Saturday, May 4, 2024
Homeराजनीति99 Vs 84 मतों से राज्यसभा में पारित हुआ तीन तलाक बिल: 3 साल...

99 Vs 84 मतों से राज्यसभा में पारित हुआ तीन तलाक बिल: 3 साल की सजा, जुर्माने का प्रावधान शामिल

तीन तलाक बिल वोटिंग के बाद राज्यसभा से पास कर दिया गया। बिल के पक्ष में 99 वोट पड़े जबकि विपक्ष में 84 वोट पड़े। अब तीन तलाक को अपराध माना जाएगा। इसके लिए 3 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान इस बिल में है।

राज्यसभा में आज मतदान के बाद ट्रिपल तलाक़ बिल पास हो गया है। राज्यसभा में तीन तलाक को अपराध बनाने वाले बिल को चर्चा के बाद वोटिंग के जरिए पास कर दिया गया है। इस बिल के पक्ष में 99 और विपक्ष में 84 वोट पड़े हैं। लोकसभा से बीती 26 जुलाई को ही इसे मंजूरी मिल चुकी थी। इस बिल में तीन तलाक को गैर कानूनी बनाते हुए 3 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान शामिल है। लोकसभा में आज उपभोक्ता संरक्षण बिल को चर्चा के बाद पास कर दिया गया।

अब मुस्लिम महिलाओं को व्हाट्सएप्प से लेकर अन्य ऐसे ही किइस माध्यम से तीन तलाक़ से निजात मिल सकेगी। इस कानून के पास होने के बाद अब मुस्लिम समुदाय में ट्रिपल तलाक़ की प्रथा कानूनन अपराध होगा।

मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक की कुप्रथा से मुक्ति दिलाने के मकसद से मंगलवार को राज्यसभा में पेश विधेयक पर हुई चर्चा में भाग लेते हुए विभिन्न दलों के सदस्यों ने इसे अपराध की श्रेणी में डालने के प्रावधान पर आपत्ति भी जताई और कहा कि इससे पूरा परिवार प्रभावित होगा।

हालाँकि सत्ता पक्ष ने इस विधेयक को राजनीति के चश्मे से नहीं देखे जाने की नसीहत देते हुए कहा कि कई इस्लामी देशों ने पहले ही इस प्रथा पर रोक लगा दी है। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2019 उच्च सदन में चर्चा के लिये पेश किया और कहा कि उच्चतम न्यायालय के एक फैसले में इस प्रथा को अवैध ठहराया गया। लेकिन उसके बाद भी तीन तलाक की प्रथा जारी है।

यह विधेयक लोकसभा में पिछले सप्ताह ही पारित हुआ है। विधेयक पर हुयी चर्चा में भाग लेते हुए कॉन्ग्रेस सदस्य अमी याज्ञनिक ने कहा कि महिलाओं को धर्म के आधार पर नहीं बाँटा जाना चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि सभी महिलाओं के प्रति क्यों नहीं चिंता की जा रही है? उन्होंने कहा कि समाज के सिर्फ एक ही तबके की महिलाओं को समस्या का सामना नहीं करना पड़ता। उन्होंने कहा कि यह समस्या सिर्फ एक कौम में ही नहीं है। उन्होंने कहा कि वह विधेयक का समर्थन करती हैं लेकिन इसे अपराध की श्रेणी में डालना उचित नहीं है।

याज्ञनिक ने कहा कि जब उच्चतम न्यायालय ने पहले ही इसे अवैध ठहरा दिया तो फिर विधेयक लाने की क्या जरूरत थी। उन्होंने कहा कि विधेयक में इसे अपराध की श्रेणी में डाल दिया गया है। इससे महिलाओं को अपराधियों के साथ मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश होना होगा। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों की सुनवाई पारिवारिक (फैमिली) अदालत में होनी चाहिए न कि मजिस्ट्रेट अदालत में।

उन्होंने कहा कि विधेयक में प्रावधान किया गया है कि पति और पत्नी के अलावा तीसरा व्यक्ति भी अदालत का दरवाजा खटखटा सकता है। उन्होंने इस प्रावधान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि किसी तीसरे व्यक्ति को पारिवारिक या निजी मामले में हस्तक्षेप की अनुमति कैसे दी जा सकती है? उन्होंने कहा कि कानून का मकसद न्याय और अंतत: गरिमा है लेकिन इसके प्रावधानों के तहत महिला को मजिस्ट्रेट अदालत में अपराधियों के साथ बैठने को बाध्य होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि महिलाओं को कानूनी सहायता का भी कोई प्रावधान नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को तीन तलाक की समस्या से मुक्ति दिलाइए लेकिन ऐसा उनकी गरिमा के साथ होना चाहिए।

चर्चा में भाग लेते हुए जदयू के बशिष्ठ नारायण सिंह ने विधेयक का विरोध किया। उन्होंने कहा कि वह न तो विधेयक के समर्थन में बोलेंगे और न ही इसमें साथ देंगे। उन्होंने कहा कि हर पार्टी की अपनी विचारधारा होती है और उसे पूरी आजादी है कि वह उस पर आगे बढ़े। जद (यू) के सदस्यों ने विधेयक का विरोध करते हुए सदन से बहिर्गमन किया। इससे पूर्व माकपा सदस्य के के रागेश ने 21 फरवरी 2019 को जारी मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अध्यादेश के खिलाफ अपना प्रस्ताव पेश किया।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

खालिस्तानी गुटों की आपसी लड़ाई का परिणाम है हरदीप निज्जर हत्याकांड! कनाडा पुलिस ने 3 संदिग्धों को किया गिरफ्तार, गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से लिंक...

खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में कनाडा की पुलिस ने लॉरेस बिश्नोई से जुड़े तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया है।

19 साल बाद संजय निरुपम ने की घर वापसी, शिवसेना में CM एकनाथ शिंदे ने किया स्वागत: ‘खिचड़ी चोर’ के विरोध में छोड़ दी...

संजय निरुपम फिर से शिवसेना में शामिल हो गए हैं। करीब 19 साल बाद घर वापसी करते हुए उन्होंने शिवसेना का दामन थाम लिया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -