जहाँ एक तरफ उत्तर-पूर्व और केरल के चर्चों के पादरी लगातार भाजपा व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वोट न देने की बात कर रहे थे वहीं एशिया की सबसे बड़ी कैथोलिक बिशप कॉन्फ्रेंस ने पीएम मोदी को उनकी ऐतिहासिक जीत के लिए बधाई दी है। कैथोलिक बिशप कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (CBCI) ने प्रधानमंत्री को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि वे समावेशी और शांतिमय भारत के लिए नई सरकार के साथ मिल कर काम करने को तैयार हैं। कॉन्फ्रेंस ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को भी बधाई दी है। कॉन्फ्रेंस ने ऐसे नए भारत के निर्माण की बात कही, जहाँ शांति और समृद्धि लगातार बढ़ती रहे।
कॉन्फ्रेंस ने कहा कि वह ऐसे नए भारत के लिए आशावान है और इसके लिए प्रार्थना भी करता है। बिशप कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष ओसवाल्ड कार्डिनल ग्रेसियस ने कहा, “आपको जिन महान जिम्मेदारियों को निभाने के लिए जनता ने चुना है, उसे पूरा करने के लिए भगवान आपको आवश्यक शक्ति, बुद्धिमत्ता और स्वास्थ्य प्रदान करें। इसके लिए मैं प्रार्थना करता हूँ।” मोदी को बधाई देते हुए कैथोलिक चर्च ने एक पत्र भी लिखा है। इस पत्र में लिखा गया है कि नए भारत के नज़रिए पर काम करने के लिए चर्च इच्छुक है। ये संस्था 19 करोड़ 90 लाख कैथोलिक ईसाईयों का प्रतिनिधित्व करती है।
चर्च ने लिखा कि नए भारत में युवाओं को आशा और ऊर्जा मिलेगी, महिलाओं का (ख़ासकर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली) सशक्तिकरण होगा और किसानों के लिए लम्बे समय तक के लिए प्रभावकारी अवसर पैदा किए जाएँगे। चर्च ने कहा कि बिना किसी को पीछे छोड़े हुए भारत की अर्थव्यवस्था मज़बूत होगी। चर्च ने कहा कि जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्थिर एवं प्रभवशाली सरकार चलाने के लिए स्पष्ट बहुमत दिया है और समावेशी भारत की दिशा में उनके द्वारा किए जाने वाले प्रयासों की सफलता के लिए प्रार्थनाएँ की जाएँगी।
Will work with you for an inclusive India, Catholic Church tells PM Narendra Modi: https://t.co/5ZA8IF1djO
— MADHAVA NEELAM (@NeelamMadhava66) May 26, 2019
बता दें कि इसी बिशप कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया ने मार्च 2019 में प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में मोदी सरकार की आलोचना करते हुए लिखा था कि धार्मिक मामलों में मीडिया की लापरवाही, भोजन की चॉइस को लेकर हुए कई विवाद और सांस्कृतिक भिन्नता ने सरकार की विश्वसनीयता को काफी प्रभावित किया है और अल्पसंख्यकों को असुरक्षित महसूस कराया है। संस्था ने उस समय पीएम को भेजे पत्र में अल्पसंख्यकों को लेकर चिंता जताते हुए उन्हें देश में सुरक्षित महसूस कराने की सलाह दी थी।
इस पत्र में सरकार को सभी धर्मों के त्योहारों का सम्मान करते हुए उनमें भाग लेने की सलाह दी गई थी। मार्च में पीएम को भेजे पत्र में आगे लिखा गया था कि यूजीसी, सीबीएसई, एनसीईआरटी, आईआईटी, आईआईएम, सीबीआई, ईडी और न्यायपालिका जैसे राष्ट्रीय संस्थानों और स्वायत्त निकायों को अवरोध के बिना कार्य करने की अनुमति दी जानी चाहिए और उन्हें दबाया या प्रतिस्थापित नहीं किया जाना चाहिए। बता दें कि विपक्ष द्वारा भी कमोबेश चुनाव में इन्हीं मामलों को मुद्दा बनाया गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने शानदार जीत दर्ज करते हुए पिछली बार से भी अच्छा प्रदर्शन किया है। पिछले 40 वर्षों में ऐसा पहली बार हुई है जब कोई सरकार लगातार दूसरी बार बहुमत के साथ चुन कर सत्ता में आए। ताज़ा लोकसभा चुनाव में कॉन्ग्रेस की बुरी हार हुई है और पार्टी में घमासान मचा हुआ है।