Wednesday, October 2, 2024
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MP: कर्ज़माफ़ी को लेकर समस्या सुनाने गए लोगों को कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा

मध्य प्रदेश के देवास में कॉन्ग्रेस सरकार के मंत्री जीतू पटवारी से मिलने पहुँचे लोगों पर कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं का कहर टूट पड़ा। दरअसल कुछ लोग कर्ज़माफ़ी को लेकर किसानों की दिक्कतों को बताने के लिए मंत्री से मिलने के लिए आए थे। लेकिन जल्द ही मंत्री से मिलने पहुँचे लोगों और कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच की बहस हाथापाई में बदल गई।

इसके बाद कॉन्ग्रेसी कार्यकर्ता लोगों को दौरा-दौरा कर पीटने लगे। जिन लोगों की पिटाई हुई उन्होंने खुद को मजदूर संगठन से जुड़ा हुआ बताया है। कॉन्ग्रेस के कोप के शिकार इन लोगों ने मीडिया को बताया कि कर्ज़ माफ़ी के संबंध में किसानों की समस्या सुनाने के लिए वो सभी मंत्री के पास आए थे। जिसके बाद मामूली-सी बात पर कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं ने पीटना शुरू कर दिया।

जानकारी के लिए बता दें कि मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार द्वारा किसानों की क़र्ज़माफ़ी की घोषणा के बाद किसानों की मुश्किलें ख़त्म होने के बजाए बढ़ती ही जा रही हैं। क़र्ज़माफ़ी को लेकर सरकारी दफ़्तरों में चिपकाई जा रही सूची में किसी के नाम ₹13 तो किसी के नाम के आगे ₹30 की क़र्ज़माफ़ी है। क़र्ज़माफ़ी के मुद्दे पर 15 साल बाद सत्ता में आई कॉन्ग्रेस की कमलनाथ सरकार के इस रवैये से जनता बेहद परेशान है।

किसानों के लिए जारी क़र्ज़माफ़ी की लिस्ट में निपानिया के रहने वाले एक किसान शिवपाल का भी नाम है। शिवपाल पर बैंक के ₹20,000 से ज्यादा का कर्ज़ है। लेकिन सरकार द्वारा जारी लिस्ट में उनके नाम के आगे ₹13 की क़र्ज़माफ़ी की गई है। शिवपाल ने अपने बयान में कहा, “सरकार क़र्ज़ माफ़ कर ही रही है तो मेरा पूरा क़र्ज़ माफ़ होना चाहिए, ₹13 की तो हम बीड़ी पी जाते हैं।”

7वाँ वेतन आयोग: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए तोहफ़ों की बरसात

दो लाख सरकारी कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार ने तोहफ़ों की बरसात करते हुए 7वें वेतन आयोग की कई सिफ़ारिशों को हरी झंडी दे दी है। बता दें कि इन सिफ़ारिशों को 2 साल पहले ही मंजूरी मिल गई थी लेकिन अब तक इसे किसी कारणवश लागू नहीं किया जा सका था। अब सरकार ने उन्हें खुशखबरी देने की तैयारी कर ली है। सरकार ने कैश और ट्रेजरी का काम देखने वाले कर्मचारियों के भत्तों में 300 फीसदी की बढ़ोतरी करने का ऐलान किया है।

केंद्र सरकार ने हैंडलिंग अलॉएन्स और ट्रेजरी अलॉएन्स को मिला कर एक करने का फ़ैसला लिया है। इस प्रस्ताव के पास होने के बाद अब इसे हैंडलिंग एंड ट्रेजरी अलॉएन्स के नाम से जाना जाएगा। नया साल शुरू होते ही केंद्र सरकार ने कर्मचारियों को ये सुविधाएँ देने का फ़ैसला लिया है। क़यास लगाए जा रहे हैं कि गणतंत्र दिवस के मौके पर इस सम्बन्ध में और निर्णय लिए जा सकते हैं।

इस प्रावधान से पहले भत्तों को कुल पाँच श्रेणियों में विभाजित किया गया था जो कि नक़द पर आधारित थे। ज्ञात हो कि केंद्र सरकार अभी 50 हजार रुपए तक की राशि को संभालने वाले कर्मियों को 230 रुपए, 50 हजार से 2 लाख रुपए तक की रकम संभालने वाले को 450 रुपए, 2 लाख से 5 लाख रुपए की राशि को हैंडल करने वालों को 600 रुपए, 5 लाख से 10 लाख रुपए को संभालने वालों को 750 रुपए और दस लाख से ज्‍यादा की राशि को संभालने वाले कर्मचारियों को 900 रुपए बतौर भत्‍ता देती है।

ताज़ा प्रावधानों के तहत अब इन्हे सिर्फ़ दो श्रेणियों में रखा जाएगा। 5 लाख रुपए तक की राशि संभालने वालों को अब भत्‍ते के तौर पर 700 रुपए और 5 लाख रुपए से ज्‍यादा की रकम संभालने वालों को 1 हजार रुपए का अलाउंस दिया जाएगा।

इसके अलावे मोदी सरकार ने इंजीनियरिंग कॉलेज सहित देश भर के तकनीकी शिक्षण संस्थानों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को भी सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के तहत बढ़ा हुआ वेतन देने को मंजूरी दे दी है। इसे लेकर 1241 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं।

बता दें कि महाराष्‍ट्र सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी दे दी है और BMC के कर्मचारियों को फरवरी से इसका लाभ मिलने लगेगा। उत्तराखंड सरकार ने भी दो लाख कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत लागू सातवें वेतनमान का एरियर भुगतान करने का आदेश जारी कर दिया है।

BSF ने बंग्लादेश सीमा पर 31 रोहिंग्या रिफ़्यूजी को गिरफ़्तार कर त्रिपुरा पुलिस के हवाले किया

बंग्लादेश सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों ने 31 रोहिंग्या रिफ़्यूजी को गिरफ़्तार कर लिया है। बीएसएफ ने इन सभी को गिरफ़्तार करने के बाद त्रिपुरा पुलिस के हवाले कर दिया।

पिछले दिनों बंग्लादेश सीमा पर तैनात बॉर्डर गार्डस बांग्लादेश (BGP) के जवानों ने इन्हें अपने देश में घुसने से मना कर दिया था, जिसके बाद तीन दिनों से ये सभी बंग्लादेश सीमा पर फँसे हुए थे।

इसके बाद बीएसएफ व बीजीपी के उच्चाधिकारियों के बीच मीटिंग के बाद बीएसएफ के जवानों ने सभी रोहिंग्या रिफ़्यूजी को गिरफ़्तार करके त्रिपुरा पुलिस के हवाले कर दिया है। क्षेत्र के असिस्टेंट पब्लिक प्रॉसिक्यूटर विद्युत सूत्रधार ने मीडिया को बताया कि गिरफ़्तारी के बाद सभी रिफ़्यूजी को ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट संजन लाल त्रिपुरा के सामने पेश किया गया, जिसके बाद कोर्ट ने गिरफ़्तार किए गए सभी रोहिंग्या को 14 दिनों के न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।

इंडियन पासपोर्ट एक्ट अवेहलना के जुर्म में इन सभी पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इस मामले में अगली सुनवाई 4 फ़रवरी को ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के कोर्ट में होनी है। कोर्ट में सुनवाई को दौरान न्यायाधीश ने 7 महिला व 17 बच्चों को ₹30,000 के हिसाब से जमा करने बाद बेल लेने को ऑफ़र भी दिया, लेकिन यह रक़म जमा नहीं करने के बाद सभी को 14 दिनों के हिरासत में जेल भेजा गया।

भाजपा सरकार रोहिंग्या को देश से बाहर निकालने के लिए प्रतिबद्ध

साल 2017 में अपने म्यांमार के दौरे के समय ही प्रधानमंत्री ने इस बात की घोषणा की थी कि वो रोहिंग्याओं के निर्वासन पर विचार कर रही है। इस बात पर विचार करने के दौरान ये नहीं तय किया गया था कि इन लोगों को म्यांमार भेजा जाएगा या फिर बांग्लादेश भेजा जाएगा, क्योंकि उस समय बांग्लादेश में पहले से ही लाखों की तादाद में रोहिंग्या शरणार्थी रह रहे थे और म्यांमार इन्हें स्वीकारने के लिए किसी भी हाल में तैयार नहीं था।

ऐसे में अब 2019 के शुरुआती महीने में निर्वासन के डर से क़रीब 1300 रोहिंग्या लोगों ने बांग्लादेश में पलायन किया है, जिसकी वजह से नई दिल्ली को और केंद्रीय सरकार को काफ़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। कई बुद्धिजीवियों ने मोदी सरकार द्वारा इस मामले पर विचार किए जाने को नकारात्मकता के साथ पेश करने का भी प्रयास किया है, अलजज़ीरा की वेबसाइट पर हाल ही में आई रिपोर्ट में SAHRDC के रवि नैय्यर ने बताया कि भारत में पिछले साल से रोहिंग्या वासियों के लिए रहना बेहद मुश्किल होता जा रहा है।

रेलवे में 4 लाख युवाओं को मिलेगा रोज़गार: रेल मंत्री पीयूष गोयल

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने देश के नौजवानों के लिए नौकरियों के रूप में एक बड़ी सौगात दी है। पीयूष गोयल ने कहा, “पिछले साल हमने डेढ़ लाख लोगों को नौकरी देने का अवसर प्रदान किया था। अगले दो वर्षों में रेलवे सेवानिवृति से होने वाली वैकेंसी और अन्य वैकेंसी को मिलाकर कुल 4 लाख लोगों को नौकरी देने जा रहा है।”

उन्होंने कहा, “रेलवे में 2 लाख 30 हज़ार और वेकैंसी निकाली जाएगी। रेलवे में अभी 1 लाख 32 हज़ार पद खाली है। दो साल में 1 लाख लोग और रिटायर होने वाले हैं। लिहाज़ा पुरानी ग्रुप सी और ग्रुप डी की वेकैंसी और इस बार जो वेकैंसी रेलवे निकालने जा रहा है, उसको मिला दें तो रेलवे 2 साल में लगभग 4 लाख नई नौकरियाँ प्रदान करेगा।”

जानकारी के लिए बता दें कि साल 2018 में Railway Recruitment Board (RRB) ग्रुप सी एएलपी, टेक्नीशियन के 60 हज़ार से ज़्यादा पदों की वैकेंसी निकली गई थी। इसके अलावा पिछले वर्ष ही ग्रुप डी के 62 हज़ार 907 पदों पर भी वैकेंसी निकाली गई थी। अभी ग्रुप सी और ग्रुप डी दोनों ही भर्तियों की प्रक्रिया चल रही है।

ख़ास बात ये है कि 2 लाख 30 हज़ार नए पदों पर होने वाली भर्ती में आर्थिक रूप से कमज़ोर सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को 10% आरक्षण दिया जाएगा। ये भर्ती 2 चरणों में होगी। पहले चरण में 1 लाख 31 हज़ार 428 पदों पर भर्ती के लिए नोटिफ़िकेशन जारी किया जाएगा। ये नोटिफ़िकेशन फ़रवरी या मार्च में जारी होने की सम्भावना है। जबकि दूसरे चरण में 99 हज़ार पदों पर भर्ती के लिए मई-जून 2020 में नोटिफ़िकेशन जारी किया जाएगा।

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, “नौजवानों का जोश भारतीय रेल की सेवा में काम आए, और भारतीय रेल भी उसी जोश के साथ और अधिक सुविधाजनक व अच्छी बने। इसके लिये हम युवाओं का स्वागत करते हैं।”

भर्तियों की घोषणा के अलावा उन्होंने पिछली सरकारों को निशाने पर लेते हुए कहा, “यदि पिछ्ली सरकारों ने आज की तरह रेलवे में भारी निवेश किया होता तो आज देशवासियों को जो समस्या हो रही है वो नहीं हुई होती। इस सरकार ने जहाँ जितनी आवश्यकता है, उस पर फ़ोकस करते हुए योजनाबद्ध तरीक़े से काम किया। जिसका परिणाम आने वाले समय में देश के सामने होगा।”

2 इंजीनियर, 1 किशोर सहित 9 संदिग्ध आतंकी गिरफ़्तार, ISIS से हो सकता है लिंक

महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) ने सोमवार (जनवरी 21, 2019) को राज्य के कई इलाक़ों में छापेमारी की। इस छापेमारी में ATS को बड़ी क़ामयाबी मिली है। इस दौरान 9 संदिग्ध आतंकियों को गिरफ़्तार किया गया और कई संदिग्ध वस्तुएँ भी बरामद की गई। ठाणे और औरंगाबाद से गिरफ़्तार संदिग्धों के खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) के साथ भी लिंक हो सकते हैं। सुरक्षा एजेंसियाँ इस बारे में पड़ताल कर रही है।

ठाणे के मुंब्रा शहर में अमृत नगर, कौसा, मोती बाग और अलमास कॉलोनी इलाकों और औरंगाबाद की कैसर कॉलोनी, राहत कॉलोनी और दमडी महल इलाकों में सोमवार (जनवरी 21, 2019) को देर रात और मंगलवार को सुबह छापे मारने के बाद गिइन गिरफ़्तारियों को अंजाम दिया गया।

सूत्रों के अनुसार पकड़े गए संदिग्ध आतंकी ISIS में शामिल होने वाले थे। इनके पास से केमिकल पाउडर, एसिड पाउडर, धारदार हथियार, हार्ड ड्राइव, मोबाइल फोन, सिम कार्ड जब्त हुए हैं। साथ ही कई उर्दू की पुस्तकें भी ज़ब्त की गई है। बताया जाता है कि ये सभी सीरिया जाने की योजना तैयार कर रहे थे। वहाँ उन्हें फ़िदायीन बनने का प्रशिक्षण दिया जाने वाला था। गिरफ़्तार किए गए लोगों में मोहम्मद मजहर शेख मकैनिकल इंजिनियर है और मोहसिन खान सिविल इंजिनियर है।

इनके अलावे एक 17 वर्षीय किशोर को भी हिरासत में लिया गया है। फ़हद शाह नमक आर्किटेक्ट को भी गिरफ़्तार किया गया है। बताया जा रहा है कि इन सबको हिरासत में लेने के बाअद ATS टीम इनके घर पहुँची और फिर तलाशी ली। NBT में प्रकाशित एक ख़बर के अनुसार गिरफ़्तार मज़हर के भाई ने समाचार एजेंसी को बताया:

“मजहर औरंगाबाद में अपने एक दोस्त सलमान के निकाह में शामिल होने की बात कहकर घर से गया था। बाद में उसका मोबाइल बंद हो गया। मंगलवार को तड़के तीन बजे खुद को एटीएस का अधिकारी बताने वाले कुछ लोग उसके घर आए थे। उन्होंने घर की तलाशी लेकर कोना-कोना छान मारा था।”

ATS ने बताया कि उन्होंने कई दोनों से इन संदिग्ध आतंकियों पर नज़र रखी हुई थी और इसके लिए कई टीमों को तैनात किया गया था। गिरफ्तार संदिग्धों के खिलाफ IPC की धारा 120 बी के साथ आतंकी कानून यूएपीए की धाराएँ भी दर्ज़ की गई है। अभी इस बात का ख़ुलासा होना बाकी है कि ये सभी कहाँ-कहाँ आतंकी हमला करने की फ़िराक में थे।

आपको याद होगा कि दिसंबर 2018 में NIA 10 ने मुस्लिम युवकों को गिरफ़्तार किया था जो ISIS से प्रेरित मॉड्यूल बना कर किसी बड़े आतंकी हमले को अंजाम देने की फ़िराक में थे। उसके बाद से कई ऐसे मामले आ चुके हैं जिस से यह पता चला है कि आतंकी संगठन भारत के मुस्लिम युवकों को बरगला कर उन्हें आतंकवादी बनाने की कोशिश में जुटी है।

चीन से आगे निकल जाएगी भारतीय अर्थव्यवस्था: रघुराम राजन

रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि अर्थव्यवस्था के आकार के मामले में भारत जल्द ही चीन से आगे निकल जाएगा। राजन ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार बढ़ती जा रही है जबकि चीन की अर्थव्यवस्था की रफ़्तार धीमी पड़ गई है। विश्व आर्थिक मंच (WEF) को सम्बोधित करते हुए पूर्व RBI गवर्नर ने कहा कि दक्षिण एशियाई देशों में भारत बाकियों से बेहतर स्थिति में होगा।

अभी हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने भी अनुमान लगाया था कि 2019 में भारत की विकास दर 7.5 प्रतिशत जबकि 2020 में 7.7 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। IMF का यह भी अनुमान था कि अगले दो सालों में भारत की विकास दर चीन से अधिक रहने वाली है। IMF ने अमेरिका से तनाव के कारण चीनी अर्थव्यवस्था की रफ़्तार धीमी रहने की चिंता जताई। ज्ञात हो कि चीन अभी विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।

रघुराम राजन ने IMF के इन दावों पर अपनी मुहर लगाते हुए कहा;

“नेपाल और अफगानिस्तान अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए चीन और भारत दोनों की ही मदद ले रहे हैं। यह क्षेत्रीय कंपनियों और बैंकों के लिए बेहतर अवसर है। ऐसे कई क्षेत्र हैं जहाँ भारत निवेश कर रहा है लेकिन उसे यह दायरा और बढ़ाना होगा। उद्योगों को भी जरूरी कदम उठाने के लिए सरकार से बातचीत करनी चाहिए।

साथ ही रघुराम राजन ने भारत को सलाह देते हुए कहा कि पड़ोसी देशों से व्यापार में वृद्धि होनी चाहिए। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध से पहले जर्मनी और फ्रांस एक-दूसरे से लड़ते रहते थे लेकिन बाद में दोनों ने इस्पात और कोयले के क्षेत्र में परस्पर सहयोग से अपनी अर्थव्यवस्था को मज़बूत किया। राजन ने भारत को बिजली उत्पादन के क्षेत्र में अन्य देशों के साथ सहयोग करने की सलाह भी दी। रोज़गार सृजन पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत ही नहीं बल्कि पड़ोसी देशों में भी ये समस्या है।

बता दें कि तीन सालों तक भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर रहे राजन अभी शिकागो विश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर हैं।

छात्रा से छेड़-छाड़ के आरोप में NSUI जिलाध्यक्ष इरफ़ान गिरफ़्तार

उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर में कॉन्ग्रेस पार्टी के छात्र नेता इरफ़ान हुसैन को छेड़-छाड़ के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है। इरफ़ान शाहजहाँपुर के एनएसयूआई जिलाध्यक्ष भी थे। पिछले दिनों इरफ़ान ने अपने साथी शाहरोज, नदीम और कामरान के साथ मिलकर कॉलेज कैंपस में एक छात्रा के साथ छेड़-छाड़ की थी।

यही नहीं जब छात्रा ने इस घटना पर विरोध किया तो इरफ़ान व उसके साथियों ने छात्रा को अगवा करने की धमकी भी दी। इस मौके पर कुछ लोगों ने इरफ़ान और उसके साथियों का वीडियो बना लिया, जिसके बाद यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। पुलिस ने चारों आरोपी के खिलाफ़ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर भी यौन-शोषण का आरोप

जानकारी के लिए बता दें कि कॉन्ग्रेस पार्टी के छात्र नेता पर पहले भी इस तरह का आरोप लग चुका है। कॉन्ग्रेस पार्टी के छात्र विंग एनएसयूआई के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष फिरोज़ ख़ान पर उन्हीं के पार्टी की एक महिला ने यौन शोषण का आरोप लगाया था।

इस आरोप के बाद जाँच के लिए एनएसयूआई की तरफ़ से तीन सदस्यों की टीम गठित की गई थी। महिला ने फ़िरोज पर यह आरोप लगाया था कि वो बार-बार होटल में आने और वहीं ठहरने के लिए दवाब बना रहे थे।     

संघ के दिनों में साथियों के लिए चाय और खाना बनाता था, बर्तन भी धोता था: प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शुरूआती जीवन के कई पन्ने अभी भी अनछुए है। हाल ही में लोकप्रिय फ़ेसबुक पेज ‘ह्यूमंस ऑफ बॉम्बे’ (Humans of Bombay) के साथ साझा किए एक इंटरव्‍यू में उन्होंने अपने जीवन यात्रा के विभिन्‍न पड़ावों और अनुभवों को साझा किया है। इस कड़ी में उन्‍होंने हिमालय से लौटने के बाद के अनुभवों को साझा किया है। पढ़िए पीएम मोदी की वो कहानी, जिसने उनके जीवन की दिशा बदल दी।

हिमालय से वापस आने के बाद

उन्होंने साझा किया कि कैसे हिमालय के अनुभवों ने उनके जीवन की दिशा बदल दी, ”हिमालय से वापस आने के बाद मुझे अपने बारे में यह यक़ीन हो गया था कि मैं अपना जीवन दूसरों की सेवा में लगाना चाहता हूँ। लिहाज़ा लौटने के कुछ समय के भीतर ही मैं अहमदाबाद के लिए रवाना हो गया। इस तरह पहली बार मैं एक बड़े शहर में रहने के लिए गया, जहाँ की जीवन की गति बिल्‍कुल अलग थी। वहाँ पर मैंने यदा-कदा अपने अंकल की कैंटीन में उनकी मदद करने से शुरुआत की।”

कैसे सीखी हिंदी

प्रधानमंत्री मोदी के हिंदी सीखने की कहानी भी रोचक है, उन्होंने अन्यत्र कहा था कि ‘जब वह छोटे थे तब उन्‍हें हिंदी आती ही नहीं थी। वह रोज पिता के साथ सुबह चाय की दुकान खोला करते थे। दुकान की साफ़-सफ़ाई की जिम्‍मेदारी उनके ऊपर थी। कुछ देर में ही लोगों का आना शुरू हो जाता था। पिता जब उन्‍हें चाय देने को बोलते तो वह लोगों की बात ध्यान से सुना करते थे। ऐसे ही धीरे-धीरे उन्‍हें हिंदी बोलना आ गया।’

मैं पूर्णकालिक प्रचारक बन गया

सेवा की शुरुआत संघ की पाठशाला से हुई, “अहमदाबाद में ही अंततः मैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का पूर्णकालिक प्रचारक बन गया। वहाँ मुझे जीवन के अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों से मिलने और बातचीत करने का अवसर मिला और इसके साथ विविध क्षेत्रों में काम करने का मौका मिला। वहाँ हम सब बारी-बारी से आरएसएस कार्यालय को साफ़ रखते थे। साथियों के लिए चाय और खाना बनाते थे और बर्तन भी धुलते थे।”

व्यस्त लेकिन स्पष्ट

इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा, “वह उस पड़ाव पर जीवन की कठोरताओं के बीच व्‍यस्‍त थे लेकिन इस बात के लिए भी स्‍पष्‍ट थे कि हिमालय से जो शांति का अनुभव लेकर लौटे हैं, उसको किसी भी सूरत में नहीं जाने देंगे। इस कारण जीवन में संतुलन बनाए रखने के लिए हर साल पाँच दिन एकांतवास में जाने का निश्‍चय किया।”

एकांतवास

ख़ुद की ख़ोज में एकांतवास के अनुभव का भी ज़िक्र करते हुए उन्होंने बताया, ”कई लोगों को यह जानकारी नहीं थी कि मैं दीवाली के मौके पर 5 दिनों के लिए एकांतवास पर चला जाता हूँ। ऐसे किसी जंगल में जहाँ केवल स्‍वच्‍छ जल के अतिरिक्‍त कोई आदमी नहीं होता था। मैं उन 5 दिनों के लिए खाने की पर्याप्‍त सामग्री पैक करके ले जाता था। वहाँ कोई रेडियो या अखबार नहीं होता था और उस दौरान कोई टीवी या इंटरनेट नहीं था।” इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि वह एकांतवास उनको जीवन को हैंडल करने की ताकत देता था। उन्‍होंने कहा, “लोग कहते थे कि आप किससे मिलने जाते हो? तो मैं कहता था कि मैं अपने आप से मिलने जाता हूँ।”

अभाव लेकिन संतोष

इससे पहले की कड़ी में प्रधानमंत्री मोदी ने बताया था, “मेरे परिवार के आठ लोग 40X12 के कमरे में रहते थे। यह छोटा सा घर था, पर हमारे परिवार के लिए पर्याप्‍त था। हमारे दिन की शुरुआत सुबह पाँच बजे हो जाती थी। मेरी माँ पढ़ी-लिखी नहीं थी पर भगवान की कृपा से उनके पास एक ख़ास तरह का ज्ञान था। वह नवजात शिशुओं की हर तकलीफ़ तुरंत समझ जाती थीं। माँ के उठने से पहले ही महिलाएँ अपने शिशुओं को लेकर घर के बाहर लाइन लगाए रहती थीं।”

युवाओं को सलाह

इसी कड़ी में पीएम मोदी ने ‘युवा दोस्‍तों’ को सलाह भी दी। उन्‍होंने कहा, ”अपने जीवन की तेज गति और व्‍यस्‍त कार्यक्रम के बीच कुछ समय अपने लिए निकालें। खुद के बारे में सोंचें और आत्‍ममंथन करें। इससे आपका दृष्टिकोण बदलेगा। आप अपनी अंतरात्‍मा को बेहतर तरीक़े से समझ पाएँगे।”

गौरक्षकों द्वारा जिस उमर की मॉब लिंचिंग हुई थी, उसका बेटा गो-तस्करी में गिरफ़्तार

10 नवंबर 2018 को अलवर जिले के रहने वाले उमर खान गो-तस्करी के शक़ में मॉब लिचिंग का शिकार हो गए थे। गोविंदगढ़ थाने में दर्ज़ मुक़दमे के मुताबिक उमर पिकअप वैन में 6 गाय व बछड़े लेकर अपने दो अन्य साथियों के साथ पकड़े गए थे। इसके बाद भीड़ ने गो-तस्करी के शक में उमर को लिंच कर दिया था।

भीड़ द्वारा उमर को मारे जाने के बाद देश भर में राजस्थान व केंद्र की भाजपा सरकार पर सवाल खड़ा किया जाने लगा था। लेकिन, उमर की मॉब लिंचिंग के ठीक तीन महीने बाद उसके बेटे मकसूद खान को राजस्थान की पुलिस ने गो-तस्करी के जुर्म में गिरफ़्तार किया है। हालाँकि अब कॉन्ग्रेस इस मुद्दे को राजनैतिक रंग नहीं दे पाएगी क्योंकि वर्तमान समय में राजस्थान में कॉन्ग्रेस की ही सरकार है।

गो-तस्करी के आरोप में मकसूद के अलावा 6 अन्य लोगों की भी गिरफ़्तारी हुई है। पुलिस ने मकसूद खान पर यह आरोप लगाया है कि वह ट्रक के पीछे टैंकर में भरकर गायों की तस्करी करता था।

अलवर जिले की खड़ली पुलिस ने राजस्थान-हरियाणा बार्डर पर गो-तस्करी, पुलिस पर फ़ायरिंग, वाहनों की लूट, पुलिस पर हमला करने के जुर्म में सभी 6 पर मुकदमा दर्ज़ कर लिया है। पुलिस ने बताया कि आरोपितों के पास से 315 बोर का कट्टा, 9 जिंदा कारतूस, स्विफ्ट डिजायर कार व अंग्रजी शराब के 40 बोतल (175 ml) मौके पर से जब्त किया है।    

पीएम मोदी ने लालकिले में किया सुभाष चंद्र बोस संग्रहालय का उद्घाटन

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के लालकिले में सुभाष चन्द्र बोस संग्रहालय को आज (जनवरी 23, 2019) राष्ट्र को समर्पित किया। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 122वीं जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में लालकिले पर सुभाष चंद्र बोस संग्रहालय का उद्घाटन किया। इस संग्रहालय में सुभाष चन्द्र बोस और आज़ाद हिंद फौज से जुड़ी चीजों को प्रदर्शित किया जाएगा। आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सुभाष चन्द्र बोस के पोते चन्द्र बोस भी मौजूद थे।

संग्रहालय का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “मैं नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को उनकी जयंती पर नमन करता हूँ। वह एक ऐसे शूरवीर थे, जिन्होंने भारत को स्वतंत्र बनाने की दिशा में खुद को प्रतिबद्ध किया और सम्मान का जीवन जिया। हम उनके आदर्शों को पूरा करने और एक मजबूत भारत बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

नेताजी के इस संग्रहालय में नेताजी द्वारा इस्तेमाल की गई लकड़ी की कुर्सी और तलवार के अलावा आईएनए से सम्बंधित पदक, बैज, वर्दी और अन्य वस्तुएँ शामिल हैं। स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान आइएनए के ख़िलाफ़ जो मुक़दमा दर्ज़ किया गया था, उसकी सुनवाई लालकिले में ही हुई थी, यही कारण है कि यह संग्रहालय यहाँ पर बनाया गया है।

संग्रहालय में आने वाले लोगों को बेहतरीन अनुभव प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें फ़ोटो, पेंटिंग, अख़बार की कटिंग, प्राचीन रिकॉर्ड, ऑडियो-वीडियो क्लिप, एनिमेशन व मल्टीमीडिया की सुविधा होगी।

कुछ समय पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज़ाद हिंद फौज के द्वारा अंडमान निकोबार में फहराए गए तिरंगे के 75 साल पूरे होने पर वहाँ का दौरा किया था।

पीएम मोदी उसी जगह पर स्थित याद-ए-जलियाँ संग्रहालय (जलियाँवाला बाग घटना जो अप्रैल 13, 1919 को घटित हुई थी), प्रथम विश्वयुद्ध पर आधारित संग्रहालय, 1857 (प्रथम स्वतंत्रता संग्राम) पर संग्रहालय और भारतीय कला पर दृश्यकला संग्रहालय भी गए। नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की शहादत को समर्पित ये सभी संग्रहालय ‘क्रान्ति मंदिर’ के नाम से जाने जाएँगे।

सार्वजनिक जीवन में नेताजी को कुल 11 बार कारावास की सज़ा दी गई थी। सबसे पहले उन्हें 16 जुलाई 1921 को छः महीने का कारावास दिया गया था। 1941 में एक मुक़दमे के सिलसिले में उन्हें कोलकाता (कलकत्ता) की अदालत में पेश होना था तभी वे अपना घर छोड़कर चले गए और जर्मनी पहुँच गए। जर्मनी में उन्होंने हिटलर से मुलाकात की। अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध के लिए उन्होंने आज़ाद हिन्द फौज का गठन किया और युवाओं को ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा’ का नारा भी दिया।

प्रशासनिक सेवा छोड़कर स्वतंत्रता आन्दोलन में कूदे थे नेताजी

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस सर्वोच्च प्रशासनिक सेवा को छोड़कर देश को आज़ाद कराने की मुहिम का हिस्सा बन गए थे। इस दौरान ब्रिटिश सरकार ने उनके विरुद्द कई मुकदमे भी दर्ज़ किए।

ज्ञात हो कि जून 1944 को सुभाषचंद्र बोस ने ही प्रथम बार सिंगापुर रेडियो से एक संदेश प्रसारित करते हुए महात्मा गाँधी को देश का पिता (राष्ट्रपिता) कहकर संबोधित किया था। सन 1927 में सुभाष चन्द्र बोस ने ‘पूर्ण स्वराज’ का नारा दिया। यह पहला मौका था जब महात्मा गाँधी जी और उनके बीच संबंधों में खटास आई थी।

इसके बाद सन 1939 में बोस कॉन्ग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए खड़े हुए और बड़े अंतराल से जीत भी गए। जबकि गाँधी जी ने उन्हें चुनाव से हटने को कहा था क्योंकि वे पट्टाभिसीतारमैया को अध्यक्ष बनाना चाहते थे। इसके बाद जब गाँधी जी ने सीतारमैया की हार पर बुझे मन से भावनात्मक टिप्पणी करते हुए कहा था, “पट्टाभिसीतारमय्या की हार मेरी हार है”, तो आहत बोस ने कॉन्ग्रेस पार्टी से ही इस्तीफा दे दिया और ऑल इंडिया फारवर्ड ब्लॉक की स्थापना की। इसके बाद बोस ने आज़ाद हिंद फौज बनाई, गाँधी जी इसके ख़िलाफ़ ही रहे।