जो मीडिया और क्रांतिजीव 5 साल तक मोदी की विदेश यात्राओं का लेखा-जोखा करते रहे, उन्हें नेहरू से लेकर राजीव गाँधी के भ्रमणों से रूबरू होना चाहिए, ताकि वो उसकी समीक्षा कर के बता सकें कि मिस्ट्रेसीकरण और ससुरालीकरण उनकी किसी विदेश नीति का हिस्सा थे?
सामाजिक समारोह में इस प्रकार की झड़प और हिंसा जौनपुर-जौनसार में आम बात है और यही वजह है कि समय-समय पर यहाँ पर 10-15 गाँव मिलकर शादी-विवाह में शराब और DJ को प्रतिबंधित करते आए हैं लेकिन ऐसे में किसी व्यक्ति की मृत्यु होना बेहद चौंकाने वाला प्रकरण है।
हाल ही में मतदाताओं से अपनी ऊँगली का इस्तेमाल स्वरा भास्कर की तरह नहीं, बल्कि समझदारी से मतदान के लिए करने की अपील करने वाले ‘प्लाकार्ड गाय’ ने नई पहल शुरू की है। इस बार प्लाकार्ड की मदद से मधुर सिंह ने केजरीवाल द्वारा उनके राज्य दिल्ली में ही फैलाए गए उनके ‘रायतों’ और धरनों के बीच भुला दिए गए उनके वायदों की याद दिलाई है।
टैगोर लगातार अपने लेखन में महात्मा गाँधी की देशभक्ति की आलोचना करते नजर आते थे। उन्होंने लिखा कि किस तरह से कुछ लोगों के लिए यह उनकी आजीविका है, उसी तरह से कुछ लोगों के लिए राजनीति है, जहाँ वो अपने देशभक्ति की विचारधारा का व्यापार करते हैं।
सूत्रों का तो ये भी कहना है कि जब भी केजरीवाल को कहीं पर थप्पड़ या घूँसा पड़ता है, तब-तब आम आदमी पार्टी के चंदों में व्यापक उछाल आता है। भारत को अंग्रेजों से आजाद करवाने के लिए महात्मा गाँधी ने अनशन का मार्ग चुना था और संत केजरीवाल ने मोदी के चंगुल से देश को छुड़ाने के लिए अगर अपनी कुटाई करवाने का मार्ग चुना है तो इसमें बुराई है क्या?
कॉन्ग्रेस ने ट्विटर पर पूरी बेशर्मी के साथ एक ऐसी रिपोर्ट ट्वीट की है, जिसमें 2014 में RBI का 200 टन सोना स्विट्जरलैंड भेजने की बात कही गई है। कॉन्ग्रेस ने नेशनल हेराल्ड की एक ‘खोजी रिपोर्ट’ को टैग करते हुए लिखा, “क्या मोदी सरकार ने गुपचुप तरीके से RBI का 200 टन सोना 2014 में स्विट्जरलैंड भेजा?”
हमारी राय यही है कि लोगों को सोशल मीडिया पर इस प्रकार की तस्वीरों को वायरल करने से बचना चाहिए। इसकी कड़ी से कड़ी निंदा की जानी चाहिए। उन्हें कॉन्ग्रेस से जुड़े होने के बाद भी सही कॉमेडी ना कर पाने की वजह से टारगेट किया जा रहा है, जो कि निंदनीय है।
वो दिन दूर नहीं जब पूरा दिन PUBG खेलने के बाद राहुल गाँधी PUBG को ही कॉन्ग्रेस द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक साबित कर देंगे। ऐसा करने के लिए उनके पास मीडिया गिरोह से लेकर नेहरुवियन सभ्यता वाले, किसी भी समय अवार्ड वापस करने वालों के गैंग, स्लीपर सेल अवस्था में हर वक़्त मौजूद तो हैं ही।