Tuesday, November 26, 2024
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आशीष नौटियाल

पहाड़ी By Birth, PUN-डित By choice

कुणाल कामरा ने शेयर किया ऐसा वीडियो जिसे देखकर लोगों ने कहा- इसके ‘फ्यूज कंडक्टर’ निकाल दिए गए हैं

"पीएम मोदी ने जो समर्थन और प्रेम इसरो वैज्ञानिकों के प्रति दिखाया है, यही हर अभिभावक को अपने बच्चों के प्रति दिखाना चाहिए, जब वो अपने लक्ष्य से चूक जाते हैं। इस तरह के पल हमें अपने देश से दोबारा प्यार करने पर विवश कर देते हैं।"

‘प्लीज़ GDP वाली वीडियो पूरी देखो’ कहने वाले रवीश-भगत जब चलाते हैं PM मोदी की अधूरी क्लिप

चंद्रयान-2 की 'विफलता' की खबरों से उत्साहित लेफ्ट-लिबरल वर्ग की खुशियाँ ज्यादा देर तक नहीं बनी रह सकी क्योंकि इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इसरो वैज्ञानिकों का हौंसला बढ़ाने वाला वीडियो लोकप्रिय होने लगा। इसके बाद शुरू हुआ इस देश के लेफ्ट लिबरल्स का प्रलाप और प्रपंच।

सातवाहन और चालुक्य वंश के बाद तिलक ने गणेश चतुर्थी को बना दिया था स्वतन्त्रता का जन आंदोलन

भारतीय इतिहास में सातवाहन, चालुक्य और राष्ट्रकूट वंशों की, गणेश उत्सव हमेशा ही भारतीय और हिन्दू एकता का प्रमुख केंद्र रहा है।

मीडिया को सत्ता का गुंडा बताने वाले रवीश के 4P- प्रपंच, पाखंड, प्रोपेगेंडा, प्रलाप

रवीश कुमार ने बीजगणित के अध्याय की तरह सब कुछ अब 'मान लिया' है। इससे बड़ी हानि यह है कि वो चाहते हैं कि उनके इसी 'मान लेने' को बाकी लोग भी मान लें, जबकि उनकी यह बीजगणित एकदम ऊसर है, इससे कुछ भी सृजन नहीं हो सकता है।

‘हैकरमैन अर्थशास्त्री’ ने दी नोट छापकर जनता में बाँटने की राय, मैग्सेसे विजेता ने कहा- सहमत दद्दा

अनिंद्यो चक्रवर्ती रवीश कुमार को समझा रहे हैं कि यदि सरकार खूब सारे रुपए छापकर जनता में बाँट दे तो अर्थव्यवस्था तुरंत ठीक हो सकती है। इस पर रवीश कुमार भी अपनी सहमति दर्ज कराते नजर आए रहे हैं। बता दें कि हाल ही में रवीश कुमार को प्रतिष्ठित रैमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

घोघो रानी कित्ता पानी: सुप्रीम कोर्ट ने बता दिया हिंदी मीडिया में कूड़ा परोसने वाले कौन

आज के प्राइम टाइम में सुप्रीम कोर्ट को भी गोदी बता दिया जाना चाहिए। आज ऑड दिवस है, आज सुप्रीम कोर्ट का निर्णय घोघो रानी के मनमुताबिक़ नहीं है। ऐसा लगता है मानो खेल दिवस पर घोघो रानी खेल कर गई।

ब्राह्मणों पर पहली बार जजिया कर लगाने वाले फिरोजशाह तुगलक ने बसाया था ‘कुश्के-फिरोज’

फिरोजशाह द्वारा हिन्दुओं पर जुर्म और बर्बरता करने का एक यह भी कारण था कि उसे एक राजपूत माँ से पैदा होने के कारण अपने समय के उलेमाओं के सामने अपनी कट्टर मुस्लिम छवि को बनाए रखना था। यही वजह है कि इतिहास में उसे एक धर्मांध शासक के रूप में जाना गया।

हिन्दुओं के खिलाफ सशस्त्र जिहाद की घोषणा करने वाले अलगाववाद के जनक सर सैयद अहमद खान थे असली ‘वीर’

सावरकर की प्रतिमा पर यह देश बेवजह अपना समय और संसाधन व्यर्थ करता है। सर सैयद अहमद खान के योगदान और उनके ज़हरीले, हिन्दू-विरोधी और हिंसक भाषणों को याद करने भर से ही तय हो जाता है कि इस देश को किन लोगों पर गर्व होना चाहिए।