Thursday, October 3, 2024
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26 जनवरी को ‘संप्रदाय विशेष’ का देश विरोधी नारा, हथियारों से बच्चों पर हमला: MP में सबको ‘देखा’ जा रहा है!

मध्य प्रदेश में कॉन्ग्रेस की सत्ता आने के बाद सबको ‘देख लेंगे’ में अब बच्चे भी टारगेट किए जाने लगे हैं। वो भी 26 जनवरी के दिन। वो भी तब, जब वो राष्ट्रीय पर्व को उत्सव सा बनाने के लिए मंच पर मेहनत कर रहे थे, गाने की धुन पर थिरक रहे थे। घटना राजगढ़ जिले के खुजनेर की है।

तिरंगे को सलामी और राष्ट्रगान के बाद जैसे हर स्कूल में बच्चों द्वारा फ़िल्मी गानों पर कार्यक्रम करवाया जाता है, वैसा ही कुछ खुजनेर के गणतंत्र दिवस समारोह में भी हो रहा था। बच्चे गदर फ़िल्म के एक गाने को प्रस्तुत कर रहे थे। इसी दौरान ‘विशेष संप्रदाय’ कुछ लोगों ने देश विरोधी नारे लगाने शुरू कर दिए। इससे वहाँ भगदड़ की स्थिति बन गई। अफसोस, बात यहीं नहीं रुकी।

कुछ लोगों ने कार्यक्रम स्थल पर तोड़-फोड़ शुरू कर दी। देखते-देखते एक ‘विशेष संप्रदाय’ के लोग हथियार लेकर कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गए। उन्होंने डांस कर रहे बच्चों पर हमला कर दिया। भगदड़ और हथियार से हमले में कई बच्चों को चोट भी आई।

इस मामले में 12 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। पुलिस ने 16 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। मामले को तूल पकड़ता देख कर प्रशासन ने पूरे शहर में धारा 144 लगा दी। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।

मामले की तह तक जाने के लिए ऑपइंडिया की टीम ने राजगढ़ पुलिस स्टेशन को फोन किया। अफसोस, सरकारी वेबसाइट पर जो नंबर दिया गया है, डायल करने पर वो इनवैलिड बताता है।

आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में जब से कमलनाथ सरकार आई है, तब से राजनीतिक हत्याओं का दौर जारी है। लेकिन गणतंत्र दिवस पर बच्चों पर हमला अक्षम्य अपराध है, पाप है।

छत्तीसगढ़ के CM ने किया राष्ट्रीय ध्वज का अपमान, तिरंगा की जगह फहराया कॉन्ग्रेस का पुराना झंडा

गणतंत्र दिवस के मौके पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री द्वारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा के अपमान की बात सामने आ रही है। छत्तीसगढ़ के स्थानीय चैनल आईबीसी 24 ने अपने रिपोर्ट में इस बात को ज़ाहिर किया है। दरअसल गणतंत्र दिवस के मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने तिरंगा झंडा की जगह पर कॉन्ग्रेस पार्टी के पुराने झंडे को फ़हरा दिया। राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गणतंत्र दिवस के मौके पर प्रदेश कॉन्ग्रेस कार्यालय रायपुर में झंडोत्तोलन के लिए पहुँचे थे।

वीडियो में तिरंगा की जगह कॉन्ग्रेस के पुराने झंडे को फहराते हुए भूपेश बघेल को देखा जा सकता है

झंडोत्तोलन के दौरान उन्होंने तिरंगा की जगह पर 1947 से पहले के कॉन्ग्रेस पार्टी के झंडे को फहरा दिया। वीडियो में यह देखा जा सकता है कि मुख्यमंत्री ने जिस झंडा को कॉन्ग्रेस कार्यालय रायपुर में फहराया है, उसे 1931 में कॉन्ग्रेस ने अपने पार्टी का झंडा घोषित किया था। जानकारी के लिए बता दें कि इस झंडे को पिंगली वेंकैया ने कराँची में डिजाइन किया था। इस झंडे में भगवा, सफेद व हरे रंग की तीन क्षैतीज पट्टी थी। इन तीनों ही पट्टी के बीच में चरखा बना हुआ था। इस झंडे को वीडियो में देख सकते हैं।

देश के एक संवैधानिक पद पर बैठे होने के नाते भूपेश बघेल से इस तरह के गलती की उम्मीद नहीं की जा सकती है। यह देश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान है।

पिछले कई सालों से रायपुर के पुलिस परेड मैदान में गणतंत्र दिवस कार्यक्रम मनाया जाता था। लेकिन उस मैदान की जगह पर बतौर मुख्यमंत्री बघेल ने कॉन्ग्रेस कार्यालय में गणतंत्र दिवस मनाने का फ़ैसला किया। ऐसा पहली बार हुआ कि राज्य के किसी मुख्यमंत्री ने पार्टी कार्यालय में गणतंत्र दिवस के सरकारी कार्यक्रम को आयोजित किया है।

वीडियो: राफ़ेल का कॉस्ट ब्रेक-अप, पप्पू की पाठशाला में रिवाल्डो ने ली सबकी क्लास

राहुल गाँधी और कॉन्ग्रेस राफ़ेल के प्रेम में तो पहले से ही डूबे थे। लेकिन इको-सिस्टम की मजबूरी के कारण मीडिया कैसे पीछे रहती! सब-के-सब कूदी मार दिए। तर्क-पे-तर्क का दौर चला। सैकड़ों छपे, हजारों दिखे।

ऐसे में द हिन्दू के एन राम भी अपनी बेचैनी कब तक छिपाते? लिख मारे। वो भी लंबा लिखे। लेकिन कर गए फ़र्ज़ीवाड़ा। ऐसे में रिवाल्डो भैया कहाँ किसी को छोड़ने वाले! वीडियो बना के सबको खजूर वाली Data-कृत छड़ी से सोंट के सूजा दिए हैं।

मीडिया का झूठ, राहुल की रट, और सौदे का सच!

रिवाल्डो के और वीडियो देखने के लिए आप उनसे जुड़ सकते हैं इन जगहों पर:

ट्वीटर : https://twitter.com/Nitin_Rivaldo
फ़ेसबुक : https://www.facebook.com/Nitin.Rivaldo
इंस्टाग्राम : https://www.instagram.com/nitin.rivaldo

हिंदू महिला, मुस्लिम प्रेमी व लिव-इन: पति-बच्चों को छोड़ इस्लाम अपनाया लेकिन…

दिल्ली के उस्मानपुर में लव-जिहाद का एक मामला सामने आया है। इंतज़ार नाम का युवक निधि नाम की लड़की को प्यार के झांसे में लेकर लिव-इन में रहता है। जब युवती ने शादी का दबाव डाला तो मौत के घाट उतार दिया। बिजनौर के खत्रियान गाँव में रहने वाले इंतज़ार को पुलिस ने उस वक्त गिरफ़्तार किया, जब वो शव को दफन करने की कोशिश कर रहा था।

दरअसल, युवक ने युवती की हत्या दिल्ली में की और उसके बाद दिल्ली से बिजनौर जाने के लिए एक कार किराए पर लेकर निधि के शव को ठिकाने लगाने गाँव चला गया। जिसके बाद स्थानीय लोगों को उस पर शक हुआ, तो इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना पर पहुँची यूपी पुलिस ने महिला के शव को कब्जे में लेकर दिल्ली पुलिस को सौंप दिया। दिल्ली पुलिस ने आरोपी से पूतताछ कर पूरे मामले का खुलासा किया। इंतजार ने गुनाह कबूल करते हुए कहा कि शादी का दबाव बनाने के चलते दोनों में बहस हुई थी, जिसके बाद उसने निधि की हत्या की।

मामले पर डिप्टी पुलिस कमिश्नर (पूर्वोत्तर) अतुल ठाकुर ने कहा, “हमने गुरुवार को एक टीम बिजनौर भेजी और आरोपी को शनिवार को दिल्ली लाया गया।” एक पुलिस अधिकारी की मानें तो, पहले इंतज़ार ने दिल्ली में शव को एक नाले में फेंकने की कोशिश की थी, लेकिन गणतंत्र दिवस के कारण सुरक्षा व्यवस्था ज्यादा थी, इसलिए वो इसमें सफल नहीं हुआ।

फेसबुक के जरिए हुई थी दोनों की दोस्ती

इंतजार और निधि की दोस्ती फेसबुक के जरिए हुई थी। इसके बाद दोनों ने मिलना शुरू किया था। हालाँकि निधि की शादी पहले ही दिल्ली के एक व्यापारी संजय मिश्रा से हो चुकी थी। निधि के दो बच्चे भी हैं, बावजूद इसके उसने जुलाई में अपने पति को छोड़ दिया और इंतज़ार के साथ रहने लगी थी। यही नहीं उसने इस्लाम अपनाते हुए अपना नाम बदलकर इकरा रख लिया था। निधि के छोड़ने के बाद संजय ने पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी।

भारत रत्न पर अपशब्द: असमिया गायक ज़ुबीन गर्ग पर FIR

भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न को लेकर असम के प्रसिद्ध गायक ज़ुबीन गर्ग ने बेहद आपत्तिजनक बयान दिया है। भाजपा नेता सत्य रंजन बोराह ने ज़ुबीन के इस बयान के ख़िलाफ़ होजई ज़िले के लंका थाने में मुक़दमा दर्ज़ करावाया है। दरअसल सोशल मीडिया पर ज़ुबीन का एक ऑडियो वायरल हुआ है। इस ऑडियो में ज़ुबीन को देश के सम्मानजनक भारत रत्न पुरस्कार के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करते हुए सुना जा सकता है।

भाजपा नेता ने ज़ुबीन के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज कराने के बाद अपने फ़ेसबुक पर भी लिखा है

दरअसल, सोशल मीडिया के वॉट्सअप व दूसरे माध्यमों पर ज़ुबीन के वायरल होते इस ऑडियो में वो ‘पॉलिटिक्स न करिबो बंधू’ (राजनीति न करो दोस्त) गाना गाने के बाद भारत रत्न के लिए असंवैधानिक भाषा का इस्तेमाल करते दिखे।

मुक़दमा दर्ज कराने वाले भाजपा नेता सत्य रंजन बोराह ने अपने फे़सबुक पर इस मामले में अपनी तरफ से सफाई दी है। अपने फे़सबुक वॉल पर भाजपा नेता ने लिखा है कि मुझे ज़ुबीन से व्यक्तिगत स्तर पर कोई दुश्मनी नहीं है। लेकिन उन्होंने देश के जिस सर्वोच्च पुरस्कार के बारे में इस तरह का बयान दिया है, वह किसी भी तरह से क्षम्य नहीं है।

इसके अलावा भाजपा नेता ने यह भी लिखा कि ज़ुबीन अपने आप में एक संस्थान जैसे हैं। सोशल मीडिया पर उनके काफी सारे फॉलोवर हैं, इन लोगों के बीच इस तरह से अगर राष्ट्रीय सम्मान से जुड़ी बात रखी जाएगी, तो इसका परिणाम सही नहीं होगा।

जानकारी के लिए आपको बता दें कि इन दिनों ज़ुबीन गर्ग अपनी गायकी से अधिक राजनीतिक बयान देने में सक्रिय हैं। कई बार उन्होंने भाजपा के ख़िलाफ़ सरेआम बयानबाज़ी भी की है। यही नहीं नागरिकता संसोधन विधेयक पर भी ज़ुबीन ने केंद्र सरकार का विरोध किया था। देश के सर्वोच्च पुरस्कारों के लिए इस तरह की घटिया बयानबाज़ी उनकी राजनीतिक मंशा को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करता है।

रामभक्तों को अभी और करना होगा इंतज़ार, अयोध्या मामले की सुनवाई फिर टली

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अयोध्या मामले की सुनवाई को एक फिर से टाल टाल दिया गया है। 29 जनवरी को अयोध्या मामले पर पाँच जजों की बेंच में सुनवाई होनी थी। इन पाँच जजों में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के आलावा जस्टिस एसए बोबडे, डीबई चंद्रचूड़ अशोक भूषण और एस अब्दूल नज़ीर शामिल थे। लेकिन 29 जनवरी को जस्टिस बोबडे अयोध्या मामले की सुनवाई के लिए उप्लब्ध नहीं रहेंगे। इस वजह से सुनवाई को तत्तकाल प्रभाव से टाल दिया गया। बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा राम जन्म भूमि को तीन बराबर हिस्से में बाँटने वाले फ़ैसले को चुनौती देने वाली अपील पर पाँच जजों की बेंच द्वारा सुनवाई की जानी थी।

10 जनवरी को इस वजह से टली थी सुनवाई

10 जनवरी को पाँच जजों की संविधान पीठ में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के अलावा न्यायमूर्ति एसए बोबड़े, न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति उदय यू ललित और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ शामिल थे।

इस पाँच न्यायाधीशों की पीठ से जब न्यायमूर्ति यूयू ललित ने ख़ुद को अलग करने का आग्रह किया तो कोर्ट ने फ़ैसला लिया था कि अब इस मामले पर सुनवाई 29 जनवरी को नई पीठ के गठन के साथ की जाएगी। वकील राजीव धवन ने न्यायाधीश यूयू ललित पर टिप्पणी की थी कि 1994 में वो कल्याण सिंह के वकील रह चुके हैं, जिसके बाद उन्होंने ख़ुद को सुनवाई से अलग कर लिया। हालाँकि, धवन का कहना था कि उन्हें यूयू ललित से कोई समस्या नहीं थी।

इस मामले की सुनवाई आगे टलने की वजह से कई हिंदू संगठन बेहद नाराज़ हुए, जिसकी वजह से उन्होंने कोर्ट के बाहर प्रदर्शन भी किया।

आपको इस मामले पर जानकारी देते हुए बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर रजिस्ट्री दस्तावेज़ों की कॉपी माँगी है। इस मामले से संबंधित कई मूल दस्तावेज़ अरबी, फ़ारसी, संस्कृत, उर्दू और गुरमुखी में लिखे हुए हैं। वकीलों का कहना है कि इन दस्तावेज़ों के अनुवाद की भी पुष्टि की जानी चाहिए।

कैलाश विजयवर्गीय के ‘चॉकलेट’ को चाट गई मीडिया, परोस दिया झूठ – यहाँ देखें पूरा Video

कोई नेता कुछ कहता है। मीडिया सुनता कुछ और है। लिखते-छपते वो हो कुछ और जाता है। मीडिया की तोड़-मरोर कुरकुरे जितनी टेढ़ी होती जा रही है। इसमें लटपटा जाते हैं हमारे नेता। ताज़ा उदाहरण है कैलाश विजयवर्गीय का।

26 जनवरी को कैलाश विजयवर्गीय मीडिया वालों के सामने कुछ बोल रहे थे। 1 मिनट 21 सेकंड का वीडियो है। सिर्फ 1 मिनट 21 सेकंड। लेकिन देश के तमाम बड़े मीडिया हाउस ने इस वीडियो के आधार पर जो ख़बर बनाई, उसमें गच्चा खा गए। ऐसा निम्न कारणों से हो सकता (कई बार जान-बूझकर भी) है:

  • वीडियो को देखे बिना ही ख़बर बनाई
  • किसी एक ने ख़बर बनाई, उसी से कॉपी-पेस्ट का खेल चला
  • सोशल मीडिया पर किसी पार्टी ने जो पक्ष शेयर किया, उसी को आँख-मूँद कर छाप दिया

खैर! आइए देखते हैं, किस-किस ने क्या-क्या छापा:

सबसे तेज़ आज तक अपनी तेजी में मात खा गई
क्विंट ने मानो वीडियो देखना तक जरूरी नहीं समझा
साहसिक पत्रकारिता वाले इंडियन एक्सप्रेस ने कुछ ज्यादा ही साहस दिखा दिया!
अमर उजाला ने तो वीडियो ही बना डाला, काश वो बनाने के बजाय ऑरिजनल वीडियो ही लगा देते!

कैलाश विजयवर्गीय ने क्या बोला:

रिपोर्टर: करीना कपूर और सलमान खान… ऐसी माँग चल रही है कॉन्ग्रेस में। इंदौर की सीट बड़ी प्रतिष्ठित सीट है बीजेपी की, 89 से लगातार हमारे पास है। तो क्या लगता है, ये जो उत्साह है कि सितारे यहाँ से लड़ लें, कैसा दिखता है?

कैलाश विजयवर्गीय: इससे उनके आत्मविश्वास में कमी झलकती है। उनके पास लीडर नहीं हैं और चॉकलेटी चेहरे के माध्यम से चुनाव में जाना चाहते हैं… तो ये उनके अंदर के आत्मविश्वास के कमी को दर्शाता है कि वो इस प्रकार की बात करते हैं। कॉन्ग्रेस के पास कोई फेस नहीं है और इसलिए उनके पास आत्मविश्वास की कमी है, ये दिल्ली से लेकर यहाँ तक है। आत्मविश्वास रहा होता तो प्रियंका जी को चुनाव में थोड़ी लाते, तो लगता है कि हमारे लीडर को मदद की जरुरत है तो कोई करीना कपूर का नाम चलाता है, कोई सलमान खान का नाम चलाता है। कभी प्रियंका जी को ले आते हैं, इसका मतलब है ये कि राहुल जी के नेतृत्व के प्रति एक आत्मविश्वास होना चाहिए और आत्मविश्वास नहीं है देश में कॉन्ग्रेस के कार्यकर्ताओं…

यह रहा ऑरिजनल वीडियो

6 साल में 111 केस: AAP ने राजनीतिक शुचिता की चिता जला दी

पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया के कई सारे माध्यमों पर अरविंद केजरीवाल व कुमार विश्वास का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक जगह अरविंद केजरीवाल को कुमार विश्वास कहते हैं कि तुम आंदोलन को लेकर गंभीर नहीं हो। इसी वीडियो के अंत में विश्वास यह भी कहते हैं कि यह इंसान बहुत बदमाश है।

यह वीडियो कुछ साल पहले की है, जब अन्ना आंदोलन के सिपाही अरविंद केजरीवाल, कुमार विश्वास आदि चुनावी मैदान में हाथ आजमाने के लिए उतर रहे थे। उस समय कुमार विश्वास ने भले ही अरविंद के बारे में हँसी-मजाक में कुछ कहा हो लेकिन बाद में केजरीवाल वैसे ही निकले जैसा उन्होंने वीडियो में कहा था।

वह वीडियो जिसमें कुमार विश्वास अरविंद केजरीवाल को मजाक में ही पर आंदोलन को गंभीरता से लेने के लिए कहते हैं

रामलीला मैदान में जब अन्ना हजारे के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आंदोलन शुरू हुआ था तब लोगों में एक उम्मीद जगी थी। देश भर में भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ एक संदेश गया था। लेकिन जल्द ही अरविंद केजरीवाल के कर्मों की वजह से अन्ना व उनके साथियों द्वारा शुरू किए गए इस पवित्र आंदोलन से लोगों की उम्मीद टूट गई।

अरविंद केजरीवाल का नाम जब शुंगलू समिति की रिपोर्ट में आया तब अन्ना ने रालेगण-सिद्धि में पत्रकारों से बात करते हुए केजरीवाल के बारे में कहा “वह भ्रष्टाचार के खि़लाफ़ लड़ाई में मेरे सहयोगी थे, उस समय मैंने अनुभव किया कि शिक्षित नई पीढ़ी देश को भ्रष्टाचार से मुक्त कराने में सहायता कर सकते हैं। लेकिन यह एक बड़ा सपना था और मेरा सपना टूट गया।”

पत्रकारों से यह सब कहते हुए अन्ना को जो दर्द हो रहा होगा, उसे हम और आप भी महसूस कर सकते हैं। दरअसल केजरीवाल ने सिर्फ़ अन्ना का ही नहीं बल्कि देश भर की नई व पुरानी पीढ़ी के उन लाखों लोगों की उम्मीद को तोड़कर रख दिया, जिन्हें भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ अन्ना के आंदोलन से थोड़ी बहुत भी उम्मीद जगी थी।

आम आदमी पार्टी को बने हुए क़रीब 6 साल हुए हैं। इन 6 सालों में भ्रष्टाचार मिटाने आई इस पार्टी के नेताओं पर अलग-अलग मामलों में कुल 111 मुक़दमे दर्ज़ हुए। आश्चर्य की बात तो यह है ख़ुद को ईमानदार बताकर राजनीति में आए अरविंद केजरीवाल पर इस समय दर्जन भर मुक़दमे चल रहे हैं। यह बात अलग है कि उनकी पार्टी के नेताओं पर लगे क़रीब 64 मामले ख़ारिज हो गए।

राजनीति में किसी नेता पर मुक़दमा दर्ज़ होना कोई नई बात नहीं है, लेकिन ख़ुद पर लगे आरोपों को सही बताकर माफ़ी माँगने लगे तो यह निश्चित रूप से बड़ी बात है।

दरअसल, अरविंद केजरीवाल ने कई बार किसी कॉलेज में पढ़ने वाले युवाओं के तरह ही जज़्बात में आकर अनाप-शनाप बयानबाज़ी की। कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र यदि जज़्बात या बहकावे में आकर कुछ बयान देता है तो वह क्षम्य हो सकता है। लेकिन जब कोई नेता या मुख्यमंत्री अनर्गल बयानबाज़ी करके दो दिन बाद माफ़ी माँगने लगे तो यह निश्चित रूप से अक्षम्य व अशोभनीय है। बता दें कि केजरीवाल ख़ुद पर दर्ज़ मानहानी के 4 मामलों में माफ़ी माँग चुके हैं।

केजरीवाल की ही तरह उनकी पार्टी के अन्य 3 विधायकों को कोर्ट ने दोषी करार दिया है, जबकि तीन विधायकों को अलग-अलग मामले में जुर्माना लगाकर छोड़ दिया गया है। आप विधायक प्रकाश जारवाल ने महिला छेड़छाड़ मामले में जहाँ कोर्ट में एक लाख रुपए का जुर्माना भरा, वहीं सहीराम पहलवान ने सरकारी कर्मचारी से मारपीट के मामले में 2 लाख रुपए का जुर्माना भरा है। दिल्ली सरकार के मंत्री संदीप कुमार व जितेंद्र सिंह तोमर पर लगे आरोप किसी से छिपे नहीं हैं। इसी तरह आप नेताओं से जुड़े कई मामले पिछले कुछ सालों में सामने आए हैं।

इतना ही नहीं एक मीटिंग के दौरान राज्य के मुख्य सेक्रेटरी के साथ मारपीट करने के आरोप में आम आदमी पार्टी के 13 विधायकों पर भी केस चल रहा है। जिस तरह से इन 6 सालों में आप पार्टी के नेताओं पर यौन शोषण से लेकर भ्रष्टाचार तक के आरोप लगे हैं, उससे साफ़ ज़ाहिर होता है कि अन्ना के सत्याग्रह से पैदा हुए इन नेताओं ने ईमानदारी नाम की लुटिया डुबो दी है।

पुलिस के लिए ‘ठुल्ला’ जैसे शब्द इस्तेमाल करने पर भले ही केजरीवाल को कोर्ट से राहत मिली हो, लेकिन इस तरह के बयान से राजनीति जिस निचले स्तर पर गई है, वह किसी भी तरह से देश के किसी नागरिक को शोभा नहीं देता।

‘चूल्हा जलई ले नाले से पिया, नाला मा बड़ी आग है’… चाय के बाद अब बन रहा खाना

तारीख़ थी 10 अगस्त और दिन था ‘विश्व जैव ईंधन दिवस’ और प्रधानमंत्री मोदी गैर-जीवाश्म ईंधन के बारे में जागरूकता फैलाने वाले एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने एक ऐसे चाय बेचने वाले शख़्स का ज़िक्र किया, जो नाले से निकलने वाली गैस से चाय बनाता है।

पीएम ने कहा था, “मैंने एक अख़बार में पढ़ा था कि एक शहर में नाले के पास एक व्यक्ति चाय बेचता था। उस व्यक्ति के मन में विचार आया कि क्यों ना गंदी नाले से निकलने वाली गैस का इस्तेमाल किया जाए। उसने एक बर्तन को उल्टा कर उसमें छेद कर दिया और पाइप लगा दिया। अब गटर से जो गैस निकलती थी उससे वो चाय बनाने का काम करने लगा।”

बता दें कि पीएम के इस बयान के बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल समेत कई नेताओं ने इस पर तंज कसा। केजरीवाल ने कहा था कि देश का प्रधानमंत्री पढ़ा लिखा होना चाहिए। अब केजरीवाल को कौन बताए कि पीएम तो पढ़े-लिखे थे तभी उन्होंने ऐसा कहा। शायद अब ज़रूरत केजरीवाल को फिर से पढ़ाई करने की है, क्योंकि पीएम की बात सच हो रही है। दिल्ली-एनसीआर से सटे साहिबाबाद में नाले से निकलने वाली मीथेन गैस से चूल्हे पर खाना पकाकर ग़रीबों में बाँटा जा रहा है।

7 मित्रों की मेहनत ने बदल दी लोगों की सोच

साहिबाबाद के बृज विहार इलाके में रहने वाले 7 मित्र एक साथ मिलकर इस काम को अंजाम दे रहे हैं। रिपोर्ट की मानें तो प्रॉजेक्ट में अहम भूमिका निभा रहे वीरेंद्र नॉटियाल के अनुसार नाले में चार बड़े कंटेनर लगाए गए हैं, जिसमें गैस को इकट्ठा किया जाता है। उन्होंने कहा कि इसे प्यूरिफाई करने के बाद 24 घंटे में रोज़ाना 2 से 3 घंटे जलने लायक गैस बन जाती है।  

इसके अलावा प्रोजेक्ट में अहम भूमिका निभा रहे हेमंत भारद्वाज कहते हैं कि नाले से निकलने वाली मीथेन गैस से काफी बदबू आती थी। इससे लोगों को कई बीमारियाँ हो रही थीं। हमने नाले को कवर करने के लिए कई बार निगम में आवेदन किया लेकिन प्रशासन से गुहार लगाने पर भी कुछ नहीं हुआ। इसके बाद हमने यूट्यूब की मदद ली।

नाले से मीथेन गैस निकालते हुए (फोटो साभार नवभारत टाइम्स)

यूट्यूब में बताए तरीक़े पर काम करते हुए मीथेन गैस से चूल्हा जलाने का प्लांट लगाया। इसमें क़रीब साढ़े ₹3 लाख का ख़र्च आया। हेमंत कहते हैं कि यहाँ लगाए गए चूल्हे से रोज़ाना शाम को 6 से 8 बजे तक ज़रूरतमंद बच्चों को खाना बाँटा जाता है।

‘जैविक कचरे’ के सही इस्तेमाल पर विदेशों में भी काम

आवश्यकता ही अविष्कार की जननी होती है। 17वीं शताब्दी में जर्मन के हेनिग ब्राँड नाम के एक व्यापारी का सपना था कि वो मूत्र से सोना निकाले क्योंकि दोनों का रंग एक समान था। हेनिंग ने इसके बाद 1669 में फॉस्फोरस की खोज कर दी।

इसी कड़ी में कनाडाई जैव प्रौद्योगिकी व्यापारी लूना यू का भी सपना है कि वो ख़राब पड़े कचरे का सही इस्तेमाल कर कुछ ऐसा बनाएँ जो लोगों के काम आ सके। उनका लक्ष्य ख़राब कचरे (जैविक कचरे) जैसे- सेब कोर, चिकन हड्डियों को उपयोगी सामान में बदलाने का है। वो कहती हैं कि उनका लक्ष्य है कि वो इससे कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स बनाएँ। फ़िलहाल उन्हें अपने इस लक्ष्य को पूरा करने में थोड़ी मुश्किल आ रही है, क्योंकि इन कचरों को खाली पड़ी खोखली ज़मीन को भरने के लिए भेज दिया जाता है।

Mann Ki Baat: 2019 में PM मोदी के पहले रेडियो संदेश की ABCD

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (जनवरी 27, 2019) देशवासियों से ‘मन की बात’ कार्यक्रम के माध्यम से बात की। बता दें कि रेडियो पर प्रसारित होने वाले इस कार्यक्रम की यह 52वीं कड़ी थी, लेकिन 2019 का यह पहला प्रसारण था। कार्यक्रम की शुरुआत उन्होंने कर्नाटक के टुमकुर ज़िले के डॉक्टर श्री श्री श्री शिवकुमार स्वामी जी को श्रद्धांजलि देने से की।

प्रधानमंत्री मोदी ने कठिन परिश्रम को सर्वोपरि बताया

  • कठिन परिश्रम करते हुए अपना दायित्व निभाते जाना, भगवान शिव के निवास-स्थान, कैलाश धाम में होने के समान है।
  • स्वामी जी ने अपने 111 वर्षों के जीवन काल में हज़ारों लोगों के सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक उत्थान के लिए कार्य किया।
  • उनकी ख्याति एक ऐसे विद्वान के रूप में थी, जिनकी अंग्रेज़ी, संस्कृत और कन्नड़ भाषाओं पर अद्भुत पकड़ थी।
  • किसानों का हर तरह से कल्याण हो, ये स्वामी जी के जीवन में प्राथमिकता रहती थी। सिद्धगंगा मठ नियमित रूप से पशु और कृषि मेलों का आयोजन करता था।
  • वर्ष 2007 में, स्वामी जी के शताब्दी वर्ष उत्सव समारोह के अवसर पर हमारे पूर्व राष्ट्रपति डॉ० एपीजे अब्दुल कलाम टुमकुर गए थे, तब उन्होंने पूज्य स्वामी जी के लिए एक कविता सुनाई थी।

चुनाव आयोग की व्यवस्था पर देश को गर्व होना चाहिए

इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने देश के गणतंत्र दिवस को लेकर भी अहम बाते देशवासियों से की। इसके अंतगर्त उन्होंने ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ को केंद्र में रखकर चुनाव आयोग के महत्व पर प्रकाश डाला:

  • प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे देश में चुनाव आयोग एक बहुत ही महत्वपूर्ण संस्था है, जो हमारे लोकतंत्र का अभिन्न अंग है।
  • हमारा चुनाव आयोग जिस बखूबी से इसका आयोजन करता है इसे देखकर प्रत्येक देशवासी को चुनाव आयोग पर गर्व होना स्वाभाविक है।
  • हमारे देश में यह सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाती है कि भारत का प्रत्येक नागरिक, जो एक पंजीकृत मतदाता है, registered मतदाता है – उसे मतदान करने का अवसर मिले।
  • अपने संबोधन में मतदान के महत्व को बताते हुए उन्होंने कहा कि अंडमान और निकोबार के द्वीप समूह के दूर-दराज़ के द्वीपों में भी चुनाव की व्यवस्था की जाती है।
  • इसके बाद  उन्होंने कहा कि गुजरात के गिर के जंगल में, एक सुदूर क्षेत्र में, एक पोलिंग बूथ, जो सिर्फ़ केवल 1 मतदाता के लिए है। चुनाव आयोग की इस व्यवस्था पर हमें गर्व है।
  • चुनाव आयोग हमारे लोकतंत्र की ख़ूबसूरती है। आगामी लोकसभा चुनाव में 21वीं सदी के प्रत्येक युवा मतदाताओं से अपने मताधिकार के पालन करने का आहवाहन भी किया।

नेताजी के बलिदान को देश कभी नहीं भुला सकता

कार्यक्रम में आगे बढ़ते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने अपने देश की धरती को महापुरुषों से सुसज्जित बताया और उनके त्याग, बलिदान और उनके महत्वपूर्ण योगदान को अविस्मरणीय बताया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 23 जनवरी को मनाई गई जन्म जयंती पर उन्हें याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत उनके संघर्ष को कभी नहीं भूल सकता। इसके अलावा उन्होंने उनकी विलक्षण छवि को अपने संबोधन के ज़रिए देश की जनता से साझा किया।   

  • भारत की आज़ादी के संघर्ष में अपना योगदान देने वाले वीरों को समर्पित एक museum  संग्रहालय का उद्घाटन करने के सौभाग्य पर प्रधानमंत्री मोदी ने प्रसन्नता जताई।
  • उन्होंने संग्राहलयों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इन संग्रहालयों की एक-एक ईंट में, हमारे गौरवशाली इतिहास की खुशबू बसी है, जिसके चप्पे-चप्पे पर हमारे स्वाधीनता संग्राम के वीरों की गाथाओं को बयां करने वाली बातें हैं, जो इतिहास के भीतर जाने के लिए हमें प्रेरित करती हैं।
  • कई इमारतों को सुंदर संग्राहलयों में बदल दिया गया है जो आज़ादी से अब तक बंद पड़ीं थी। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस और Indian National Army को समर्पित संग्रहालय; ‘याद-ए-जलियाँ’; और 1857 –Eighteen Fifty Seven, India’s First War of Independence को समर्पित संग्राहलय व पूरे परिसर को ‘क्रान्ति मन्दिर’ के रूप में देश को समर्पित किया गया है।
  • इसके अलावा प्रधानमंत्री ने एक वाक़्या साझा किया, जिसमें उन्होंने बताया कि जब वो लाल किले में, क्रान्ति मंदिर में, वहाँ नेताजी से जुड़ी यादों के दर्शन कर रहे थे तब उन्हें नेताजी के परिवार के सदस्यों ने एक बहुत ही ख़ास कैप, टोपी भेंट की, जिसे कभी नेताजी स्वयं पहना करते थे।
  • 30 दिसंबर 2018 को प्रधानमंत्री मोदी ने अंडमान और निकोबार में एक कार्यक्रम के दौरान ठीक उसी स्थान पर तिरंगा फहराया, जहाँ नेताजी सुभाष बोस ने 75 साल पहले तिरंगा फहराया था।
  • सुभाष चंद्र बोस ने आज़ादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई थी। “ दिल्ली चलो’,‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हे आज़ादी दूंगा”, जैसे ओजस्वी नारों से नेताजी ने हर भारतीय के दिल में जगह बनाई।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने बोस के उस अंदाज़ का भी ज़िक्र किया जब उन्होंने 1942 में रेडियो के माध्यम से ही ‘आज़ाद हिंद फौज’ और देश की जनता से संवाद किया था।
  • आजाद हिन्द रेडियो पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रम सामान्य जन के बीच काफी लोकप्रिय थे और उनके कार्यक्रमों से हमारे स्वाधीनता संग्राम के योद्धाओं को भी बहुत ताक़त मिली।

रवीन्द्रनाथ टैगोर को किया याद 

  • अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि गुरुदेव टैगोर एक चित्रकार भी थे। उन्होंने कई पशु-पक्षियों के चित्र बनाए।
  • उनकी एक ख़ास बात थी कि गुरुदेव टैगोर ने अपने अधिकांश कार्यों को कोई नाम ही नहीं दिया। क्योंकि कि उनका मानना था कि उनकी पेंटिंग देखने वाला ख़ुद ही उस पेंटिंग को समझे, पेंटिंग में उनके द्वारा दिए गए संदेश को अपने नज़रिए से जाने।

MyGov.in पर जनता द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब दिया

प्रधानमंत्री ने MyGov.in पर किरण सिदर द्वारा पूछे गए एक सवाल का जवाब दिया, जिसमें उन्होंने कई मुख्य बातें कही:

  • हमारे space programme में देश के असंख्य युवा वैज्ञानिकों का योगदान है। हम इस बात का गर्व करते हैं कि आज हमारे स्टूडेंट्स द्वारा डेवलप किए गए सैटेलाइट्स और साउंडिंग रॉकेट्स अंतरिक्ष तक पहुँच रहे हैं।
  • 24 जनवरी को हमारे विद्यार्थियों द्वारा बनाया गया ‘कलाम – सेट’ लॉन्च किया गया है। ओडिशा में यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए साउंडिंग रॉकेट्स ने भी कई कीर्तिमान बनाए हैं।
  • देश आज़ाद होने से लेकर 2014 तक जितने स्पेस मिशन हुए हैं, लगभग उतने ही स्पेश मिशन की शुरुआत बीते चार वर्षों में हुई हैं।
  • भारत ने एक ही अंतरिक्ष यान से एक साथ 104 सैटेलाइट्स लॉन्च करने का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया है। और जल्द ही चंद्रायन-2 अभियान के माध्यम से चाँद पर भारत की मौजूदगी दर्ज कराने वाले हैं।

रेडियो पर ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम की जल्द होगी शुरुआत

MyGov.in पर ही अंशुल शर्मा द्वारा पूछे गए एक अन्य सवाल के जवाब को कार्यक्रम में शामिल करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 29 जनवरी को सवेरे 11 बजे ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम के ज़रिए वो देश भर के विद्यार्थियों के साथ बातचीत करेंगे।

  • इस कार्यक्रम की ख़ास बात यह है कि इस बार स्टूडेंट्स के साथ-साथ पैरंट्स और टीचर्स भी इस कार्यक्रम का हिस्सा बनने वाले हैं। साथ ही इस बार कई अन्य देशों के स्टूडेंट्स भी इस कार्यक्रम में भाग लेंगे।
  • ‘परीक्षा पे चर्चा’ में परीक्षाओं से जुड़े सभी पहलुओं, विशेष रूप से स्ट्रेस फ्री एग्ज़ाम यानी तनाव-रहित परीक्षा के संबंध में प्रधानमंत्री स्वयं अपने नौजवान मित्रों से बात करेंगे।
  • सोशल मीडिया और नमो ऐप के माध्यम से देश की जनता इसका लाइव टेलिकास्ट भी देख सकते हैं।

“सबके लिए घर (Housing for all)” योजना पर प्रधानमंत्री मोदी ने कई बिंदुओं पर प्रकाश डाला। इस योजना के तहत 23 राज्यों के करीब 40 लाख घरों को जिओ-टैग किया गया है। इसके साथ ही मनरेगा के तहत करीब साढ़े तीन करोड़ संपत्तियों को भी जिओ-टैग किया गया।

खेलो इंडिया के तहत युवाओं की भागीदारी पर ज़ोर दिया गया

रेडियो पर प्रसारित कार्यक्रम मन की बात में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा खेलो के महत्व पर भी कई अहम बाते कही गई जिसमें खिलाड़ियों के संघर्ष का भी ज़िक्र किया गया:

  • खेलो इंडिया में कई युवा खिलाड़ी सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि जनवरी महीने में पुणे में खेलो इंडिया यूथ गेम्स में 18 गेम्स में करीब 6,000 खिलाड़ियों ने भाग लिया।
  • मुक्केबाज़ी में युवा खिलाड़ी आकाश गोरखा और महाराष्ट्र की अंडर-21 महिला कबड्डी टीम की कप्तान सोनाली हेलवी का संघर्ष भी देश की जनता से साझा किया।
  • कर्नाटक से एक किसान की बेटी अक्षता बासवानी कमती ने वेटलिफ्टिंग में स्वर्ण पदक जीता। उसने जीत का श्रेय अपने पिता को दिया।
  • खेलो इंडिया की ये कहानियाँ बता रही है कि न्यू इंडिया के निर्माण में सिर्फ बड़े शहरों के लोगों का योगदान नहीं है  बल्कि छोटे शहरों, गाँव, कस्बों से आने वाले युवाओं-बच्चों का भी बहुत बड़ा योगदान है।

‘टॉयलेट चमकाने’ के अनोखे कॉन्टेस्ट पर जानकारी

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने टॉयलेट चमकाने के कॉन्टेस्ट के बारे में भी कुछ बातें कही जिनका सरोकार देश की जनता से सीधे तौर पर है।      

  • पिछले लगभग एक महीने से चल रहे इस अनोखे कॉन्टेस्ट में 50 लाख से अधिक शौचालयों ने हिस्सा ले भी लिया है।
  • इस अनोखे कॉन्टेस्ट का नाम है “स्वच्छ सुन्दर शौचालय”। लोग अपने शौचालय को स्वच्छ रखने के साथ-साथ उसे रंग-रौगन करके, कुछ पेंटिंग्स बना कर सुन्दर भी बना रहे हैं।
  • आपको कश्मीर से कन्याकुमारी, कच्छ से कामरूप तक की “स्वच्छ सुन्दर शौचालय” की ढ़ेर सारी फोटोज़ सोशल मीडिया पर भी देखने को मिल जाएँगी।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ‘स्वच्छ सुन्दर शौचालय’ की फ़ोटो को #MylzzatGhar के साथ सोशल मीडिया पर ज़रूर शेयर करने की अपील भी की।
  • 5,50,000 से अधिक गांवों ने और 600 ज़िलों ने स्वयं को खुले में शौच मुक्त घोषित कर दिया है और ग्रामीण भारत में स्वच्छता कवरेज़ 98% को पार कर गया है।

अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 जनवरी को पूज्य बापू की पुण्यतिथि का ज़िक्र किया और कहा कि उस दिन 11 बजे पूरा देश शहीदों को श्रद्धांजलि देता है। इसके अलावा उन्होंने देश की जनता से अपील की कि वो जहाँ कहीं भी हों, दो मिनट शहीदों को ज़रूर श्रद्धांजलि दें। अंत में प्रधानमंत्री ने 2019 की यात्रा को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाने की कामना की और अपनी शुभकामनाओं और धन्यवाद के साथ कार्यक्रम का समापन किया।