Sunday, September 29, 2024
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AltNews सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को झटका, यूपी की अदालत ने ख़ारिज की जमानत याचिका: 20 जुलाई को पुलिस रिमांड पर सुनवाई

इस मामले में मोहम्मदी थाना प्रभारी अंबर सिंह ने कहा था कि जुबैर के खिलाफ पिछले साल 25 नवंबर को एक निजी न्यूज चैनल के रिपोर्टर आशीष कटियार ने मामला दर्ज कराया था।

उत्तर प्रदेश में लखीमपुर खीरी स्थित मोहम्मदी की सेशन कोर्ट ने 2021 के एक ट्वीट के मामले में ऑल्ट न्यूज के को फाउंडर सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को बड़ा झटका देते हुए उसकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। जुबैर के वकील हरजीत सिंह ने पुष्टि की है कि उसकी पुलिस रिमांड पर 20 जुलाई को अदालत सुनवाई करेगी।

कोर्ट में मामले की सुनवाई एसीजेएम रुचि श्रीवास्तव ने की। दरअसल, पिछले साल 18 सितंबर 2021 को जुबेर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी। इसी मामले में लखीमपुर खीरी कोर्ट ने जुबैर को तलब किया था।

जुबैर के खिलाफ शिकायत दर्ज होने के बाद 18 सितंबर, 2021 को उनके खिलाफ दर्ज एक मामले में लखीमपुर खीरी अदालत ने उन्हें तलब किया था। इससे पहले सोमवार को ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में पिछले साल उनके खिलाफ दर्ज एक मामले में 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। सोमवार को ही लखीमपुर खीरी पुलिस ने भी एक स्थानीय अदालत में एक आवेदन दायर कर उससे पूछताछ करने के लिए 14 दिनों की पुलिस कस्टडी की माँग की थी।

इस मामले में मोहम्मदी थाना प्रभारी अंबर सिंह ने कहा था कि जुबैर के खिलाफ पिछले साल 25 नवंबर को एक निजी न्यूज चैनल के रिपोर्टर आशीष कटियार ने मामला दर्ज कराया था।

उन्होंने कहा, “अपनी शिकायत में कटियार ने जुबैर पर अपने चैनल के बारे में ट्वीट कर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया था।”

दिल्ली की अदालत ने दी थी जमानत

गौरतलब है कि इससे पहले शुक्रवार (15 जुलाई ) को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने जुबैर को आपत्तिजनक ट्वीट ‘हनुमान होटल’ के मामले में जमानत दे दी थी। अदालत ने जुबैर को 50 हजार रुपए के निजी मुचलके एवं इतने ही रुपए मूल्य के जमानती के आधार पर बेल मंजूर की थी।

दिल्ली पुलिस ने बीते माह 27 जून को मोहम्मद जुबैर को दुश्मनी को बढ़ावा देने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने, सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक अशांति फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। दिल्ली पुलिस ने जुबैर के खिलाफ आईपीसी की धारा 153/295 के तहत केस दर्ज किया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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