Monday, May 13, 2024
Homeराजनीतिअपराध में गिरावट, अपराधियों को सज़ा में तेजी… 'योगीराज' में उत्तर प्रदेश निवेश में...

अपराध में गिरावट, अपराधियों को सज़ा में तेजी… ‘योगीराज’ में उत्तर प्रदेश निवेश में साल दर साल तोड़ रहा रिकॉर्ड, निवेशकों में बढ़ा विश्वास

बच्चों और महिलाओं के खिलाफ राज्य में होने वाले अपराध में सजा देने की दर में वृद्धि हुई। इस कारण अपराधियों में भी डर देखने को मिला। साल 2022 में रेप के 671 मामलों, दहेज के 537 और POCSO के तहत 2313 मामलों में सजा दी गई। इनमें 5 को मौत की सजा, 736 को आजीवन कारावास और 1860 को 10 साल से अधिक की सजा मिली।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश के कानून-व्यवस्था में अभूतपूर्व सुधार है। इसका उदाहरण व्यापारिक एवं निवेश संबंधी गतिविधियों में उत्तर प्रदेश पर वित्तीय संस्थाओं एवं निवेशकों का दिख रहा विश्वास है। राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद वहाँ निवेश में लगातार वृद्धि हो रही है।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया RBI के एक अध्ययन में सामने आया है कि साल 2022-23 में बैंक-सहायता प्राप्त नए निवेश में सबसे अधिक उत्तर प्रदेश को मिले हैं। वहीं, इन कुल निवेश प्रस्तावों का आधा सिर्फ पाँच राज्यों को मिले हैं, जिनमें यूपी और गुजरात शीर्ष पर हैं। 

यूपी को 45 परियोजनाओं के लिए 43,180 करोड़ रुपए मिले हैं। यह कुल निवेश मदद का 16.2 प्रतिशत है। गुजरात को 37,317 करोड़ रुपए मिले, जो कुल निवेश का 14 प्रतिशत है। वहीं, ओडिशा का कुल निवेश में 11.8 प्रतिशत हिस्सेेदारी है।

अगर, उत्तर प्रदेश के पूर्व के निवेशों की तुलना करें तो यह लगातार बढ़ रहा है। RBI के आँकड़ों के अनुसार, साल 2013-14 से 2020-21 तक बैंकों एवं वित्तीय संस्थाओं द्वारा स्वीकृत किए गए कुल परियोजना लागत में उत्तर प्रदेश की परियोजनाओं की हिस्सेदारी सिर्फ 4.4 प्रतिशत थी। इसमें 14.3 प्रतिशत के साथ गुजरात पहले और 13 प्रतिशत के साथ महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर था।

साल 2021-22 में उत्तर प्रदेश यह हिस्सेदारी अभूतपूर्व रूप से बढ़कर 4.4 प्रतिशत से 12.8 प्रतिशत हो गई। इस दौरान यूपी के निवेश में बढ़ोत्तरी तो हुई, लेकिन गुजरात और महाराष्ट्र का शेयर घटकर क्रमश: 11.7 प्रतिशत और 9.7 प्रतिशत रह गया।

साल 2022-23 में 2022-23 में कुल 547 परियोजनाओं को बैंकों एवं अन्य वित्तीय संस्थानों से मदद मिली। इस दौरान कुल 2,66,547 करोड़ रुपए जारी किए गए। यूपी को 45 परियोजनाओं के लिए 43,180 करोड़ रुपए मिले हैं। यह कुल निवेश मदद का 16.2 प्रतिशत है।

योगी आदित्यनाथ सरकार में एक तरफ अपराध में कमी आ रही है तो दूसरी तरफ सजा देने की दर में वृद्धि हो रही है। कठोर कानून व्यवस्था के कारण यूपी में संज्ञेय अपराधों में कमी आती गई है। साल 2020 में जहाँ यूपी में 6.57 लाख अपराध रजिस्टर्ड किए गए थे, वहीं साल 2021 में यह संख्या घटकर 6.08 लाख रह गई।

इनमें हत्या, बलात्कार, डकैती, दहेज संबंधित हत्या में भी कमी देखने को मिली। यह अन्य राज्यों की अपेक्षा बहुत कम था। राज्य में साल 2016 की तुलना में साल 2022 में अपराध में भारी गिरावट देखी गई। बताते दें कि यूपी में पहली बार योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी थी। राज्य सरकार ने अपराध पर नियंत्रण के लिए पुलिस फोर्स धनराशि का आवंटन करके पुलिस व्यवस्था को मजबूत करने की कोशिश की।

दूसरी तरफ, बच्चों और महिलाओं के खिलाफ राज्य में होने वाले अपराध में सजा देने की दर में वृद्धि हुई। इस कारण अपराधियों में भी डर देखने को मिला। साल 2022 में रेप के 671 मामलों, दहेज के 537 और POCSO के तहत 2313 मामलों में सजा दी गई। इनमें 5 को मौत की सजा, 736 को आजीवन कारावास और 1860 को 10 साल से अधिक की सजा मिली।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

डमरू की डमडम, मंत्रों की गूँज, शंखनाद, कलाकारों की प्रस्तुतियाँ, साथ में ‘शिवगण’… वाराणसी की गलियों में PM के रोडशो में उमड़ा जनसैलाब, लोग...

वाराणसी से नरेंद्र मोदी ने 2014 में 3.71 लाख और 2019 में 4.79 लाख वोटों से जीत दर्ज की थी। 2014 में कुल मतों का 56.37% तो 2019 में 63.62% प्राप्त हुआ था।

‘हैदराबाद में 90% बूथों पर गड़बड़ी, मरे हुए लोगों के भी डले वोट’: माधवी लता ने बताया क्यों बुर्का वालियों की उन्हें खुद करनी...

बकौल माधवी लता, उन्होंने सिर्फ बुर्कानशीं महिलाओं से निवेदन किया था कि वो अपनी पहचान बताएँ। भाजपा उम्मीदवार ने कहा कि जिनकी गड़बड़ियाँ उजागर हो रही हैं वो हो-हल्ला कर रहे हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -