तमिलनाडु की त्रिची पुलिस ने मुजीबुर रहमान नामक एक 28 वर्षीय व्यक्ति को अश्लील तस्वीरें पोस्ट करने के आरोप में शनिवार (8 जून) को गिरफ़्तार किया है। उसने तंजावुर (तंजौर) स्थित बृहदेश्वर मंदिर में एक हज़ार साल पुरानी वास्तुकला की प्राचीन मूर्तियों के साथ अश्लील मुद्रा में फ़ोटो खिंचवाई थी।
भारत के सबसे महान और सबसे पुराने मंदिरों में से एक बृहदेश्वर मंदिर में देवी की मूर्तियों के साथ अश्लील फ़ोटो खिंचवाने पर जनता और हिन्दू संगठन के कार्यकर्ताओं ने कड़ी आपत्ति दर्ज करते हुए मुजीबुर रहमान के ख़िलाफ़ पुलिस में शिक़ायत दर्ज कराई, जिसके बाद रहमान को गिरफ़्तार कर लिया गया।
Trichy Police has arrested Muji Rahman & lodged him in Trichy Central Prison. Looks like he was hiding away from Madurai at his sister’s place in Trichy. Absolutely shameless attack on Gods of other religion. pic.twitter.com/pvE2Yci4sk
— SG Suryah (@SuryahSG) June 9, 2019
दरअसल, मंदिर में देवी की मूर्तियों के साथ अश्लील मुद्रा में फ़ोटो खिंचवाने की हऱकत तब सामने आई, जब रहमान ने अपने फेसबुक पेज पर ये तस्वीरें पोस्ट कीं। इन तस्वीरों में उसे तंजावुर स्थित बृहदेश्वर मंदिर में देवी की मूर्तियों का चुंबन लेते हुए और गले लगते हुए देखा जा सकता है। इसके अलावा अपने फेसबुक पोस्ट में, रहमान ने कुछ भद्दे कमेंट्स भी किए थे, जिसमें उसने लिखा कि मूर्तियाँ ’शॉल’ से ढकी होनी चाहिए।
त्रिची पुलिस के अनुसार, रहमान, जो मूल रूप से मदुरै के ओथककदाई इलाक़े का रहने वाला है, वो त्रिची में एक फूड डिलीवरी बॉय के रूप में काम करता है। ईद के अवसर पर उसने बुधवार (5 जून) को तंजावुर स्थित बृहदेश्वर मंदिर का दौरा किया और देवी की मूर्तियों के साथ आपत्तिजनक तस्वीरें लीं।
ख़बर के अनुसार, रहमान के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 295 के तहत किसी भी वर्ग के धर्म का अपमान करने के इरादे से पूजा स्थल को चोटिल या परिभाषित करने के लिए और 295 A- जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य, जिसका उद्देश्य किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं और आस्था को अपमानित करना है के तहत यह मामला दर्ज कर लिया गया है।
कैंटोनमेंट पुलिस स्टेशन त्रिची के एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “आख़िरकार, हमने उसे शनिवार दोपहर को पकड़ लिया और उसे न्यायिक हिरासत के तहत त्रिची सेंट्रल जेल भेज दिया गया।”
तमिलनाडु के तंजावुर में स्थित बृहदेश्वर मंदिर प्राचीन भारत के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है और इसे राजा चोल के शासन में 1003 और 1010 ईस्वी के बीच बनाया गया था। बृहदेश्वर मंदिर पूरी तरह से ग्रेनाइट निर्मित है। विश्व में यह अपनी तरह का पहला और एकमात्र मंदिर है जो कि ग्रेनाइट का बना हुआ है। यह अपनी भव्यता, वास्तुशिल्प और केन्द्रीय गुम्बद से लोगों को आकर्षित करता है। इस मंदिर को यूनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित किया है।