Sunday, November 17, 2024
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मंदिर में देवी की मूर्तियों के साथ अश्लील तस्वीरें पोस्ट करने वाला मुजीबुर रहमान गिरफ़्तार

तमिलनाडु की त्रिची पुलिस ने मुजीबुर रहमान नामक एक 28 वर्षीय व्यक्ति को अश्लील तस्वीरें पोस्ट करने के आरोप में शनिवार (8 जून) को गिरफ़्तार किया है। उसने तंजावुर (तंजौर) स्थित बृहदेश्वर मंदिर में एक हज़ार साल पुरानी वास्तुकला की प्राचीन मूर्तियों के साथ अश्लील मुद्रा में फ़ोटो खिंचवाई थी।

भारत के सबसे महान और सबसे पुराने मंदिरों में से एक बृहदेश्वर मंदिर में देवी की मूर्तियों के साथ अश्लील फ़ोटो खिंचवाने पर जनता और हिन्दू संगठन के कार्यकर्ताओं ने कड़ी आपत्ति दर्ज करते हुए मुजीबुर रहमान के ख़िलाफ़ पुलिस में शिक़ायत दर्ज कराई, जिसके बाद रहमान को गिरफ़्तार कर लिया गया

दरअसल, मंदिर में देवी की मूर्तियों के साथ अश्लील मुद्रा में फ़ोटो खिंचवाने की हऱकत तब सामने आई, जब रहमान ने अपने फेसबुक पेज पर ये तस्वीरें पोस्ट कीं। इन तस्वीरों में उसे तंजावुर स्थित बृहदेश्वर मंदिर में देवी की मूर्तियों का चुंबन लेते हुए और गले लगते हुए देखा जा सकता है। इसके अलावा अपने फेसबुक पोस्ट में, रहमान ने कुछ भद्दे कमेंट्स भी किए थे, जिसमें उसने लिखा कि मूर्तियाँ ’शॉल’ से ढकी होनी चाहिए।

त्रिची पुलिस के अनुसार, रहमान, जो मूल रूप से मदुरै के ओथककदाई इलाक़े का रहने वाला है, वो त्रिची में एक फूड डिलीवरी बॉय के रूप में काम करता है। ईद के अवसर पर उसने बुधवार (5 जून) को तंजावुर स्थित बृहदेश्वर मंदिर का दौरा किया और देवी की मूर्तियों के साथ आपत्तिजनक तस्वीरें लीं।

ख़बर के अनुसार, रहमान के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 295 के तहत किसी भी वर्ग के धर्म का अपमान करने के इरादे से पूजा स्थल को चोटिल या परिभाषित करने के लिए और 295 A- जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य, जिसका उद्देश्य किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं और आस्था को अपमानित करना है के तहत यह मामला दर्ज कर लिया गया है।

कैंटोनमेंट पुलिस स्टेशन त्रिची के एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “आख़िरकार, हमने उसे शनिवार दोपहर को पकड़ लिया और उसे न्यायिक हिरासत के तहत त्रिची सेंट्रल जेल भेज दिया गया।”

तमिलनाडु के तंजावुर में स्थित बृहदेश्वर मंदिर प्राचीन भारत के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है और इसे राजा चोल के शासन में 1003 और 1010 ईस्वी के बीच बनाया गया था। बृहदेश्वर मंदिर पूरी तरह से ग्रेनाइट नि‍र्मि‍त है। विश्व में यह अपनी तरह का पहला और एकमात्र मंदिर है जो कि ग्रेनाइट का बना हुआ है। यह अपनी भव्यता, वास्‍तुशिल्‍प और केन्द्रीय गुम्बद से लोगों को आकर्षित करता है। इस मंदिर को यूनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित किया है।

दुनिया में कहीं नहीं छिप सकता जाकिर नाईक, इंटरपोल दे सकता है भारत का साथ

मज़हबी कट्टरता फैलाने वाले इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाईक के ख़िलाफ़ इंटरपोल से रेड नोटिस जारी करवाने की कोशिशें तेज हो गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नाईक के खिलाफ़ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोप पत्र दाखिल करने के साथ, उसे भगौड़ा घोषित करने की अपील की है। बताया जा रहा है कि एक बार नाईक के भगौड़ा घोषित होने के बाद इंटरपोल से उसे रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के लिए कहा जाएगा।

दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर के मुताबिक ईडी के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि नाईक के ख़िलाफ़ रेड नोटिस जारी कराने के लिए अदालत से भगौड़ा घोषित करवाना जरूरी है। खबरों अनुसार मुंबई की विशेष अदालत में इसके लिए अपील दाखिल की गई है। अदालत ने मामले पर संज्ञान लिया है लेकिन फिलहाल अदालत ने मामले को 19 जून तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।

गौरतलब है कि भारतीय जाँच एजेंसियों के कसते शिकंजे के बाद जाकिर नाईक मलेशिया भाग गया था और वह अब भी वहीं रह रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस जारी होने के बाद नाईक को भारत सौंपने के लिए कूटनीतिक दबाव बनाया जाएगा।

पिछले महीने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में जाकिर नाईक के ख़िलाफ़ मुंबई की विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया था। इस आरोप पत्र में नाईक के करोड़ो रुपयों की मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत दिए गए थे। इस आरोप पत्र में ईडी ने खुलासा किया था कि नाईक ने भारत, ब्रिटेन, दुबई समेत कई देशों में कई कंपनियाँ खोल रखी थी। लेकिन पकड़े जाने के डर से उसने इन कंपनियों में अपने करीबियों को निदेशक बनाया हुआ था।

जाकिर का मामला इंटरपोल में जाने से उसकी परेशानियाँ और बढ़ सकती हैं। दरअसल, मलेशिया इंटरपोल के सदस्यों में एक है, जिसने भारत के साथ साल 2010 में प्रत्यर्पण संधि में हस्ताक्षर किए थे। कानूनी रूप से भगौड़ा घोषित होने के बाद ईडी आर्थिक अपराधी अधिनियम के तहत जाकिर नाईक के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने में सक्षम होगा। जाँच एजेंसी के अनुसार जाकिर नाईक की भारत और विदेशों में कुल 193 करोड़ रुपए से अधिक संपत्ति है।

BJP कार्यकर्ताओं के शव ले जा रहे वाहनों को बंगाल पुलिस ने रोका, बशीरहाट में काला दिवस

नॉर्थ 24 परगना जिले के बशीरहाट में में हुई झड़प में मारे गए भाजपा कार्यकर्ताओं के शवों को पार्टी दफ्तर ले जा रहे वाहनों को पुलिस ने रविवार (जून 9, 2019) को रोक लिया। इसके कारण वहाँ अन्य भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस में झड़प हुई। कार्यकर्ताओं ने कहा कि अगर उन्हें जाने नहीं दिया गया तो वह शवों का अंतिम संस्कार हाईवे पर ही करेंगे। पुलिस और कार्यकर्ताओं की इस झड़प में हाईवे पर जाम लग गया। खबरों के मुताबिक भाजपा कार्यकर्ता अपने साथियों के शव का अंतिम संस्कार कोलकाता ले जाकर करना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें बीच में ही रोक लिया, जिस कारण विवाद बढ़ा।

जानकारी के मुताबिक पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच हुई इस झड़प के बाद भाजपा ने बशीरहाट में सोमवार को 12 घंटे का बंद बुलाया है। भाजपा पूरे प्रदेश में 10 जून को काला दिन मनाएगी। साथ ही 12 जून को लालबाजार में एक रैली भी होगी।

गृह मंत्री अमित शाह ने हिंसा को ममता सरकार की नाकामयाबी बताते हुए दोषी लोगों व पुलिस अफसरों के ख़िलाफ़ कार्रवाई के लिए कहा है। साथ ही पूरे मामले पर रिपोर्ट भी माँगी है। लेकिन, ममता सरकार ने रिपोर्ट की माँग को केंद्र का अनावश्यक दखल करार दिया है। वहीं, भाजपा नेता राहुल सिन्हा का कहना है कि सुरक्षाबलों की इस हरकत को लेकर वह अदालत तक जाएँगे।

गौरतलब है शनिवार (जून 8, 2019) को बशीरहाट में झंडा हटाने को लेकर हुए भाजपा और टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच विवाद के बाद हिंसक घटना हुई थी। शनिवार को हुए विवाद में भाजपा के 5 और टीएमसी के 1 कार्यकर्ता के मारे जाने की खबर थी।

भाजपा नेता मुकुल रॉय ने बशीरहाट के संदेशखली में तृणमूल के लोगों पर आरोप लगाया कि उन्होंने भाजपा के 4 कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी। रॉय के अनुसार तृणमूल के गुंडों ने उनके कार्यकर्ताओं पर हमला किया, जिसमें 4 लोगों को गोली मार दी गई। रॉय का कहना है कि तृणमूल नेता और ममता बनर्जी क्षेत्र में आतंक फैलाने में शामिल हैं।

दैनिक भास्कर में छपी रिपोर्ट के मुताबिक रॉय ने बताया है कि उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह, कैलाश विजयवर्गीय और राज्य के अन्य नेताओं को इस घटना की जानकारी दे दी है। अब हिंसा वाले क्षेत्र में सांसदों की एक टीम जाएगी और गृह मंत्री को इसकी रिपोर्ट भेजेगी।

बंगाल पर राष्ट्रपति शासन का खतरा: गृह मंत्रालय ने माँगी 24 परगना की हिंसा पर ममता सरकार से रिपोर्ट

लोकसभा चुनाव नतीजे आने के बाद से पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में राजनीतिक हिंसा का दौर जारी है। उत्तर 24 परगना के बशीरहाट संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत संदेशखाली में शनिवार (जून 08, 2019) को तृणमूल और भाजपा के बीच हुए संघर्ष में 6 लोगों के मारे जाने की घटना को लेकर राज्य का राजनीतिक पारा काफी चढ़ा हुआ है। हिंसा के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य सरकार से तथ्यात्मक रिपोर्ट देने के अलावा सरकार के लिए एक निर्देशिका भी जारी कर दी है। हिंसा के बीच पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी सोमवार (जून 10, 2019) को नई दिल्ली जा रहे हैं। इस क्रम में उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से होने वाली है।

‘चुनाव के बाद हिंसा राज्य सरकार की विफलता का परिचय’

गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया कि लोकसभा चुनाव के बाद भी हिंसा राज्य सरकार की नाकामी को बताती है।
पश्चिम बंगाल सरकार को दिए परामर्श में गृह मंत्रालय ने उनसे कानून व्यवस्था, शांति और सार्वजनिक अमन बनाए रखने को कहा। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से राज्य सरकार से पूरे मामले पर रिपोर्ट तलब भी किया गया है।

परामर्श में कहा गया है कि पिछले कुछ सप्ताहों में जारी हिंसा राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने और जनता में विश्वास कायम करने में राज्य के कानून प्रवर्तन तंत्र की नाकामी लगती है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि केंद्र सरकार ने आम चुनाव के बाद भी पश्चिम बंगाल में जारी हिंसा पर गहरी चिंता प्रकट की।

परामर्श के अनुसार यह सुनिश्चित करने की पुरजोर सलाह दी गई है कि कानून व्यवस्था, शांति और सार्वजनिक अमन चैन बनाए रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएँ। इसमें अपनी जिम्मेदारी निभाने में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

हाल ही में पश्चिम बंगाल के 24 परगना में टीएमसी और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी। मामले की जाँच कर रही पुलिस के अनुसार यह पूरा मामला पार्टी के झंडे को उतारने से शुरू हुआ था। वहीं एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “2 बीजेपी समर्थक बालूशंखली में मारे गए और एक टीएमसी समर्थक की भी हत्या हुई है।”

यदि ग्रामीणों की मानें तो कुछ लोग अभी भी लापता हैं। पुलिस ने लापता लोगों का पता लगाने के लिए तलाशी अभियान शुरू किया है। इस मामले पर 9 जून को पश्चिम बंगाल बीजेपी प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात की। उन्होंने कहा, “सांसदों की एक टीम संदेशखली का दौरा करेगी और गृह मंत्री को एक रिपोर्ट भेजेगी, हम इसका लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करेंगे।”

राज्यपाल और पीएम मोदी की आगामी मुलाकात उत्तरी 24 परगना के संदेशखली में भड़की हिंसा के बाद होना इस बात का संकेत है कि बंगाल पर राष्ट्रपति शासन के बादल मंडराने लगे हैं। राज्यपाल त्रिपाठी इससे पहले कई बार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पंचायत चुनाव में भड़की हिंसा को लेकर सार्वजनिक तौर पर नाराजगी जता चुके हैं। अब तक वर्तमान हिंसा पर उन्होंने कोई बयान नहीं दिया है।

नाबालिग के साथ कई बार रेप कर गर्भवती बनाने वाला 50 वर्षीय ‘पीर बाबा’ J&K से गिरफ़्तार

जम्मू कश्मीर के रामबन से एक चौंकाने वाली ख़बर सामने आई है। यहाँ स्थानीय लोगों द्वारा ‘पीर बाबा’ के नाम से पुकारे जाने वाले इस्लामिक उपदेशक पीर कासिम को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस के अनुसार, पीर ने एक-दो बार नहीं बल्कि कई बार पीड़ित नाबालिग लड़की का बलात्कार किया। मामला तब सामने आया जब परिजनों ने पाया कि पीड़िता गर्भवती है। इस घटना के बाद ‘पीर बाबा’ पुलिस से बचने के लिए लगातार जगह बदल-बदल कर रह रहा था लेकिन अंततः शुक्रवार (जून 7, 2019) को उसे बनिहाल क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया गया।

पीड़ित नाबालिक लड़की को गर्भवती पाए जाने के बाद परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी एवं ‘पीर बाबा’ के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कराया गया।

आरोपित पीर कासिम 50 वर्ष का है। उसके ख़िलाफ़ पुलिस मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई कर रही है।

RBI की रिपोर्ट: नोटबंदी से डिजिटल पेमेंट को मिला बढ़ावा, Aadhaar KYC ने की मदद

नोटबंदी को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक ने एक बड़ा बयान जारी करते हुए कहा है कि नोटबंदी के बाद से देश में डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहन मिला है और आधार कार्ड से इलेक्ट्रॉनिक केवाईसी किए जाने से भी इसमें काफी इजाफा हुआ है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है।

भुगतानकर्ता और भुगतान प्राप्तकर्ता की ओर से डिजिटल मोड से धन भेजने या प्राप्त किए जाने से होने वाले ट्रांसफर को डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक भुगतान कहा जाता है। रिजर्व बैंक की रिपोर्ट में यह भी पता चला है कि सर्कुलेशन में मौजूद नकदी के मुकाबले एटीएम से निकासी का अनुपात भारत में बाकी देशों के मुकाबले सबसे कम है। यह कैश रिसाइक्लिंग में कमी का प्रतीक है। कैश रिसाइक्लिंग का मतबल नकदी निकासी, भुगतान और फिर से बैंक में जमा करवाने से है। 

आरबीआई की रिपोर्ट ‘बेंचमार्किंग इंडियाज पेमेंट सिस्टम्स‘ में कहा गया है कि पिछले 4 साल में भारत में खुदरा इलेक्ट्रॉनिक भुगतान में 50% से ज्यादा का इजाफा हुआ। रिपोर्ट के अनुसार, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) में जबरदस्त बढ़ोतरी के कारण मुख्य रूप से 2018-19 में इसमें इजाफा हुआ है।

RBI की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में स्मार्टफोन के इस्तेमाल में आई क्रांति से डिजिटल भुगतान के विकल्पों में जबरदस्त वृद्धि हुई। रिपोर्ट के अनुसार, नोटबंदी के बाद ई-मनी में व्यापक पैमाने में तेजी आई है।

ई-मनी, यूपीआई, आधार पेमेंट्स ब्रिज सिस्टम (एपीबीएस), रुपे और भारत बिल पेमेंट सिस्टम (बीबीपीएस) व अन्य के इस्तेमाल ज्यादा होने से डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में बदलाव आया। रिपोर्ट के अनुसार साल 2017 में भारत में ई-मनी के जरिए ₹345.9 करोड़ ट्रांसफर हुए। इस मामले में भारत सिर्फ जापान और अमेरिका से पीछे रहा। हालाँकि, चीन का इस संबंध में आँकड़े उपलब्ध नहीं हैं। अध्ययन में यह भी उजागर हुआ कि भारत में साल दर साल डेबिट और क्रेडिट कार्ड में भी काफी बढ़ोतरी हुई।

एटीएम लगाने में चीन के बाद भारत का है दूसरा नंबर

रिपोर्ट के अनुसार 2012 से 2017 तक देश में एटीएम की सालाना ग्रोथ रेट 14% रही। हालाँकि एटीएम लगाने में भारत ने भले ही प्रगति की हो लेकिन जनसंख्या के मुकाबले एटीएम की तादात अभी भी कम है।

‘समुदाय विशेष के प्रति विरोध पैदा करने के लिए करवाई Air Strike, यह भारत में हुआ था, Pak में नहीं’

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार ने बालाकोट में भारतीय वायुसेना द्वारा की गई एयर स्ट्राइक को लेकर बेतुका बयान दिया है। एनसीपी सुप्रीमो ने कहा कि यह एयर स्ट्राइक पाकिस्तान में नहीं, बल्कि कश्मीर में हुई थी। शरद पवार का यह बयान ग़लत है क्योंकि बालाकोट पाकिस्तान के मनसेहरा जिले में आता है। मनसेहरा जिला पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रान्त के अंतर्गत आता है। अतः, पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने बालाकोट एयर स्ट्राइक को कश्मीर में बता कर ग़लती की है। पवार ने इस दौरान ‘सांस्कृतिक सम्प्रदायवाद’ की बात करते हुए कहा कि इससे भाजपा को फायदा पहुँचा है।

शरद पवार एनसीपी के दफ्तर से फेसबुक पर लाइव थे और अपनी बात रख रहे थे। शरद पवार ने इस दौरान कहा:

“मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए जो भी क़दम उठाए, इसका यह मतलब नहीं है कि भारत ने पाकिस्तान के अन्दर प्रवेश किया। लोगों को नियंत्रण रेखा और उस क्षेत्र के बारे में कोई समझ नहीं है। यही वजह है कि उन्हें लगता है कि भारत ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ बड़ी कार्रवाई की थी। लेकिन मैं आपको बता दूँ कि ऐसा कुछ भी नहीं है। यह सब सिर्फ एक विशेष समुदाय के प्रति विरोध पैदा करने के लिए किया गया था। इसने लोकसभा चुनाव में भाजपा को भारी फायदा भी पहुँचाया।”

बता दें कि बालाकोट एयर स्ट्राइक पुलवामा हमले के बदले के रूप में किया गया था। पुलवामा में पाकिस्तान समर्थित इस्लामिक आतंकियों द्वारा प्रायोजित आत्मघाती हमले में 40 सीआरपीएफ जवान वीरगति को प्राप्त हुए थे। हमले में जैश का नाम सामने आने के बाद भारत ने बालाकोट में स्थित जैश के सबसे बड़े कैम्प पर प्रहार किया और वायुसेना की इस कार्रवाई में कई आतंकियों के मारे जाने की ख़बर आई। इस कार्रवाई के बाद पीएम मोदी ने कहा था कि भारत अब पहले वाला भारत नहीं है बल्कि अब अपनी रक्षा के लिए ‘घर में घुस कर मारने’ वाला भारत है।

महाराष्ट्र में शरद पवार की एनसीपी और कॉन्ग्रेस का गठबंधन हालिया लोकसभा चुनाव में बुरी तरह फ्लॉप रहा। गठबंधन को 48 में से मात्र 5 सीटों पर जीत मिली। इसके बाद से एनसीपी सुप्रीमो लगातार आत्ममंथन में लगे हैं। उन्होंने कार्यकर्ताओं से संघ से सीखने की सलाह भी दी थी और मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा था कि पवार अब चुनाव प्रचार के लिए संघ वाली रणनीति ही अपनाने वाले हैं। महाराष्ट्र में कॉन्ग्रेस की हालत भी पतली है और कई नेताओं के भाजपा में शामिल होने के बाद प्रदेश अध्यक्ष अशोक चव्हान के ख़िलाफ़ बगावती सुर उठ रहे हैं।

मदरसे में पढ़ने वाली नाबालिग के साथ बलात्कार कर भागने वाला था मौलाना, पुलिस ने किया गिरफ़्तार

अलीगढ़ में तीन साल की मासूम बच्ची सोनम (बदला हुआ नाम) के साथ हुई निंदनीय घटना का गुस्सा अभी शांत भी नहीं हुआ था कि कानपुर में इसी तरह की एक और वारदात को अंजाम दिया गया है। इस घटना ने एक बार फिर महिला सुरक्षा अधिनियम पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक के बाद एक सामने आ रही इन खबरों ने राज्य में बढ़ रही ऐसी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर नया सवाल खड़ा कर दिया है।

अलीगढ़ की सोनम और हमीरपुर की मासूम बच्ची के बाद अब एक 16 वर्षीय नाबालिग को दरिंदगी का शिकार बनाया जाना यूपी की चरमराई कानून व्यवस्था की गवाही दे रही है। इस मामले में अभी तक सरकार की तरफ से भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। दरअसल, तीसरी बार सामने आई यह निंदनीय और शर्मनाक घटना कानपुर की है, जहाँ के नौबस्ता थाना क्षेत्र स्थित मछरिया में मुस्लिम समाज का मदरसा बना हुआ है। यहाँ मदरसे में बतौर मौलवी मोहम्मद जावेद ने परिसर में आने वाली 16 वर्षीय मासूम को अपनी हवस का शिकार बना डाला। इस ख़बर की सूचना फैलते ही इलाके में हड़कम्प मच गया।

इससे पहले कि लोग आक्रोशित होते, मौके पर पहुँची पुलिस ने मामले में तेजी दिखाई। इस घटना के सामने आने के कुछ ही देर बाद मौलवी मोहम्मद जावेद को गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं दूसरी तरफ पीड़ित नाबालिग को मेडिकल के लिए भेजकर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

लापता AN-32 को क्या उड़नतश्तरी ले गई? ये सवाल हमारा नहीं, Zee Rajasthan का है!

भारतीय वायुसेना के चीन सीमा के पास लापता AN-32 विमान और उस पर सवार 13 लोगों की खोज अभी जारी ही है कि Zee Rajasthan ने शनिवार (8 जून) को कार्यक्रम चलाया: ‘क्या एलियन ले गए विमान?’

https://youtu.be/vacHE5I4ZWg

वीडियो की शुरुआत में एक मोंटाज है भारतीय वायु सेना के ऑफिसर्स का, एयर ट्रैफिक कंट्रोल रूम, और भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों की उड़ान का। उसके बाद बताया जाता है कि कैसे भारतीय वायु सेना का विमान गायब हो गया है, और उसके बाद और विमानों के चित्र और फुटेज हैं।

वॉइस-ओवर के ज़रिए बताया जाता है कि लापता जहाज का कोई सुराग नहीं मिल रहा है, “न आसमान ने विमान को निगला, न ही विमान धरती लील गई”। वह आगे जोड़ते हैं, “न ही समंदर में समाया विमान”। इसके बाद समुद्र, नौसैनिक जहाजों और पनडुब्बी का मोंटाज होता है।

निराश एंकर की आवाज फिर आती है, “चार दिन से तलाश जारी, फिर भी हाथ खाली”। उसके बाद खुद ही पूछते हैं कि आखिर हवाई जहाज गया कहाँ। एक उड़नतश्तरी (UFO) का ग्राफ़िक आता है, जिसमें से रोशनी नीचे आ रही है, “कहीं एलियन तो नहीं ले गए विमान?” गंभीर आवाज़ में प्रश्न पूछा जाता है। इसके बाद एक स्पेसशिप के स्टेडियम में घुसने का चित्र, और एक विमान (AN-32 नहीं) के बगल में एक एलियन का ग्राफ़िक आता है।

इसके बाद एंकर पूछता है कि कहीं इस विमान का गायब होना किसी पड़ोसी ग्रह की साजिश तो नहीं। इसके बाद कुछ हॉलीवुड फिल्मों के दृश्य होते हैं। “क्या एलियन इंसानों के साथ लुका-छिपी खेल रहे हैं? अगर विमान (AN-32) इसी दुनिया में है तो उसका कोई अता-पता क्यों नहीं?” एंकर पूछता है।

ज़ी न्यूज़ की इस ख़बर में यह सवाल किया जाता है कि कहीं भारत-चीन सीमा पर एलियन तो नहीं रहते? लगातार इस बात पर वह इस पर ज़ोर दिया जाता है कि विमान ‘ऐसे ही’ नहीं गायब हो जाते, इसके पीछे कोई न कोई रहस्य तो है जिसका कोई-न-कोई तो सबूत होगा। क्या सबूत का न होना ही इसका सबूत नहीं कि विमान किसी उड़नतश्तरी के अंदर छिपा है?

इसके बाद, एंकर के माध्यम से यह कहा जाता है कि दुनिया रहस्यों से भरी पड़ी है और कुछ भी मुमकिन हो सकता है। तो विमान की गुमशुदगी में एलियंस का हाथ होने को क्यों नकारना? और अगर एलियंस नहीं ले गए, तो उसे ढूँढ़ा क्यों नहीं जा सका है? कार्यक्रम का समापन इस पर प्रश्न पर होता है कि क्या विमान को एलियंस ले गए?

‘किसी ‘मुस्लिम प्रभाकरण’ के जन्म के लिए कोई गुंजाईश नहीं रहनी चाहिए’

श्री लंका के राष्ट्रपति मत्रिपाला सिरिसेना ने बड़ा बयान देते हुए देशवासियों से अपील की है। राष्ट्रपति ने अपने देश में नागरिकों से निवेदन करते हुए कहा कि किसी “मुस्लिम प्रभाकरण” के जन्म के लिए कोई गुंजाईश नहीं छोडनी चाहिए। श्री लंका में इस वर्ष ईस्टर के दौरान हुए धमाकों में सैंकड़ों लोगों के मारे जाने के बाद द्वीपीय राष्ट्र ने कड़ी कार्रवाई करते हुए इस्लामिक कट्टरवाद को मिटाने के लिए सुरक्षा बलों व जाँच एजेंसियों को खुली छूट दे रखी है। इस मामले में सरकार को नेता प्रतिपक्ष व श्री लंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे का भी साथ मिला है।

राष्ट्रपति सिरिसेना ने कहा, “आज हमारे देश में नेतागण व धार्मिक शख्सियतें विभाजित हैं। मैं जनता से निवेदन करना चाहूँगा कि किसी मुस्लिम प्रभाकरण के जन्म के लिए कोई गुंजाईश नहीं रहनी चाहिए, ऐसा सुनिश्चित करें। अगर हम विभाजित रहते हैं और कुछ नहीं करते हैं तो पूरा देश हार जाएगा। अधिकतर नेता देश की जगह इस वर्ष होने वाले चुनावों पर ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं। यह विभाजन हमें आगे बढ़ने से रोक रहा है। मैं तमिल नागरिकों द्वारा झेली जाने वाली परेशानियों से परिचित हूँ और उन्हें हल करने के लिए प्रयास करूँगा। हमें कट्टरवाद को हावी नहीं होने देना है।

वेलुपिल्लई प्रभाकरण श्री लंका में मुख्य रूप से अस्सी व नब्बे के दशक व इक्कीसवीं सदी के पहले दशक में सक्रिय तमिल विद्रोही संगठन लिट्टे का प्रमुख था। एक बड़े ऑपरेशन में श्री लंका की सेना से उसे मार गिराया था। तमिल अधिकारों को लेकर लड़ाई करने का दावा करने वाला प्रभाकरण श्री लंका में कई हत्याओं व खूनी संघर्ष के लिए ज़िम्मेदार था।

बता दें कि अभी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी श्री लंका के दौरे पर हैं, जहाँ उन्होंने ईस्टर धमाकों के मृतकों को श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी इन धमाकों के बाद श्री लंका का दौरा करने वाले पहले राष्ट्रप्रमुख हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि श्री लंका फिर से उठ खड़ा होगा। पीएम मोदी ने वहाँ भारतीय मूल के लोगों को भी संबोधित किया। उन्होंने श्री लंका के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और नेता प्रतिपक्ष ने अलग-अलग मुलाक़ात की और कोलम्बो में अपने सम्मान में आयोजित एक भोज में हिस्सा लिया।

श्री लंका में हुए धमाकों के बाद से वहाँ कानून व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी और इस्लामिक कट्टरपंथियों की धर-पकड़ के लिए एक बड़ा अभियान चलाया गया था, जो अब भी जारी है। कट्टरवाद फैलाने वाले कई मौलवियों को देश से निकाल बाहर किया गया व कई आतंकियों को एनकाउंटर में मार गिराया गया।