Friday, May 3, 2024
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कॉन्ग्रेस की तीसरी पोस्टर गर्ल भी भाजपा में हुई शामिल: पार्टी नेतृत्व पर भेदभाव का आरोप लगा प्रियंका और वंदना पहले छोड़ चुकी हैं पार्टी

सबसे पहले प्रियंका मौर्य ने कॉन्ग्रेस छोड़ा था। उसके कुछ ही दिन बाद वंदना सिंह ने भी कॉन्ग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वॉइन कर ली थी। वंदना सिंह ने कॉन्ग्रेस और उसके वरिष्ठ अधिकारियों पर कार्यकर्ताओं के साथ भेदभाव और उपेक्षा का आरोप लगाया था। उ

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों (Uttar Pradesh Assembly election 2022) के लिए तैयार किए गए कॉन्ग्रेस (Congress) का स्लोगन ‘लड़की हूँ लड़ सकती हूँ’ (Ladki hun lad sakti hun) की धज्जियाँ उड़ती दिख रही हैं। जिन लड़कियों को इस अभियान का चेहरा बनाकर पार्टी को महिला हितैषी दिखाने का प्रयास पार्टी महासचिव प्रियंका गाँधी के नेतृत्व में किया जा रहा था, वही पोस्टर गर्ल्स पार्टी छोड़ रही हैं और पार्टी तथा इस अभियान की पोल खोल रही हैं। कॉन्ग्रेस के इस अभियान की तीसरी पोस्टर गर्ल और जानी-मानी नेता पल्लवी सिंह (Pallavi Singh) भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया और शनिवार (12 फरवरी 2022) को भाजपा में शामिल हो गईं।

पल्लवी सिंह इस अभियान की प्रमुख चेहरा थीं और ये पिछले लगभग एक महीने में तीसरी महिला हैं, जिन्होंने कॉन्ग्रेस छोड़ दिया। इसके पहले प्रियंका मौर्य (Priyanka Maurya) और वंदना सिंह (Vandana Singh) ने कॉन्ग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा था। कॉन्ग्रेस की चार प्रमुख पोस्टर गर्ल में से तीन ने भाजपा ज्वॉइन कर ली है।

प्रियंका मौर्य ने कॉन्ग्रेस ये आरोप लगाते हुए पार्टी छोड़ दी थी कि कॉन्ग्रेस में धांधली हो रही है। उन्होंने कहा था, ‘लड़की हूँ लड़ सकती हूँ’, पर टिकट नहीं पा सकी, क्योंकि मैं ओबीसी थी और प्रियंका गाँधी के सचिव को घूस नहीं दे सकी।

तब उन्होंने कहा था, “बात की गई कि लड़की हूँ लड़ सकती हूँ। हमें मेहनत करने और आगे बढ़ने के लिए कहा गया। हमने बहुत मेहनत भी की। जब टिकट देने की बारी आई तो ये पार्टी (कॉन्ग्रेस) महिला और OBC विरोधी पार्टी निकली। सरोजनीनगर से टिकट रूद्रदमन सिंह को देना तय कर लिया गया तब हमें लगा कि ये गलत हुआ है। कैम्पेन के पोस्टर में मेरा चेहरा आगे करना सिर्फ एक लॉलीपॉप जैसा है। मेरे चेहरे का इस्तेमाल कॉन्ग्रेस ने OBC समाज और महिलाओं को लुभाने के लिए किया। जब पहले से ही टिकट किसी और को देना तय था तब स्क्रीनिंग का ड्रामा क्यों किया गया? 35 लोगों की कमेटी, आब्जर्वर और सर्वे की बातें क्यों कही गई? सर्वे की टीम ने भी सबसे ऊपर मेरा नाम रखा था। फिर मुझ से बूथ की लिस्ट मँगवाई गई।”

प्रियंका मौर्य के पार्टी छोड़ने के कुछ ही दिन बाद वंदना सिंह ने भी कॉन्ग्रेस छोड़ दी। वंदना सिंह ने कॉन्ग्रेस और उसके वरिष्ठ अधिकारियों पर कार्यकर्ताओं के साथ भेदभाव और उपेक्षा का आरोप लगाया था। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा था कि प्रियंका गाँधी पार्टी के पदाधिकारियों से भी मुलाकात नहीं करती हैं।

कॉन्ग्रेस छोड़ने के बाद वंदना सिंह ने कहा था, “मैं 5-6 साल से कॉन्ग्रेस में सक्रिय हूँ। पदाधिकारी हूँ, महिला मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष हूँ। प्रियंका जी ने कहा कि महिलाओं को 40 फीसदी मौका देंगे तो मुझे लगा कि मुझे भी मौका दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यदि इसी तरह पुराने लोगों को नजरअंदाज किया गया तो कोई पार्टी का झंडा उठाने वाला भी नहीं रहेगा।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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