उत्तर प्रदेश में मुरादाबाद के समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद एसटी हसन ने संसद को लेकर एक ऐसा बयान दिया है, जिस पर विवाद होना तय है। उन्होंने देश की संसद की तुलना धार्मिक जलसे से कर डाली है। वे मुरादाबाद सदर तहसील के सामने हो रहे एक धरना-प्रदर्शन को सम्बोधित करने पहुँचे थे। उन्होंने कहा, “मैं पार्लियामेंट के अंदर होकर आया हूँ और वहाँ पर जो मैंने माहौल देखा है, संसद में मेरा सिर शर्म से झुक गया।”
S T Hasan, Samajwadi Party (SP) MP from Moradabad: Situation in Parliament is such that it seems like I’m in a religious congregation rather than the Parliament of the country. pic.twitter.com/8ZzWYXvSPN
— ANI UP (@ANINewsUP) October 1, 2019
सांसद हसन ने कहा कि वो कई बार संसद गए हैं, जहाँ उन्हें एक बार नहीं बल्कि अनेकों बार ऐसा लगा कि जैसे वो किसी धार्मिक जलसे में उपस्थित हों। उन्होंने इस बात पर ज़ोर देते हुए कहा कि आज वहाँ जो हालात हैं, वो हालात पहले कभी नहीं बने। उन्हें इस बात पर गहरी आपत्ति है कि आज की तारीख़ में रोज़ नए क़ानून बनाए जा रहे हैं।
बड़े सुधार लाने के लिए मोदी सरकार पर सवाल उठाते हुए, मुरादाबाद के सांसद ने पूछा कि अनुच्छेद-370 के कमजोर पड़ने और ट्रिपल तालक़ के अपराधीकरण से हिन्दुओं को क्या हासिल हुआ? उन्होंने आगे कहा कि कश्मीर हमेशा हमारा था और हमेशा हमारा रहेगा, लेकिन इसके विशेष दर्जे को छीनने से आम आदमी को कुछ भी हासिल नहीं हुआ।
राष्ट्रीय जाँच एजंसी (NIA) के ख़िलाफ़ ग़लत सूचना और भय फैलाते हुए उन्होंने कहा कि संसद में पारित नए बिल ने NIA को ऐसी शक्तियाँ दी हैं कि अब यह किसी को भी आतंकवादी कह सकते हैं और संदेह के आधार पर उसे जेल में डाल सकते हैं। हसन ने पिछले साल अमरोहा में एक आतंकी मॉड्यूल के खुलासे को भी फ़र्ज़ी बताया था और दावा किया कि NIA ने गैराज उपकरणों को रॉकेट लॉन्चर बताया।
ट्रिपल तालाक़ बिल को लोकसभा में पारित कराने के विषय में, एसटी हसन ने एक चौंकाने वाला बयान दिया, जिसमें कहा गया कि यदि किसी की बीवी का संबंध दूसरे आदमी के साथ हो, तो उस शौहर को अपनी बीवी की हत्या या जलाकर मारने की बजाए उसे ट्रिपल तालक़ देना बेहतर है। इससे पहले, समाजवादी सांसद एसटी हसन, अभिनेत्रियों की तुलना ‘तवायफ’ से करने पर घिर चुके हैं। उन्होंने ज़ायरा वसीम के फिल्मों को छोड़ने के फैसले का भी समर्थन किया था। वसीम के फ़ैसले का समर्थन किया था क्योंकि यह उनके विश्वास में हस्तक्षेप से संबंधित था।