Saturday, April 20, 2024
909 कुल लेख

अनुपम कुमार सिंह

चम्पारण से. हमेशा राइट. भारतीय इतिहास, राजनीति और संस्कृति की समझ. बीआईटी मेसरा से कंप्यूटर साइंस में स्नातक.

जरासंध की जेल में मकबरा क्यों? मजार की तस्वीर और फेसबुक पर सवाल को लेकर भड़का PFI, दर्ज हुई FIR

ये मामला नालंदा जिले के बिहारशरीफ में स्थित हिरण्य पर्वत (बड़ी पहाड़ी) पर स्थित एक मंदिर और मकबरे से जुड़ा हुआ है। PFI ने की शिकायत।

बंगाल ‘लैंड जिहाद’: मटियाब्रुज में शेख मुमताज और उसके गुंडों का उत्पात, दलित परिवारों पर टूटा कहर

हिंदू परिवारों को पीटा गया। महिला, बुजुर्ग, बच्चे किसी के साथ कोई रहम नहीं। पीड़ित अस्पताल से भी लौट आए कि कहीं उनके घर पर कब्जा न हो जाए।

‘मछुआरों के लिए कोई मंत्रालय नहीं’- बार-बार झूठ बोल गरीबों को भरमा रहे राहुल गाँधी, ‘पालतू मीडिया’ नहीं कर रहा फैक्ट-चेक

'मछुआरों के लिए कोई मंत्रालय नहीं है' - जिस तरह से राहुल गाँधी दक्षिण भारत की समुद्री सीमाओं पर घूम-घूम कर झूठ फैला रहे हैं और पालतू मीडिया कोई फैक्ट-चेक नहीं कर रहा, इससे देश का नुकसान हो रहा है।

कला में दक्ष, युद्ध में महान, वीर और वीरांगनाएँ भी: कौन थे सिनौली के वो लोग, वेदों पर आधारित था जिनका साम्राज्य

वो कौन से योद्धा थे तो आज से 5000 वर्ष पूर्व भी उन्नत किस्म के रथों से चलते थे। कला में दक्ष, युद्ध में महान। वीरांगनाएँ पुरुषों से कम नहीं। रीति-रिवाज वैदिक। आइए, रहस्य में गोते लगाएँ।

रतन लाल ड्यूटी पर थे, अंकित ड्यूटी से लौटे थे… नितिन चाउमीन खाने निकला था: दिल्ली में ऐसे हुआ था हिन्दू-विरोधी दंगा

कोई अपनी ड्यूटी कर रहा था। कोई बच्चों के लिए दूध लेने निकला था। कोई भोजन करके टहल रहा था। किसी की शादी ठीक हो गई थी। दिल्ली का वो दंगा, जिसने उजाड़े कई हिन्दुओं के घर।

IIT बॉम्बे के छात्रों के लिए सरदर्द 5 बार बजने वाले 2 मस्जिदों के भोंपू, मुंबई पुलिस ने ट्वीट डिलीट कर झाड़ा पल्ला

IIT बॉम्बे के छात्र कैम्पस से 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक मस्जिद से बजते भोंपू की आवाज से परेशान हैं। छात्र इस पर कई बार आपत्ति दर्ज कर चुके हैं।

100 दिनों तक दिल्ली बंधक, हिन्दू धर्म का अपमान, संविधान को गाली: वो शाहीन बाग़, जहाँ पनपा दिल्ली दंगों का बीज

जहाँ संविधान को गाली दी गई, वहाँ की हाथों में तिरंगा लिए लोगों की तस्वीरें वायरल की गईं। जहाँ हिन्दू धर्म का अपमान हुआ, वहाँ कश्मीरी पंडितों के लिए झूठा शोक मनाया गया।

नेहरू के गुस्से के बावजूद जिस मेजर ने बिना खून बहाए तवांग को भारत में मिलाया, PM मोदी के समय मिला उन्हें सम्मान

महान सैन्य अधिकारी मेजर रालेंगनाओ बॉब खातिंग को तवांग का भारत में विलय कराने के लिए 70 साल बाद वो सम्मान मिला, जिसके वो हकदार थे।

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