेलीकॉप्टर को उतारने की अनुमति देने से इनकार किया है। अब बीजेपी ने इस मामले में बीएसएफ को हेलीकॉप्टर सुरक्षित लैंड करवाने के लिए पत्र लिखकर मदद माँगी है। दरअसल बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 22 जनवरी को मालदा में एक रैली को संबोधित करेंगे। उन्हें कोलकाता से रैली में हिस्सा लेने मालदा के लिए हेलीकॉप्टर से रवाना होना है।
प्रशासन की दलील
जिला प्रशासन ने कहा है कि इस सप्ताह में वीवीआईपी हेलीकॉप्टर उतारने की अनुमति देना संभव नहीं है। प्रशासन ने पत्र लिखकर कहा कि मालदा मंडल के कार्यकारी इंजीनियर, पीडब्ल्यूडी (सिविल) की रिपोर्ट के अनुसार, मालदा में हवाई अड्डे पर काम चल रहा है। धूल और अन्य सामान रनवे के चारों ओर पड़ा है, साथ ही निर्माण के चलते अस्थायी हेलीपैड का रख-रखाव ठीक से नहीं किया गया है। इस स्थिति में हवाई अड्डा हेलीकॉप्टरों की सुरक्षित लैंडिंग के लिए उपयुक्त नहीं है। इसी वजह से अमित शाह के हेलीकॉप्टर को लैंडिग की अनुमति दे पाना संभव नहीं है।
ग्राउंड रिपोर्ट में प्रशासनिक दलील का पर्दाफ़ाश
प्रशासन द्वारा हेलीकॉप्टर की लैंडिंग में खतरा बताने के बाद एक अंग्रेजी टीवी चैनल ने मौके का मुआयना किया तो प्रशासन की सारी पोल खुल गई। हेलीपैड क्षेत्र और रनवे के पास निर्माण सामग्री का नामो-निशान तक नहीं मिला। वहीं हवाई अड्डे पर काम करने वाले स्थानीय कर्मचारियों की मानें तो हेलीकॉप्टर नियमित रूप से हवाई अड्डे से बाहर चल रहे हैं।
हवाई अड्डे के आस-पास काम करने वाली दीपाली दास कहती हैं, “मंत्री और यात्री हेलीकॉप्टर से यहाँ आते हैं। पहले यहाँ सेवा बाधित थी लेकिन अब यहाँ ऐसा कुछ नहीं है। यहाँ ममता बनर्जी और मिथुन चक्रवर्ती के पास हेलीकॉप्टर है और वो लोग यहाँ उतरते रहे हैं।”
मालदा से बीजेपी नेता संजय शर्मा ने कहा कि पार्टी ने इस संबध में प्रशासन से बात की है। उन्होंने कहा, “टीएमसी इस बात को लेकर घबराई हुई है कि अगर अमित शाह मालदा की इस रैली में आएँगे, तो बीजेपी को अधिक समर्थन मिलेगा।” उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में कोई लोकतंत्र नहीं है, सरकार इस हवाई अड्डे का उपयोग कर रही है, लेकिन हमने जब अनुमति माँगी तो नियम बदल गए।