चीन से फंड लेकर देश में अराजकता को बढ़ावा देने वालों का साथ देने वाले न्यूज पोर्टल न्यूजक्लिक को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। पोर्टल के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ पर दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि संस्थान ने कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश को विवादित बताया। इसके अलावा, कोरोना के खिलाफ भारत के प्रयासों को बदनाम करने की कोशिश और किसान आंदोलन को फंडिंग भी की गई। इस मामले में
दिल्ली पुलिस ने न्यूज़क्लिक पोर्टल के खिलाफ आतंकवाद विरोधी कानून UAPA के तहत FIR दर्ज की है। इसमें कहा गया है कि संस्थान के धन का एक बड़ा हिस्सा भारत की संप्रभुता को बाधित करने और बड़ी आपराधिक साजिश के हिस्से के तहत देश में असंतोष पैदा करने के लिए चीन से आया था। चीन से आई फंडिंग में वहाँ की टेलीकॉम कंपनी Xiaomi और Vivo का बचाव करना भी शामिल था।
FIR में कहा गया है कि 2018 से मेसर्स पीपीके न्यूज़क्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड को करोड़ों रुपए की धनराशि प्राप्त हुई थी। अमेरिका की मेसर्स वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग्स एलएलसी एवं अन्य संस्थानों से पाँच साल की इस अवधि में अवैध तरीकों से इन पैसों को भेजा गया। FIR में आगे कहा गया है, “चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रचार विभाग के सक्रिय सदस्य नेविल रॉय सिंघम द्वारा कई संस्थाओं के जरिए विदेशी धन को भेजा।”
एफआईआर में कहा गया है कि पुरकायस्थ 1991 से कुख्यात नक्सल समर्थक गौतम नवलखा के साथ जुड़े हुए थे। नवलखा एल्गार परिषद के मामले में भी आरोपित हैं। नेविल सिंघम द्वारा भेजा गया पैसा पुरकायस्थ और उनके सहयोगियों को अवैध रूप से भेजा गया था। इस राशि को पुरकायस्थ ने नवलखा और तीस्ता सीतलवाड़ के सहयोगियों को वितरित की थी।
एफआईआर में यह भी कहा गया है कि गुप्त सूचनाओं से पता चला है कि पुरकायस्थ, सिंघम और सिंघम की शंघाई स्थित कंपनी स्टारस्ट्रीम के कुछ कर्मचारियों ने ईमेल का आदान-प्रदान किया था, जो यह दिखाने की कोशिश कर रहे थे कि कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश भारत के हिस्से नहीं हैं।
इतना ही नहीं, केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि बिलों के खिलाफ कथित किसानों के आंदोलन को भी फंडिंग की गई। इस दौरान आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति को बाधित करने और संपत्तियों को नुकसान पहुँचाने के साथ-साथ किसानों के आंदोलन को लम्बा खींचने की साजिश रची गई। दिल्ली पुलिस ने FIR में कहा, “आरोपित कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा करना चाहते थे। उन्होंने कोविड-19 को रोकने के प्रयासों को बदनाम करने के लिए झूठी कहानी फैलाईं।”
इन सब कामों के लिए विदेशों से फंड को अवैध रूप से हजारों शेल कंपनियों के जरिए भारत भेजा गया। इसमें आगे कहा गया है कि पुरकायस्थ, सिंघम, हरिहरन और गौतम भाटिया ने शाओमी और वीवो जैसी चीनी कंपनियों से लाभ के बदले में इनके पक्ष में अभियान चलाने और कानूनी मामलों में बचाने के लिए एक कानूनी नेटवर्क बनाने की साजिश रची।
बता दें कि न्यूजक्लिक के खिलाफ 17 अगस्त 2023 को एक प्राथमिकी दर्ज की थी और 3 अक्टूबर 2023 को राजधानी और सात अन्य राज्यों में कई जगहों पर छापेमारी की गई थी। उसी दिन, न्यूज़क्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और मानव संसाधन प्रमुख अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार कर लिया गया। गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम की धारा 13, 16, 17, 18 और 22-सी और आईपीसी की 153-ए और 120-बी के तहत मामला दर्ज किया गया था।