Sunday, December 22, 2024
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2 बार उमेश कोल्हे की हत्या में नाकाम हुए थे हमलावर: तीसरी बार करना चाहते थे ‘सर तन से जुदा’, लेकिन खंजर घोंप भागना पड़ा

इरफान कोल्हे ने उमेश की हत्या को अंजाम देने के लिए ऑटो ड्राइवर और मजदूरों को हायर किया। उसने पहले इन सबका अपनी एनजीओ में ब्रेनवॉश किया। फिर उन्हें पैसे देकर उनसे ये सब करवाया।

महाराष्ट्र के अमरावती में केमिस्ट उमेश कोल्हे को मारने के लिए कट्टरपंथियों ने पहले ही अपनी तैयारियाँ की हुई थी। 21 जून को जब हत्या को अंजाम दिया गया, उससे पहले दो बार उनके सर को तन से जुदा करने का प्रयास हुआ था। पूछताछ के दौरान सामने आई नई जानकारी और सीसीटीवी फुटेज से ये खुलासे हुए हैं।

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट बताती है कि इरफान ने उमेश कोल्हे को मारने की योजना सबसे पहले 19 जून को बनाई। हालाँकि उस दिन इरफान शेख डर गया और घटना को अंजाम नहीं दे पाया। 20 जून को फिर वारदात की प्लॉनिंग हुई, मगर तब उमेश के घर से फोन आ गया और वह समय से पहले अपनी दुकान से निकल गए।

इसके बाद आरोपितों ने 21 जून 2022 को पूरी तैयारी के साथ उमेश का पीछा किया। इस बार वह उमेश का सिर धड़ से अलग करना चाहते थे। मगर, पीछे दूसरी मोटर गाड़ी से आ रहे बेटे-बहू जोर से चिल्ला दिए। उनकी आवाज सुन हत्यारे भाग खड़े गुए। लेकिन, तब तक वह उमेश कोल्हे को मौत के घाट उतार चुके थे। उनका शव जमीन पर लहू-लुहान था। बेटा उन्हें अस्पताल भी लेकर गया लेकिन वहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत ही घोषित किया। पोस्टमार्टम में सामने आया कि  उनके गले पर जो जख्म था, वो 5 इंच चौड़ा, 7 इंच लंबा और 5 इंच गहरा था। उनकी साँस लेने वाली नली, भोजन निगलने वाली नली और आँखों की नसों पर भी वार किए गए थे।

ऑटो ड्राइवर और मजदूरों से इरफान ने करवाया काम

जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र में रहकर पाकिस्तान और अरब देशों की फंडिंग पर रहबरयिा नाम की एनजीओ चलाने वाले इरफान ने दो आटो ड्रॉइइवर और अन्य मजदूरों को इस काम के लिए हायर किया था। उसने पहले सब लोगों को अपनी एनजीओ में बुलाकर माइंड वॉश किया था। इसके बाद कथिततौर पर उन्हें 10-10 हजार रुपए देकर उनसे ये काम करवाया गया।

बता दें कि कोल्हे की हत्या मामले में अब तक 7 गिरफ्तारियाँ हुई हैं। इनकी पहचान मुदस्सिर अहमद (22), शाहरूख पठान (25), अब्दुल तौफिक (24), शोएब खान (22), अतिब रशीद (22) और युसूफ खान बहादुर खान (44) के रूप में हुई है। इन लोगों के ऊपर ऊपर आईपीसी की धारा 302, 120 और 109 के तहत केस को दर्ज किया गया है।

मृतक के घरवालों ने केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में डालने को कहा है। मृतक के भाई ने यह भी बताया कि जिस आरोपित को पुलिस ने पकड़ा है उनमें से एक वेटनरी डॉक्टर यूसुफ है और उसकी उमेश कोल्हे से अच्छी दोस्ती थी। घरवाले उसे 2006-07 से जानते थे। युसूफ पर आरोप है कि उसी ने कोल्हे का पोस्ट संदिग्ध व्हॉट्सग्रुप में शेयर किया था जिसके बाद हत्या की प्लॉनिंग हुई। इरफान शेख के पड़ोसियों ने मीडिया के सामने बेहद मजहबी किस्म का बताया है

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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