प्रियंका गाँधी के जन्मदिन की सुबह दैनिक भास्कर अख़बार के पहले पन्ने पर ही इंदिरा गाँधी के साथ उनकी तुलना करते हुए कॉन्ग्रेस के नेता जी द्वारा लिखी गई प्रशंसा तो यही बता रही है कि ट्विटर पर आधी रात को किए गए उनके मन्त्र जाप का असर प्रियंका गाँधी पर जल्द ही होने वाला है।
अब क्रांति कुमार आम इंसान नहीं रहे। अब क्रांति कुमार कामरेड क्रांति कुमार हो गए हैं। कामरेड क्रांति कुमार ने ट्विटर पर संविधान पढ़ा था और राजनीति शास्त्र की बारीकियाँ उसने एक बुर्जुआ मित्र के साथ पिज्जा ऑर्डर करते वक़्त मुफ्त कूपन इस्तेमाल करते हुए सीखीं थीं।
उस समय के कैबिनेट मंत्री मोरारजी देसाई ने तो विपक्षी दलों को भी इस संधि के खिलाफ एकसाथ होने की सलाह दे डाली थी। तत्कालीन गृहमंत्री गोविन्द बल्लभ पन्त भी पाकिस्तान को दी जाने वाली इस आर्थिक राशि से नाखुश थे। वो चाहते थे कि इस आर्थिक राशि का उस धन के साथ सामन्जस्य बैठाया जाए, जो हिन्दू शरणार्थी पाकिस्तान में छोड़ कर आ चुके थे।
देश के कई मुस्लिम आज भी कबायली प्रवृतियों का अनुसरण करते नजर आते हैं। अल्पसंख्यक इलाकों में अशिक्षा, भुखमरी, दरिद्रता और तमाम प्रकार की गरीबी आज भी उसी तरह से नजर आती है, जिस हाल में बहादुर शाह जफ़र छोड़कर गए थे।
उत्तराखंड में दीपावली के 11 दिन या एक माह बाद माने जाने के पीछे एक और मान्यता बताई जाती है। कहा जाता है कि गढ़वाल क्षेत्र में भगवान राम के अयोध्या पहुँचने की खबर दीपावली के ग्यारह और कुछ स्थानों में एक माह बाद मिली और इसीलिए ग्रामीणों ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए बाद दीपावली का त्योहार मनाया था और इसी परंपरा को निभाते गए।
एक शख्स हाथ में पानी से भरे लौटे को पकड़ता है। दूसरे हाथ से उसमें नमक डालता है। इस दौरान वह अपनी जुबान से एक वादा या वचन देता है, जिसे पूरा करने की वो कसम खाता है। लौटे में नमक डालने के बाद वो किसी भी सूरत में अपने वचन को पूरा करने से पीछे नहीं हट सकता है। यही प्रथा कहलाती है- लूण लोटा। हिमाचल प्रदेश के कई भागों में यह प्रथा आज भी प्रचलित है।
वीडियो में अभिसार शर्मा सरकार के कथित 'दोहरे मापदंड को एक्सपोज' करते हुए नजर आ रहे हैं। उनका कहना है कि एक ओर यह सरकार गाय की बात करती है जबकि दूसरी ओर बीफ एक्सपोर्ट का यह आँकड़ा हमारे सामने है। इसके बाद अभिसार शर्मा एक सूची के जरिए ये बताते नजर आ रहे हैं कि बीफ एक्सपोर्ट में भारत का विश्व में दूसरा स्थान है।
जब राजदीप कहते हैं कि 19 लाख लोगों को लिस्ट से.... उसी समय सौरभ द्विवेदी ऊँगली उठाकर बेहद दार्शनिक मुद्रा में और पूरे आत्मविश्वास के साथ राजदीप सरदेसाई को 'सही' करते हुए कहते हैं 'इकतालीस लाख..' इतना सुनते ही राजदीप एक कदम और आगे जाते हुए कहते हैं- "हाँ....हाँ वही इकतालीस लाख, उन्नीस लाख को मिलाकर।