Wednesday, November 6, 2024
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‘भोला’ बनकर 2 साल तक शोषण करता रहा शफीक अहमद, FIR होने पर किया लड़की को किडनैप

अपना नाम और धर्म छुपाकर दूसरे धर्म की लड़कियों को शादी का वादा देकर उन्हें धोखा देने की घटनाएँ रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। ऐसा ही एक ताजा प्रकरण उत्तर प्रदेश के मथुरा में देखने को मिला है। यहाँ लड़की को प्रेम के जाल में फँसाने के लिए ‘भोला’ ने कई तरीके अपनाए। लड़की को यह भी झाँसा दिया कि वो उससे किसी भी कीमत पर विवाह करेगा। लड़की इस धूर्त ‘भोला’ की चाल को समझ नहीं सकी और उसके चंगुल में फँसती चली गई। अंजाम यह हुआ कि शादी का झाँसा देकर उस युवक ने इस लड़की से शारीरीक संबंध बनाए और बाद मे भेद खुलने पर उसे यातनाएँ भी दीं।

ट्रेन में हुई थी ‘भोला’ से मुलाकात

पुलिस अब इस लड़के की तलाश कर रही है। हाथरस की रहने वाली एक लड़की मथुरा में नौकरी करती थी और वो हर रोज हाथरस से ट्रेन पकड़ कर मथुरा आती थी। एक दिन ट्रेन में उसकी मुलाकात एक शख्स से हुई। इसके बाद ट्रेन में अक्सर इस लड़की की मुलाकात इस युवक से होने लगी। इस युवक ने मौका देखकर लड़की से पहचान बढ़ाने की कोशिश की और लड़की को अपना नाम भोला बताकर उससे दोस्ती भी कर ली। ट्रेन में रोज होने वाली मुलाकात पहले दोस्ती में बदली और फिर यह नजदीकी इतनी बढ़ गई कि दोनों एक-दूसरे को पसंद करने लगे। भोला ने लड़की से वादा किया कि वो उससे शादी करेगा। शादी का वादा कर भोला ने कई बार लड़की से शारीरीक संबंध भी बनाए।

शफीक अहमद निकला ‘भोला’

रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों के बीच मुलाकात और संबंधों का सिलसिला जारी था। इस बीच बीते अप्रैल 25, 2019 को अचानक लड़की को पता चला कि उसके साथ बहुत बड़ा धोखा हुआ है। लड़की को पता चला कि जिसे वो ‘भोला’ समझ रही थी या भोला के नाम से जानती थी, दरअसल उसका असली नाम शफीक अहमद है। शफीक मथुरा के राया, मोहल्ला पठानपाड़ा का रहने वाला है। यह बात पता चलते ही युवती के पैरों तले जमीन खिसक गई। प्यार में धोखा खाने के बाद इस लड़की ने शफीक से सारे रिश्ते तोड़ दिए और उसने फैसला किया कि वो अब उसे सजा जरूर दिलवाएगी।

शफीक ने अपने भाई और पिता के साथ मिलकर किया पीड़िता का अपहरण

विगत मई 01, 2019 को यह लड़की शफीक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए घर से निकली। लेकिन रास्ते में शफीक ने अपने भाई और पिता के साथ मिलकर उसका अपहरण कर लिया। करीब 5 दिनों तक यह युवती किडनैपरों के चंगुल में रही और उनकी यातनाएँ सहती रही। लेकिन एक दिन अचानक मौका पाकर युवती किडनैपर्स के चंगुल से बचकर निकल गई। मंगलवार (मई 07, 2019) को इस लड़की ने मथुरा के राया थाने में जाकर शफीक और उसके घरवालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। थाने में शिकायत दर्ज होने के बाद थाना प्रभारी इंस्पेक्टर रोहन लाल ने कहा है कि पुलिस अब इस मामले की गहराई से छानबीन कर रही है। इस मामले में पुलिस कानून के अनुसार कार्रवाई करेगी।

बालाकोट: 170 आतंकी मारे गए, मदरसा अभी भी Pak सेना के कब्जे में, विदेशी पत्रकार फ्रांसेस्का का दावा

भारत द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में किए गए एयर स्ट्राइक पर नया खुलासा हुआ है जो भारतीय दावों को और भी पुष्ट करता है। भारतीय वायु सेना द्वारा की गई एयर स्ट्राइक पर विदेशी जर्नलिस्ट ने दावा किया है कि इस स्ट्राइक में जैश-ए-मोहम्मद के 130 से 170 आतंकियों के मारे गए हैं।

पत्रकार फ्रांसेस्का मैरिनो ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि स्थानीय सूत्रों का कहना है कि शिविर में अभी भी लगभग 45 आतंकियों का इलाज चल रहा है। ये भी दवा किया गया है कि लगभग 20 लोगों की मौत इलाज के दौरान हुई। हालाँकि, उस क्षेत्र को पाकिस्तानी सेना ने अभी भी सील किया हुआ है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि घायलों का अभी भी अस्पताल में इलाज नहीं हो रहा है। उन्हें एक अस्थायी सुविधा में रखा गया है।

पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय वायु सेना द्वारा 26 फरवरी 2019 को किए गए एयर स्ट्राइक पर भारत में राजनीतिक बहस जारी है। पहले भी भारतीय सेना ने इससे जुड़े कई सबूत मीडिया के सामने रखे थे। और अब एक विदेशी पत्रकार की पुष्टि ने भारतीय वायु सेना की कार्रवाई में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) आतंकवादी समूह के आतंकियों के मारे जाने का खुलासा किया है। हालाँकि, विदेशी पत्रकार ने 170 आतंकवादियों के मारे जाने को रिपोर्ट किया है।

बता दें कि बालाकोट में IAF के हवाई हमले जम्मू-कश्मीर में घातक पुलवामा आत्मघाती हमले के कुछ दिनों बाद हुए, जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के 40 जवान बलिदान हो गए थे। JeM ने हमले की जिम्मेदारी ली थी।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति द्वारा जेइएम चीफ मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध किए जाने के कुछ ही दिन बाद फ्रांसेस्का मैरिनो की यह रिपोर्ट आई है।

‘मोदी-मोदी’ नारे लगाकर दिग्विजय सिंह का रोड शो ‘हैक’ करने वालों पर दर्ज हुई FIR

2019 के आम चुनाव में मीडिया और विपक्ष, मोदी लहर को नकारने का प्रयास करता जा रहा है। लेकिन, जमीनी हकीकत ये है कि मोदी लहर सबसे ज्यादा कॉन्ग्रेस की रैलियों में ही हर दूसरे दिन देखने को मिल रही है। लहर के कारण 8 मई को भोपाल में कॉन्ग्रेस के विवादित नेता दिग्विजय सिंह के रोड शो में मोदी-मोदी के नारे लगाने वालों पर FIR दर्ज की गई। बताया जा रहा है कि 4 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। दिग्विजय भोपाल से कॉन्ग्रेस उम्मीदवार हैं और उनके सामने भाजपा ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को उतारा है।

भोपाल में बढ़ती सियासी सरगर्मी के बीच कॉन्ग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह ने कंप्यूटर बाबा के साथ शहर में रोड शो किया। इससे पहले मंगलवार (मई 07, 2019) को दिग्विजय सिंह की जीत के लिए कंप्यूटर बाबा की अगुवाई में साधु-संत समाज हठ योग पर बैठे थे।

दिग्विजय की रैली में छा गया ‘भगवा’

दिग्विजय सिंह की इस रैली में पूरा माहौल भगवा रंग में रंगा नजर आया। रैली में शामिल लोगों ने भगवा झंडा लिया हुआ था और गले में भगवा पट्टे भी ओढ़े हुए थे। इस दौरान मध्य प्रदेश पुलिस के जवान भी सादी वर्दी पहने गले में भगवा रंग का पटका डाले नजर आए। शायद इसी से बौखलाकर जब टाइम्स नाउ ग्रुप के रिपोर्टर दिग्विजय सिंह के पास पहुँचे, तो उन्होंने उसे ‘रिपब्लिक TV’ रिपोर्टर बताकर ‘पक्षपाती’ (Biased) कहकर भगा दिया और जवाब देने से मना कर दिया।

राहुल गाँधी के रोड शो में भी लगे ‘मोदी जिंदाबाद’ के नारे

धनबाद में कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के रोड शो के दौरान पीएम मोदी जिंदाबाद के नारे लगे। दरअसल, रोड शो के दौरान जब कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता ‘चौकीदार चोर है’ के नारे लगा रहे थे, तो सड़क के किनारे और घरों की छत पर खड़े लोग नरेन्द्र मोदी जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे। लोगों को यहाँ तक भी कहते सुना गया कि हमारा ‘चौकीदार प्योर है, उनका आना श्‍योर है।’ हालाँकि, कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी इस ओर ध्यान दिए बिना रोड शो करते आगे बढ़ते चले गए।

राबड़ी ने PM मोदी को बताया ‘जल्लाद’, कहा ‘वो जजों और पत्रकारों को मरवाते हैं’

बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में विवादित टिप्पणी की है। राबड़ी ने चुनाव प्रचार को बदरंग रूप देते हुए पीएम मोदी को जल्लाद कहा। इससे पहले राहुल गाँधी भी सुप्रीम कोर्ट के हवाले से ‘चौकीदार चोर है’ का नारा दे चुके हैं, जिस पर उन्हें कोर्ट में माफ़ी माँगने को मज़बूर होना पड़ा। लोकसभा चुनाव के 5 चरणों का मतदान संपन्न हो चुका है और बिहार में सभी 7 चरणों में चुनाव होने हैं। ऐसे में, बिहार का सियासी पारा अंतिम चरण के मतदान तक गर्म ही रहने की उम्मीद है। राबड़ी देवी ने प्रियंका गाँधी द्वारा पीएम मोदी को दुर्योधन कहे जाने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “प्रियंका ने नरेंद्र मोदी को दुर्योधन बोल कर ग़लत किया, वो सब तो जल्लाद हैं, जल्लाद।” पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि रोज़ जजों और पत्रकारों को मरवाने वाले लोगों का विचार खूँखार होता है।

राबड़ी देवी के पति व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव भ्रष्टाचार के आरोपों में राँची के बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं। राजद सुप्रीमो पर जेल से ही बिहार चुनाव को प्रभावित करने का आरोप है। ये ख़ुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लगाए थे, जिसके बाद उनके सेल की गहन तलाशी ली गई थी। उनकी अनुपस्थिति में राबड़ी देवी व तेजस्वी यादव राजद के चुनाव प्रचार की कमान संभाल रहे हैं। हरियाणा के अम्बाला में चुनाव प्रचार करते हुए कॉन्ग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी ने पीएम मोदी को दुर्योधन कहा था, जिस पर टिप्पणी करते हुए राबड़ी एक क़दम और आगे बढ़ गईं और मोदी को जल्लाद बता दिया। प्रियंका ने कहा था कि पीएम मोदी जैसा अहंकार और घमंड दुर्योधन में ही था। प्रियंका ने कहा था कि इस देश ने कभी ऐसे अहंकार और घमंड को माफ़ नहीं किया है।

कॉन्ग्रेस नेता संजय निरुपम ने पीएम मोदी को औरंगज़ेब बताया था। अभी हाल ही में परेश रावल ने ऐसे नेताओं की सूची जारी की थी, जिन्होंने पीएम मोदी पर भद्दी टिप्पणियाँ की हैं। अभिनेता रावल ने ऐसे सभी नेताओं व पीएम मोदी के बारे में दिए गए उनके बयानों की इस सूची को सोशल मीडिया के माध्यम से जनता के सामने रखा था।राजद नेता व लालू-राबड़ी की बेटी मीसा भारती ने कहा कि भाजपा नागपुरिया क़ानून और विचार को लेकर आगे बढ़ रही है। राबड़ी इससे पहले भी विवादित बयान दे चुकी हैं। उन्होंने अभिनेता परेश रावल को कहा कि वह रील नहीं बल्कि रियल लाइफ में भी जोकर ही हैं। उन्होंने जदयू नेताओं को भी कीड़ा बताया।

अभी यादव परिवार में अंदर ही घमासान मचा हुआ है। लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव बाग़ी हो चुके हैं और अपने ही ससुर चन्द्रिका यादव के ख़िलाफ़ चुनाव प्रचार कर रहे हैं। राबड़ी देवी ने मीडिया के माध्यम से भी उनसे घर लौट आने की अपील की थी। तेज प्रताप का आरोप है कि उनके खेमे के लोगों को टिकट नहीं दिया गया। तेजस्वी को अर्जुन मानने वाले तेज प्रताप का कहना है कि उनके भाई पार्टी में काफ़ी ग़लत लोगों से घिरे हुए हैं। इस चुनाव में राजद ने कॉन्ग्रेस, हम, वीआईपी और रालोसपा से गठबंधन किया है।

मोदी-शाह स्पीच पर कॉन्ग्रेस सांसद की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने कहा बेमतलब

सुप्रीम कोर्ट ने कॉन्ग्रेस सांसद सुष्मिता देव द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ चुनाव अभियान के दौरान की गई टिप्पणी के लिए दायर याचिका को खारिज कर दिया है। असम के सांसद ने भाजपा नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भारत के चुनाव आयोग को निर्देश जारी करने के लिए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी।


बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी को ‘भ्रष्टाचारी नंबर 1’ कहने के मामले में कॉन्ग्रेसी सांसद सुष्‍मिता देव ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में मोदी की इस टिप्पणी के खिलाफ अपील दायर की है। यहाँ तक कि कॉन्ग्रेस ने चुनाव आयोग को भी नहीं बख्शा। देव ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने इस मामले में मोदी को जो क्लीन चिट दी है वह पक्षपाती है। देव ने अपनी शिकायत में कहा है कि चुनाव आयोग ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया।

नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपुल्स एक्ट 1951 की धारा 123ए का उल्लंघन किया है। देव ने कहा कि इस तरह की टिप्पणी ऐसे उच्च पद पर बैठे व्यक्ति को करना शोभा नहीं देता। देव की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (मई 8, 2019) को सुनवाई के दौरान इसे पॉइंटलेस बताते हुए ख़ारिज कर दिया।

कॉन्ग्रेस ने याचिका में चुनाव आयोग द्वारा भाजपा नेताओं को उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों के खिलाफ क्लीन चिट देने पर आपत्ति जताई थी, और कहा था कि SC को EC को अपने फैसले को संशोधित करने का आदेश देना चाहिए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर याचिकाकर्ता चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देना चाहता है, तो एक अलग स्वतंत्र याचिका दायर करनी होगी।

इसके बाद, चुनाव आयोग ने नरेंद्र मोदी और अमित शाह के खिलाफ प्राप्त शिकायतों में से अधिकांश में कहा कि वे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं करते हैं। ऐसी स्थिति में, सुष्मिता देव ने SC में मामले में एक अतिरिक्त हलफनामा दायर कर चुनाव आयोग के फैसलों को संशोधित करने की माँग की थी।

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा कि मूल याचिका मोदी और शाह के खिलाफ शिकायतों के निपटान के लिए थी, और चुनाव आयोग पहले ही निर्णय दे चुका है।

‘शहंशाह’ वाड्रा को चौकीदार जेल के गेट तक ले आया, अब अंदर पहुँचा कर रहूँगा: PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोनिया गाँधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा पर निशाना साधा है। उन्होंने रॉबर्ट वाड्रा के ख़िलाफ़ चल रहे तमाम जाँचों का ज़िक्र करते हुए कहा कि उन्हें जेल के दरवाज़े तक खींच कर लाया गया है और जल्द ही अंदर भी पहुँचाया जाएगा। हरियाणा स्थित फतेहाबाद की रैली में पीएम मोदी ने एक विशाल जनसभा को सम्बोधित करते हुए हिसार और सिरसा में जीत का दावा किया।

हिसार और सिरसा, ये दोनों ही सीटें हरियाणा राज्य से आती हैं। हिसार से भाजपा ने बृजेन्द्र सिंह को मौक़ा दिया है, वहीं सिरसा से सुनीत दुग्गल भाजपा प्रत्याशी हैं। बृजेन्द्र सिंह केंद्रीय इस्पात मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे हैं। बृजेन्द्र हरियाणा कैडर के 1998 बैच के आईएएस हैं। बीरेंद्र ने अपने बेटे को टिकट दिए जाने के बाद मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था।

पीएम मोदी ने वाड्रा को ‘शहंशाह’ बताते हुए कहा कि चौकीदार उसे जेल के दरवाज़े तक ले आया है और अब जेल भी पहुँचाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फतेहपुर रैली को सम्बोधित करते हुए कहा:

“कॉन्ग्रेस को न तो जवानों के सम्मान की फिक्र कभी रही है और न ही किसानों के सम्मान की। इन्होंने तो किसानों की ज़मीन पर भी भ्रष्टाचार की खेती ही की है। हरियाणा और दिल्ली में जब कॉन्ग्रेस की सरकार थी, तब कैसे कौड़ियों के भाव पर किसानों की जमीन हथियाने का खेल खेला गया, आप सभी जानते हैं। कॉन्ग्रेस ने आपसे वादा किया था कि वो वन रैंक वन पेंशन लागू करेगी। ये वादा करते-करते उसने चार दशक निकाल दिए। जब आपने दबाव बनाया तो 2013-14 में चुनाव के पहले सिर्फ़ 500 करोड़ रुपए रखकर, कॉन्ग्रेस ने झूठ बोला कि वन रैंक वन पेंशन लागू कर दी गई है।”

“ये आपसे कितना बड़ा धोखा था। ‘भारत माता की जय’ बोलने पर ऐतराज जताने वाली कॉन्ग्रेस अब देशद्रोह का क़ानून हटाने की भी बात कह रही है। कॉन्ग्रेस पार्टी चाहती है कि टुकड़े-टुकड़े गैंग को, भारत को गाली देने वालों को, तिरंगे का अपमान करने वालों, नक्सलवादियों के समर्थकों को खुली छूट मिले। कॉन्ग्रेस कह रही है कि अगर दिल्ली में उसकी सरकार बनी तो जम्मू कश्मीर समेत जो हिंसा वाले इलाक़े हैं, वहाँ तैनात सैनिकों से उनका विशेष अधिकार छीन लिया जाएगा। यानी जो पत्थरबाज है, जो आतंकवाद के समर्थक हैं, कॉन्ग्रेस उनको खुली छूट देने की बात सार्वजनिक रूप से बोल रही है।

रॉबर्ट वाड्रा पर आरोप है कि वाड्रा ने बीकानेर जिले के कोलायत में 79 लाख रुपए में 270 बीघा जमीन खरीदकर तीन साल बाद उसे 5.15 करोड़ रुपए में बेच दी थी। रॉबर्ट वाड्रा के ख़िलाफ़ कई राज्यों में जमीन खरीद में अनियमितता बरतने के केस चल रहे हैं। एक अन्य मामले उन पर हरियाणा के अमीपुर गाँव में अवैध रूप से पचास एकड़ ज़मीन ख़रीदने का मामला चल रहा है। उस समय हरियाणा में कॉन्ग्रेस की सरकार थी। इस मामले की जाँच सीबीआई द्वारा की जा रही है। पिछले साल अगस्त में ही वाड्रा के खिलाफ सीबीआई ने राजस्थान में जमीन आवंटन से जुड़े अठारह मामलों में केस दर्ज किया था।

Fact Check: राजीव गाँधी के बेटे नहीं हैं राहुल गाँधी? झूठा है अमेरिकी ‘DNA विशेषज्ञ’ का दावा

आजकल जब राजीव गाँधी चुनावों में चर्चा का विषय हैं, तभी एक ऐसी तस्वीर सोशल मीडिया पर पाई गई जिसमें यह दावा किया गया है कि राहुल गाँधी राजीव गाँधी के पुत्र नहीं हैं। सोशल मीडिया पर कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी को लेकर इन दिनों अजीबो-गरीब दावा किया जा रहा है। जब राहुल गाँधी, ‘चौकीदार चोर है’ जैसी टिप्पणी पर माफ़ी माँगने और EVM हैक होने के नारों में व्यस्त है, उसी समय उनकी नाक के नीचे एक बेहद अजीबोगरीब और निंदनीय दावा ‘अमेरिकी DNA विशेषज्ञ’ के नाम से खूब चलाया जा रहा है।

दरअसल, अखबार की एक कटिंग इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि राहुल गाँधी, राजीव गाँधी के बेटे ही नहीं हैं। इस कटिंग में अमेरिकी डीएनए विशेषज्ञ मार्टिन सिजो के हवाले से इस खबर को लिखा गया है। दावा किया गया है कि मार्टिन सिजो के पास राजीव गाँधी और राहुल गाँधी के DNA हैं, जो अलग-अलग हैं।

अमेरिकी डीएनए विशेषज्ञ मार्टिन सिजो का दावा

इस अखबार की कटिंग को ट्विटर से लेकर फेसबुक पर कुछ लोगों द्वारा तत्परता से शेयर किया जा रहा है। एक सोशल मीडिया यूजर ने यह तस्वीर शेयर करते हुए लिखा है, “तुम EVM-EVM खेल रहे और यहाँ तो DNA भी हैक निकला। डॉ मार्टिन का दावा है राजीव गाँधी और राहुल गाँधी DNA आपस मे मैच नहीं होता। ध्यान दीजिए डॉ साहब ने प्रियंका पर ये दावा नहीं किया। डॉ साहब भारत आकर प्रेस कॉन्फ्रेंस को तैयार हैं। सिब्बल जी कृपया संज्ञान लें।”

मजे की बात ये कि खबर में दावा किया जा रहा है कि कथित डीएनए विशेषज्ञ मार्टिन सिजो भारत आकर इस बात के सुबूत देने के लिए तैयार हैं।

क्या है सच्चाई?

डॉ मार्टिन के नाम के किसी शख़्स का ज़िक्र हमें इंटरनेट पर नहीं मिला जो ऐसे दावे कर रहा हो। साथ ही, कॉन्ग्रेस पार्टी ने भी इस तरह की ख़बरों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। इससे सामने यही निकल कर आता है कि ये पूर्णतः एक फर्जी खबर है और राहुल गाँधी की छवि को धूमिल करने की कोशिश है।

हाल ही में राहुल गाँधी की नागरिकता पर भी सवाल उठे थे और मामला कोर्ट में है। ऐसा प्रतीत होता है कि किसी ‘गियासुद्दीन’ टाइप की अफ़वाह उड़ाने वाले गैंग ने यह खबर फैलाई है। व्हाट्सएप्प पर इस तरह की बातों को कई लोग सत्य मान लेते हैं क्योंकि यह अख़बार जैसा दिखता है। हमें ऐसी सूचनाओं को ध्यान से पढ़ कर डिलीट कर देना चाहिए। किसी भी इमेज को पुराना दिखाने के लिए इंटरनेट पर कई प्रकार के ऐप्स उपलब्ध होते हैं, जो उस पर फ़िल्टर लगाकर फोटो को पुराना जैसा बना देते हैं। ये सब बहुत ही आसानी से होता है। इन्हीं टूल्स का सहारा लेकर कुछ कुत्सित मानसिकता वाले लोग ऐसे कार्य करते हैं, जो कि बहुत ही गलत है।

निष्कर्ष

हमारी पड़ताल में सामने आया है कि सोशल मीडिया पर जो दावा किया जा रहा है, वो गलत और झूठा है। पोस्ट में जिस DNA विशेषज्ञ मार्टिन सिजो का नाम लिया जा रहा है, उस नाम का कोई भी एक्सपर्ट मौजूद नहीं है और यह सिर्फ एक फेक न्यूज़ है।

दक्षिण एशिया के सबसे बड़े सूफी दरगाह में आत्मघाती हमला: 9 की मौत, 26 घायल

दक्षिण एशिया के सबसे बड़े सूफी दरगाह के पास आतंकियों ने आत्मघाती हमला किया है। इस हमले में 9 लोगों के मारे जाने की सूचना है, जिनमें से 5 पुलिसकर्मी हैं और बाकी पाकिस्तानी नागरिक। 26 अन्य घायल भी हुए हैं, जिनका इलाज चल रहा है। यह एक आत्मघाती हमला था, जिसमें सूफी दरगाह की सुरक्षा में लगे ‘इलीट फ़ोर्स’ की गाड़ी को निशाना बनाया गया। ये धमाका सुबह 8.45 के क़रीब हुआ, जब पुलिस की मोबाइल वैन दरगाह के पास पार्क की गई थी। शुरूआती जाँच से पता चला है कि इस हमले में 7 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री का प्रयोग किया गया। किंग एडवर्ड मेडिकल यूनिवर्सिटी के मुताबिक़, 9 लोग मारे गए हैं और 4 अन्य की हालत काफ़ी गंभीर है।

ब्लास्ट के बारे में मीडिया को जानकारी देते पंजाब पुलिस के आईजी (साभार: समा टीवी)

कुछ घायल लोगों को मायो अस्पताल में दाखिल कराया गया है। ये हमला लाहौर के ‘दाता दरबार’ नामक सूफी दरगाह में हुआ, जिसे मुग़लकाल में ही बनाया गया था। पंजाब इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस आरिफ हवाज़ ने कहा कि यह 100% पुलिस पर किया गया हमला था। उन्होंने बताया कि दरगाह की सुरक्षा के लिए 24 घंटे पुलिस की तैनाती रहती है। प्रशासन अभी जनरल सिक्योरिटी अलर्ट के तहत काम कर रहा है और दरगाह पर किसी बड़े ख़तरे की आशंका नहीं है। उन्होंने बताया कि हमलावर ने दरगाह के भीतर जाने वाले सीधे रास्ते के बीच खड़े पुलिस वाहन को निशाना बनाया।

ब्लास्ट के बाद मौके पर पुलिस

इस धमाके के बाद दरगाह के भीतर उपस्थित सभी लोगों को एग्जिट गेट की तरफ़ से बाहर निकाला गया और इसे खाली करा दिया गया। अभी दरगाह के भीतर प्रवेश को सीमित कर दिया गया है। आतंकरोधी विभाग और फॉरेंसिक विभाग के लोग वहाँ धमाके से जुड़े सबूत इकट्ठे कर रहे हैं और जाँच के बाद अधिक सूचना दी जाएगी। रमजान के महीने में लाहौर व आसपास के अन्य इलाक़ों में स्थित सभी इस्लामिक धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई और और वहाँ के प्रशासन को अलर्ट रहने को कहा गया है।

हमले में क्षतिग्रस्त वाहन

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने इस हमले की निंदा की है। पुलिस विभाग ने बताया कि लाहौर में अब तक अपनी ड्यूटी निभाते हुए 306 पुलिसकर्मी मारे जा चुके हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान बुज़दार ने पुलिस से इस घटना को लेकर बृहद रिपोर्ट माँगी है और जाँच के आदेश भी दिए हैं। बुज़दार ने अपने सारे प्रस्तावित दौरों को रद्द कर सुरक्षा सम्बन्धी बैठकों में हिस्सा लिया। दाता दरबार या दाता गंज बख्श पाकिस्तान के सबसे लोकप्रिय सूफी दरगाहों में से एक है, जिसे सूफी संत अली हजवेरी की याद में बनवाया गया था। यहाँ 2010 में हुए बम धमाकों में दर्जन भर से भी अधिक लोग मारे गए थे।

‘चौकीदार चोर है’ बयान पर SC से राहुल ने माँगी बिना शर्त माफ़ी, केस बंद करने को ‘गिड़गिड़ाए’

सुप्रीम कोर्ट का हवाला देकर झूठ बोलने वाले राहुल गाँधी आज उसी सुप्रीम कोर्ट के सामने ‘गिड़गिड़ाते’ नज़र आए। राहुल गाँधी ने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में ‘चौकीदार चोर है’ वाला बयान दिया था और इसे एक तरह से अपनी पार्टी का चुनावी नारा बना दिया था। कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता से लेकर बड़े नेता तक, सभी ने इस नारे को हाथोंहाथ लिया और लोकसभा चुनाव में कॉन्ग्रेस ने इस नारे के सहारे वैतरणी पार करने की ठानी। प्रियंका गाँधी ने तो एक क़दम और आगे बढ़ कर बच्चों तक से ये नारे लगवाए। अब राहुल गाँधी ने सुप्रीम कोर्ट में अपने इस बयान के लिए ‘बिना शर्त माफ़ी‘ माँगी है। इससे पहले वह सुप्रीम कोर्ट में इस बयान के लिए ख़ेद प्रकट कर चुके थे, जिसे अदालत ने नाकाफ़ी माना था।


राहुल गाँधी द्वारा दिए गए एफिडेविड में कही गई मुख्य बातें

सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर राहुल ने माफ़ी माँगते हुए इस मामले को बंद करने की अपील की है। उन्होंने अपने ख़िलाफ़ अवमानना मामले को खत्म करने का निवेदन किया है। इस बारे में अगली सुनवाई की तारीख़ 10 मई को मुक़र्रर की गई है। राहुल गाँधी ने बयान दिया था, “अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी मान लिया है कि चौकीदार चोर है।” इसी पर राहुल गाँधी ने माफ़ी माँगते हुए अपने हलफनामे में कहा,

“मैं माननीय उच्चतम न्यायालय का सबसे ज़्यादा सम्मान करता हूँ और इज़्ज़त करता हूँ। मैंने कभी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं किया है और न ही कभी ऐसी मंशा ज़ाहिर की है। मैं माननीय उच्चतम न्यायालय का ग़लत हवाला देने के लिए बिना शर्त माफ़ी माँगता हूँ। साथ ही मैं माननीय उच्चतम न्यायालय को यह भी बताना चाहता हूँ कि ये बयान ग़ैर-इरादतन, अनजाने में असावधानी से दिया गया था। मैं आग्रह करता हूँ कि कृपया मेरी क्षमा प्रार्थना स्वीकार की जाए और मेरे ख़िलाफ़ चल रहे अवमानना मामले को बंद कर दिया जाए।”

कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के इस बयान को लेकर भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की थी, जिसके बाद यह सुनवाई प्रारम्भ हुई। जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने 15 अप्रैल को इस मामले के दाखिल किए जाने के बाद राहुल गाँधी को उनका बयान स्पष्ट करने का आदेश देते हुए कहा था कि अदालत ने कभी भी ऐसा (चौकीदार चोर है) नहीं कहा। इसके बाद राहुल गाँधी ने बहाना मारा था कि लगातार चुनाव प्रचार के कारण अचानक से उनके मुँह से ऐसा निकल गया था।

इस मामले में राहुल गाँधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने इससे पहले अदालत को बताया था कि राहुल अपने ‘चौकीदार चोर है’ वाले बयान पर कायम हैं लेकिन इसमें सुप्रीम कोर्ट के नाम लेने के लिए खेद प्रकट करते हैं। मीनाक्षी लेखी ने राहुल द्वारा माफ़ी माँगने के बाद कहा था कि आप भाग सकते हैं लेकिन आप बच नहीं सकते। उन्होंने ‘माफ़ करो सरकार’ हैशटैग का प्रयोग करते हुए ट्विटर पर राहुल को घेरा था।

रवीश ‘कौन जात हो’ के कठिन सवाल चार्टर्ड प्लेन और 100 रुपए के दलित पानी बोतल में खो गए

मेरी दिली तमन्ना है कि भाजपा हार जाए, नरेंद्र मोदी पदच्युत हो जाएँ और वो रवीश कुमार को साक्षात्कार दे दें।

दरअसल मुझसे रवीश कुमार की तड़प देखी नहीं जाती। मोदी और भाजपा द्वारा नज़रअंदाज करने पर रवीश आजकल न केवल उल जलूल लिख रहे हैं बल्कि अपने ही बनाए उसूलों की धज्जियाँ उड़ा रहे हैं।

मुझे याद है ‘साहित्य आज-तक’ के एक कार्यक्रम में रवीश कुमार ने कहा था – “ये जो नेता हेलिकॉप्टर पर चढ़कर चुनाव में घूमता है, कहाँ से? आप कहते क्यों नहीं कि ये सब चोर हैं। चोर हैं ये सब। बिना चोरी संभव है क्या ये सब?” – तालियों से गूँज उठा था वो हॉल रवीश के इस वक्तव्य से। रवीश आम दिलों की धड़कन बन कर बोलने की कोशिश करते हैं। वो मँहगे कपड़ों, ऐशो आराम के सामान और अन्य फालतू खर्चों पर गाहे-बगाहे सवाल उठाते रहे हैं।

ऐसे में 7 मई को आलीशान जहाज़ में अखिलेश यादव का साक्षात्कार लेते रवीश ख़टके। तकरीबन 100 रुपए की पानी की बोतल लिए मायावती के साथ बैठे थे रवीश। अपने प्राइम टाइम के लंबे उद्घोषणाओं और स्वनिर्धारित वसूलों की खातिर क्या अखिलेश जी का साक्षात्कार उन्हें जमीन पर उतार कर नहीं लेना चाहिए था? ज़मीन के आदमी को जमीन पर ला कर बात करने का अलग आनंद भी आता और रवीश जी अपने कहे पर टीके भी रहते। 10 रुपए की बिसल्लरी (नकली बिसलेरी) न सही 15 रुपए का एक्वाफीना ही पी लेते… इतनी महँगी पानी की बोतल पीने वाली दलित समाज की रहनुमा मायावती से वो सवाल क्यों नहीं पूछ पाए। क्या ये सारे धारदार सवाल उन्होंने सिर्फ नरेन्द्र मोदी के लिए बचा रखे हैं? या फ़िर हाथी के दाँत दिखाने के और खाने के और वाली बात सिद्ध कर रहे वो?

कठिन सवालों में यह सवाल कहाँ था कि मायावती सुप्रीम कोर्ट को जो जवाब दे रही है 6000 करोड़ रुपयों की मूर्तियों पर वो कितना जायज है। यह सवाल कहीं नहीं दिखा कि स्टेज पर अखिलेश ने जो योगी का डुप्लीकेट खड़ा करके उपहास किया, उसमें राजनीति कितनी थी? यह सवाल किसी ने नहीं सुना कि मायावती गेस्ट हाउस कांड को भुला कर मुलायम के साथ स्टेज पर खड़े होने में असहज महसूस करती हैं या नहीं। कठिन सवालों में यह सवाल भी गायब था कि पिछले साल के दलित आंदोलन को अफ़वाहों के दम पर हवा दी गई, जिसमें ग़रीबों के दुकानों का नुकसान तो हुआ ही, करीब 12 लोगों की हत्या भी हुई। रवीश ने अखिलेश से यह नहीं पूछा कि वो जिस जहाज से उड़ते हैं, उसका पैसा कहाँ से आता है। रवीश ने ये सब नहीं पूछा क्योंकि रवीश को ये चार्टर्ड प्लेन वाली हवाई यात्रा याद रहेगी। वो भी अब कह सकेंगे कि वो भी ‘हवाई जर्नलिज़्म’ कर चुके हैं।

इस घटना से थोड़ा पिछे जाते हैं। बेगूसराय और कन्हैया सबको याद है। रवीश कुमार को संपूर्ण भारत में कन्हैया सबसे मजबूत उम्मीदवार लगा प्रधानमंत्री व भाजपा के खिलाफ। पहुँच गए लाव लश्कर समेत उनका महिमामंडन करने… एक और केजरीवाल को जन्म देने की कोशिश करने। स्टूडियो में आदर्शवादी बात करने वाले रवीश ने यहाँ भी वो सवाल नहीं पूछे जो शायद मोदी मात्र के लिए बचा कर रखा है उन्होंने। उन्होंने कन्हैया को कितने साल में डिग्री मिली नहीं पूछा… और ना ही ये कि कन्हैया बार-बार चंद्रशेखर के हत्यारे दल के नेता का पैर पकड़ने क्यों जाते हैं?

इसी बेगूसराय से जुड़ी एक और बात को समझने के लिए आइए थोड़ा और पीछे चलते हैं। जेएनयू में चुनाव का दौर था वो। एक ग़रीब किंतु अच्छा पढ़ा-लिखा वक़्ता लड़का अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार था। उसकी प्रतिभा के कायल हो रहे थे जेएनयू से जुड़े नए-पुराने लोग भी। रवीश कुमार ने भी इस लड़के की तारीफ की और प्राइम टाइम में कई फुटेज भी दिखाए। हालाँकि ये लड़का हार गया किंतु रवीश समेत कई लोग प्रभावित थे इससे। विडम्बना देखिए कि यही लड़का जयंत जिग्याशु राजद के उम्मीदवार के लिए इसी बेगूसराय में प्रचार कर रहा था किंतु रवीश जी एन वक़्त पर उसकी प्रतिभा को भुला गए। एक प्रतिभावान और संभावना से भरे लड़के से मिलकर शायद वो खुद से कोई मुश्क़िल सवाल नहीं पूछना चाहते थे।

हमने-आपने सबने देखा है रवीश रुआंसे मुँह पर कटीली मुस्कान लिए कैमरे के सामने कहते हैं – क्या आडवाणी अकेले में रोते होंगे? यही रवीश कभी राहुल गाँधी से यह नहीं पूछ पाए कि पार्टी में आपसे अधिक अनुभवी और विद्वान जयराम रमेश, मणिशंकर अय्यर, शशि थरूर, पवन बंसल आदि-आदि क्यों उपेक्षित हैं? देश के लोकतंत्र की चिंता से पूर्व परिवार की चाटुकारिता से परहेज करते हुए क्यों राहुल गाँधी अपने दल में लोकतंत्र नहीं ला पाते?

कुल मिलाकर रवीश वास्तविकता में मुश्क़िल सवाल न तो सामने वाले से पूछते हैं और न ही खुद से… उन्हें बड़े जहाज़, मंच पर जाकर फोटोबाजी और महँगे प्रसाधन से भी परहेज नहीं। ऐसे में मोदी जी को बिना झिझक… प्रधानमंत्री रहते रवीश के सामने बैठ कर कहना चाहिए – ‘पांडे जी तुम हमसे कम नहीं हो स्यापा करने में बे… हें हें हें हें’!