Wednesday, October 2, 2024
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MP में एक और BJP नेता की हत्या, प्लानिंग और साज़िश की बू

मध्य प्रदेश में एक और बीजेपी नेता की हत्या की कर दी गई है। मध्य प्रदेश के बरवानी ज़िले के बलवाड़ी-सेंधवा रोड पर बीजेपी नेता मनोज ठाकरे का शव मिला। सूचना मिलने पर पुलिस द्वारा घटना स्थल को सील कर दिया गया और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस के अनुसार ठाकरे के सिर को पत्थर से कुचला गया है।

बीजेपी मंडल अध्यक्ष मनोज ठाकरे की हत्या को उस समय अंजाम दिया गया, जब वो मॉर्निंग वॉक पर निकले थे। पुलिय द्वारा यह कयास लगाया जा रहा है कि हत्यारे पहले से ही उनके लिए घात लगाए बैठे थे।

भाजपा मंडल अध्यक्ष की इस बर्बर तरह से की गई हत्या के बाद पूरे क्षेत्र में आक्रोष का माहौल है। बीजेपी कार्यकर्ताओं ने मनोज ठाकरे की हत्या के बाद वहाँ जमकर नारेबाजी की। फ़िलहाल पुलिस मामले की जाँच में जुटी हुई है, जिससे हत्या के कारणों का पता लगाया जा सके।

आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में इससे पहले भी हत्या की ऐसी ही घटना हो चुकी है। कुछ दिनों पहले बीजेपी नेता प्रहलाद बंधवार की भी अज्ञात मोटरसाइकिल सवारों ने सिर में गोली मारकर हत्या कर दी थी। प्रहलाद मंदसौर नगर पालिका के अध्यक्ष थे। पुलिस के अनुसार उनकी हत्या करने के पीछे ज़मीनी विवाद की बात सामने आई थी।

सबरीमाला साइड इफ़ेक्ट: ‘अन्य मंदिरों पर भी थोपा जा सकता है संवैधानिक नैतिकता का तर्क’

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने कहा है कि जैसा सबरीमाला में किया गया, वैसा देश के अन्य मंदिरों में भी किया जा सकता है। संघ ने इस बात का डर जताया कि सबरीमाला की तरह ही देश के अन्य मंदिरों की अद्वितीय पूजा पद्धतियों को निशाना बनाने के लिए उन पर भी संवैधानिक नैतिकता के तर्क थोपे जा सकते हैं। ‘Citizens Meet to Save Sabarimala Traditions’ कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता जे नंदकुमार ने ये बातें कहीं।

प्रज्ञा प्रवाह के संयोजक नंदकुमार ने कहा कि अगर इस साजिश को सीमा से परे ले जाया गया तो देश के अन्य मंदिर और उनकी पूजा प्रणाली भी इस से अछूते नहीं रहेंगे। उन्होंने दावा किया कि सबरीमाला मंदिर को लगातार निशाना बनाए जाने के पीछे बहुत बड़ी साज़िश है। इस बारे में आगे बात करते हुए उन्होंने कहा:

“सबरीमाला मंदिर के मार्ग पर एक हवाई अड्डा बनाने की योजना है (सरकार की) और ये तभी लाभप्रद होगी जब मंदिर को साल के सभी 365 दिन खुला रखा जाए। इसीलिए मंदिर को एक तीर्थस्थल के बजाय बस एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के प्रयास चल रहे हैं। इस साज़िश के पीछे जो भी लोग शामिल हैं, धीरे-धीरे उन सबका खुलासा होगा।”

बता दें कि सबरीमाला मंदिर को साल में कभी-कभार ही खोला जाता है और इसके लिए अवधि निर्धारित रहती है। मंदिर को वार्षिक तीर्थयात्रा, मलयाली नववर्ष और कुछ उत्सवों के दौरान ही खोला जाता है। नंदकुमार ने आरोप लगाया कि सरकार इसे सालों भर खोले रखने के लिए श्रद्धालुओं पर अत्याचार कर रही है।

ज्ञात हो कि प्रज्ञा प्रवाह RSS की एक संस्था है। इसकी शुरुआत सुदर्शन, दत्तोपंत ठेंगड़ी, पी. परमेश्वरन ने मिलकर की थी। यह बुद्धिजीवियों का एक संगठन है, जो बुद्धिजीवी वर्ग में संघ की पैठ मज़बूत करने का काम करता है। बुद्धिजीवी वर्ग में लेफ्ट की पकड़ को देखते हुए संघ ने अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख रहे जे नंदकुमार को मार्च 2017 में प्रज्ञा प्रवाह का अखिल भारतीय संयोजक बनाया था। नंदकुमार केरल के हैं। लेफ्ट को काउंटर करने की उनकी रणनीति को देखते हुए संघ ने उन्हें दिल्ली बुला कर यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी थी।

सोशल मीडिया पर अपनी सक्रियता के लिए जाने जाने वाले नंदकुमार ने सबरीमाला मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस इंदु मल्होत्रा द्वारा उठाए गए सवालों की महत्ता पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट 4-1 के बहुमत से दिए गए अपने इस निर्णय की समीक्षा याचिकाओं पर सुनवाई करेगा, तब जरूर इस पर कोई सकारात्मक फैसला लिया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट ने जब सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 उम्र तक की महिलाओं को प्रवेश की इजाज़त दी थी, तब पाँच जजों की पीठ में जस्टिस इंदु मल्होत्रा एकमात्र ऐसी जज थीं, जिनकी राय बाकी चारों जजों से अलग थी। जस्टिस मल्होत्रा ने कहा था कि धार्मिक परंपराओं में कोर्ट को दखल नहीं देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि अगर किसी को किसी धार्मिक प्रथा में भरोसा है, तो उसका सम्मान होना चाहिए, क्योंकि ये प्रथाएं संविधान से संरक्षित हैं। जस्टिस मल्होत्रा ने कहा था की कोर्ट का काम प्रथाओं को रद्द करना नहीं है

जे नंदकुमार ने जस्टिस मल्होत्रा की इसी राय को लेकर आशा जताया कि कोर्ट इस मामले में आगे श्रद्धालुओं की भावनाओं के अनुकूल निर्णय लेगा। इसके अलावा उन्होंने अपनी प्रथा की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरे श्रद्धालुओं पर क्रूरता दिखाने के लिए केरल पुलिस की निंदा की। उन्होंने दावा किया कि 10,000 से भी अधिक आम लोगों को केरल पुलिस ने गलत केस दर्ज कर फँसाया है।

ज़ाकिर नाइक पर कसा ED का शिकंजा, ₹16 करोड़ की संपत्ति जब्त

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ज़ाकिर नाइक पर अपना शिकंजा और मजबूत कर लिया है। मनी लॉन्डरिंग एक्ट के तहत एजेंसी ने इस्लामिक उपदेशक की ₹16 करोड़ की संपत्ति ज़ब्त कर ली। शनिवार (जनवरी 19, 2019) को इस बात की जानकारी देते हुए एजेंसी ने कहा कि पुणे और मुंबई में ज़ाकिर नाइक के परिवार के नाम पर रजिस्टर्ड सम्पत्तियों को ज़ब्त करने के लिए प्रॉवीजनल ऑर्डर जारी किया गया है। ज़ाकिर नाइक पर 2016 में युवाओं को बरगला कर आतंकी गतिविधियों की तरफ़ ले जाने के आरोप भी लग चुके हैं।

बता दें कि अभी विवादित इस्लामिक उपदेशक मलेशिया में रह रहा है और भारत ने उसके प्रत्यर्पण की अपील भी की है। ED ने नाइक की जिन अचल सम्पत्तियों को अपने शिकंजे में लिया है, उनमे मुंबई में फातिमा हाइट्स और आफियाह हाइट्स, मुंबई के ही भांडूप में स्थित एक अनाम संपत्ति और पुणे में अंग्रेशिया नामक संपत्ति शामिल है। ED ने ज़ाकिर नाइक पर ग़ैरक़ानूनी गतिविधियों के रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज़ कर आगे की करवाई भी शुरू कर दी है। इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए ED ने बताया:

“धन की उत्पत्ति और संपत्तियों के वास्तविक स्वामित्व को छिपाने के लिए, नाइक के बैंक खाते से किए गए प्रारंभिक भुगतानों को उसकी पत्नी, बेटे और भतीजी के खातों में वापस कर दिया गया और लेन-देन करने के उद्देश्य से फिर से दोबारा ट्रांसफर किया गया। ऐसा इसीलिए किया गया ताकि नाइक के बजाय उसके परिवार के सदस्यों के नाम पर बुकिंग की जा सके।”

अक्टूबर 2017 में NIA ने ज़ाकिर नाइक के ख़िलाफ़ मुंबई की एक अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया था। उस पर 2016 में एंटी-टेरर क़ानून के तहत मामला दर्ज किया गया था। भारत ने इंटरपोल से भी ज़ाकिर नाइक के ख़िलाफ़ नोटिस जारी करने की अपील की थी। भारतीय अधिकारियों ने इसके लिए इंटरपोल के समक्ष सबूत के रूप में कई दस्तावेज़ भी पेश किए थे।

ख़बरों के मुताबिक़ नाइक की जितनी संपत्ति ज़ब्त की गई है, उसके पास उस से कहीं ज्यादा संपत्ति अभी भी मौजूद है। उसकी संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के पास ₹100 करोड़ से भी ज्यादा की अचल संपत्ति है। इस से पहले भी ED उसकी संपत्ति को ज़ब्त कर चुका है। 2017 में ED ने उसकी और उस से जुड़ी संस्था की ₹18 करोड़ से भी अधिक की सम्पत्तियों को ज़ब्त किया था।

सरकार ने ज़ाकिर नाइक की संस्था को ग़ैरक़ानूनी करार देकर प्रतिबंधित किया हुआ है। कुल मिलाकर देखा जाए तो सरकारी एजेंसियाँ अब तक नाइक की ₹50 करोड़ से भी अधिक की संपत्ति ज़ब्त कर चुकी है। वित्त मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाली एजेंसी ED के मुताबिक़ ये कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।

PM मोदी ने भारतीय सिनेमा के राष्ट्रीय संग्रहालय का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मुंबई में नेशनल म्यूज़ियम ऑफ इंडियन सिनेमा (NMIC) का उद्घाटन किया। उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय फ़िल्म जगत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि फिल्म और समाज दोनों ही एक दूसरे का प्रतिबिंब हैं। जो समाज में घटता है, उसे फिल्म के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है।

नेशनल फिल्म म्यूज़ियम में एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के गौरवशाली इतिहास के बारे में विस्तार से जानकारी मिलेगी। हमारी युवा पीढ़ी को काफी कुछ देखने, सीखने और समझने का अवसर मिलेगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मुंबई स्थित नेशनल म्यूज़ियम की लागत 140 करोड़ रुपए है। इसका उद्देश्य भारतीय सिनेमा के अब तक के सफर के बारे में दुनिया को बताना है।

भारतीय फिल्में भारतीयता का आईना रही हैं। हमारी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर धूम मचाती रहती हैं। साथ ही पूरे विश्व में भारत की साख बढ़ाने में मदद करती हैं। नेशनल फ़िल्म म्यूज़ियम में एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के गौरवशाली इतिहास के बारे में विस्तार से जानकारी मिलेगी। प्रसिद्ध फिल्मी हस्तियों के बारे और उनके संघर्षों के स्वर्णिम किस्से-कहानियों की झलक मिलेगी।

पीएम मोदी ने कहा कि हमने भारत की ग़रीबी पर तो बहुत फिल्में देखी हैं। भारत की बेबसी पर भी फिल्में देखी हैं, मेरा मानना है कि ये एक बदलते समाज की निशानी है कि अब प्रॉब्लम्स के साथ-साथ सॉल्यूशंस पर भी फिल्में देखने को मिलती हैं।

इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने मुंबई में NMIC गैलरी का अवलोकन करते हुए कहा कि गांधीजी के जीवन पर आधारित फिल्में और गाँधी दर्शन से प्रेरित फिल्में दिखाई जाएंगी। गाँधी जी के बारे में यह प्रसिद्ध है कि वो वो चार्ली चैपलिन से काफी प्रेरित थे।

बता दें कि इस उद्घाटन समारोह में फ़िल्मी दुनिया की कई जानी-मानी हस्तियाँ भी मौजूद थीं, जिन्होंने इस राष्ट्रीय संग्राहलय के उद्घाटन पर प्रधानमंत्री जी को धन्यवाद दिया।

मोदी भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ कार्रवाई करता है, ये दलालों के लिए चिन्ता करते हैं: PM मोदी

सिलवासा में एक सभा को सम्बोधित करते हुए पीएम मोदी ने महागठबंधन पर तीखा हमला करते हुए कहा, “पहले जो लोग कॉन्ग्रेस को पानी पी पी कर कोसते थे, अब सब कुछ भूलकर एक मंच पर आ गए हैं।” उन्होंने कहा कि हमारी सरकार सबका साथ-सबका विकास के मंत्र पर चल रही है। हम विकास की पंचधारा के लिए पूरी तरह से समर्पित हैं। बच्चों को पढ़ाई, युवाओं को कमाई, बुजुर्गों को दवाई, किसान को सिंचाई और जन-जन की सुनवाई, ये हमारे लिए विकास का राजमार्ग है।

बता दें कि, एक तरफ़ जहाँ आज कोलकाता में महागठबंधन की रैली थी। वहीं दूसरी तरफ पीएम मोदी सिलवासा में थे। उन्होंने सिलवासा में एक रैली में महागठबंधन के दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि जब लोकतंत्र का गला घोंटने वाले लोकतंत्र को बचाने की बात करते हैं तो देश के मुँह से निकलता है, ‘वाह क्या बात है!’

पीएम मोदी ने कहा कि इन्हें गुस्सा आ रहा है कि मोदी ग़रीबों का अधिकार छीनने वाले, उनके राशन, उनकी पेंशन हड़पने वाले दलालों को बाहर क्यों कर रहा है। अपने इसी गुस्से की वज़ह से अब ये लोग एक महागठबंधन बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

ये महागठबंधन अकेले मेरे खिलाफ ही नहीं, देश की जनता के भी खिलाफ है। अभी तो ये पूरी तरह साथ आए भी नहीं है, लेकिन हिस्सेदारी पर कैसे मोलभाव चल रहा है, ये भी देश का नौजवान, देश का किसान, देश की महिलाएँ, पहली बार वोट डालने जा रहे युवा साफ़  देख रहे हैं। अपने परिवार, अपनी सल्तनत को बचाने के लिए ये कितने भी गठबंधन बना लें, लेकिन अपने कर्मों से ये नहीं भाग सकते।

पीएम ने कहा, “आज देश के वो गरीब, जो प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर पाने के योग्य हैं, उन्हें घरों की मंजूरी दी जा चुकी है। आज जिन्हें आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिलना है, गोल्ड कार्ड जारी किए जा चुके हैं। आज वो गरीब, जो प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर पाने के योग्य हैं, उनके घरों को मंजूरी दी जा चुकी है।”

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि दवाई और पढ़ाई के साथ-साथ सरकार ये भी सुनिश्चत कर रही है कि कोई भी ग़रीब बेघर ना रहे। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गाँव और शहरों के ग़रीबों को अपना पक्का घर देने का एक व्यापक अभियान चल रहा है। बीते साढ़े 4 वर्षों से जिस कमिटमेंट के साथ, जिस स्पीड और स्केल पर गरीबों के घर बनाने का का काम चल रहा है, वो अभूतपूर्व है। पहले की सरकार जहाँ अपने 5 साल में सिर्फ 25 लाख घर बनवा सकी थी, वहीं हमारी सरकार अब तक 1 करोड़ 25 लाख से अधिक घरों का निर्माण पूरा करा चुकी है।

पीएम ने कहा, “ज़मीन हो, जंगल की पैदावार हो, पढ़ाई लिखाई हो, खेल से जुड़ी प्रतिभा हो, हर स्तर पर आदिवासियों के कल्याण के लिए व्यापक प्रयास हो रहे हैं। वनधन योजना के तहत जो जंगल की उपज है, उसमें वैल्यु एडिशन और उसके उचित प्रचार-प्रसार के लिए देशभर में सेंटर बनाए जा रहे हैं। दादरा और नगर हवेली में पर्यटन के लिए बहुत सम्भावनाएँ हैं। इस क्षेत्र को टूरिस्ट मैप पर लाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। सिलवासा में बने दमनगंगा रिवरफ्रंट के पीछे की भावना भी यही है।”

अपने भाषण में पीएम ने यह भी कहा कि अब यहाँ आने वाले पर्यटकों के लिए एक और आकर्षण का केंद्र बनकर तैयार है। गरीबों के लिए, आदिवासियों के लिए, मध्यम वर्ग के लिए जितनी भी योजनाएँ चल रही हैं, उनके मूल में सबका साथ-सबका विकास है। जबकि वो दल जिसने दशकों तक देश में सरकारें चलाईं, वो हर काम में अपनी या अपने परिवार की सम्भावनाएँ देखता था।  

पीएम ने तंज करते हुए कहा कि यही कारण है कि वहाँ काम से ज़्यादा नाम पर ज़ोर दिया गया। इन्हें दिक्कत है कि मोदी भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ इतनी कड़ी कार्रवाई क्यों कर रहा है? इन्हें परेशानी है कि सत्ता के गलियारों में घूमने वाले बिचौलियों को मोदी ने बाहर क्यों निकाल दिया। इन्हें गुस्सा आ रहा है कि मोदी ग़रीबों का अधिकार छीनने वाले, उनके राशन, उनकी पेंशन हड़पने वाले दलालों को बाहर क्यों कर रहा है।

दूसरी तरफ़ महागठबंधन में अभी से फूट और मनमुटाव दिखना शुरू हो गया है। आज जहाँ अखिलेश कोलकाता में ममता की रैली का हिस्सा बने वहीं दूसरी तरफ मायावती इस रैली में शामिल नहीं हुईं। इस रैली में विपक्षी पार्टियों के करीब 20 बड़े चेहरों ने शिरकत की। इनमें  शरद पवार, चंद्रबाबू नायडू, एचडी कुमारस्वामी, फ़ारूख अब्दुल्लाह और उमर अब्दुल्लाह भी दिखे।

कॉन्ग्रेस के 70 सालों का ‘क्रेडिट’ BJP को! केजरीवाल का मेमरी लॉस!

दिन था शनिवार। कोलकाता में ‘ममता’मयी महफ़िल सजी हुई थी। बड़े-बड़े धुरंधरों से रौनक बिछी हुई थी। जमावड़ा था एक गिरोह का, जिनके लिए ‘चौकीदार’ को हटाना ही जीवन का परम लक्ष्य बन चुका है। अब मौका था, दस्तूर था। सभी एक के बाद एक प्रवचन ‘चौकीदार’ के लिए दे रहे थे। तभी अरविंद केजरीवाल को जोश आया और उठ खड़े हुए महफ़िल को लूटने की जल्दी में। जल्दी इतनी कि दूसरे के गुनाहों की फ़ेहरिस्त तीसरे पर थोप दिया।

केजरीवाल ने अपने आकर्षित करने वाले भाषण में कहा कि देश में बीजेपी हिंदू-मुस्लिम को लड़ा रही है। अब केजरी ‘सड़जी’ को कौन समझाए! जिस गिरोह के साथ वे खड़े थे, उनका इतिहास ही भूल गए या फिर अवसर की रबड़ी चापने के जोश में होश खो दिए। केजरी ‘सड़जी’ आप भूल गए कि देश में सबसे ज्यादा सत्ता में रहने वाले पार्टी का नाम कॉन्ग्रेस है।

1984, 1987, 90… 1993 की घटनाओं को भूले

आप ये भी भूल गए कि हाशिमपुरा और उसके नज़दीक के एक गांव मलियाना में 22 और 23 मई 1987 को करीब 100 मुस्लिमों को मौत के घाट उतार दिया गया था। बस बता रहे हैं कि उस वक्त सरकार कॉन्ग्रेस की थी। खैर आप तो भूल गए होंगे 1984 का सिख दंगा भी, जिसमें करीब 3000 लोग मारे गए थे। ‘सड़जी’ उस वक्त भी सरकार कॉन्ग्रेस की थी। और हाँ, आपको याद दिला दें कि 1990 में कश्मीरी पंडितों को बेघर करने का श्रेय भी कॉन्ग्रेस की पॉलिसी को ही जाता है।

मुझे यकीन है कि आपको श्रीकृष्ण कमीशन की रिपोर्ट बिल्कुल याद नहीं होगी। इसमें कहा गया था कि 1992, 1993 के दौरान मुंबई में हुए दंगों के दौरान 900 लोग मारे गए थे। इसमें 575 मुस्लिम, 275 हिंदू, 45 अज्ञात थे। लेकिन क्या कीजिएगा ‘सड़जी’ यह जानकर कि तब भी कॉन्ग्रेस की ही सरकार थी। क्योंकि जानने के बाद भी आप तो यही कहेंगे कि देश में बीजेपी हिंदू-मुस्लिम को लड़ा रही है! है न? अब केजरी ‘सड़जी’ ये बताइए कि 2014 में जब से बीजेपी की सरकार बनी, देश में कितने दंगे हुए हैं?

जिस कॉन्ग्रेस के सामने आप सीना चौड़ा करके प्रवचन दे रहे थे, दरअसल भारत में सांप्रदायिक दंगों की जननी वही है। लेकिन नहीं। आप तो हैं युगपुरुष। अंग्रेजो ने “बांटों व राज करो” की नीति देकर जिस सांप्रदायिकता का बीज बोया था, उसे आजाद भारत के कॉन्ग्रेसी व वामपंथी नेताओं के बजाय आप तो BJP को ही इसका असली खेवनहार बताएंगे। ‘चौकीदार’ से लड़ने के लिए क्या-क्या भूलोगे ‘सड़जी’

अपने गिरेबान में भी झांकिए ‘युगपुरुष जी’

आरोप-प्रत्यारोप तो राजनीति का हिस्सा है। खूब करिए लेकिन कभी अपने गिरेबान में मौका निकालकर झाँक लीजिएगा। आप वही हैं न, जिन्होंने अपनी नौकरी देश की सेवा के लिए छोड़ी थी? और अपने गुरु अन्ना हजारे की पीठ में राजनीति की रबड़ी खाने के लिए छुरा घोंपा था। एक बात कभी आपने सोची की आपके अपने साथ क्यों छोड़ रहे हैं?

कभी सोचिए कि आपके चहेते आशुतोष, आशीष खेतान, कुमार विश्वास ने क्यों आपसे किनारा कर लिया? दरअसल, केजरीवाल जी जब आपने अपनी नौकरी छोड़ी थी तो देश को उम्मीद थी कि कुछ बदलाव होगा लेकिन आपके सुर तो बदल गए हैं। अब आपके लिए सत्ता ही सबकुछ है। तभी तो आप जो मन में आ रहा है, बोल रहे हैं।

कांग्रेस भगा रही, फिर भी पकड़ रहे हैं पल्लू

कॉन्ग्रेस आपसे और आपकी पार्टी ‘आप’ से कोई गठबंधन नहीं करना चाहती है। फिर भी आप उसका पीछा कर रहे हैं। ठीक वैसे जैसे छोटा बच्चा अपनी माँ का आँचल नहीं छोड़ता। कांग्रेस तो आपकी विरोधी पार्टी रही है। माँ तो है नहीं जो आप चिपक गए हैं – आखिर क्यों!

युग पुरुष जी कॉन्ग्रेस की शीला दीक्षित कह चुकी हैं कि वो किसी भी तरह से आप और आपकी पार्टी से कोई गठबंधन नहीं करेंगी फिर भी आपको उनके पीछे जाने में शर्म नहीं आती है? और चले भी गए तो पश्चिम बंगाल तक! जाकर पीएम मोदी और अमित शाह पर कॉन्ग्रेस के 70 सालों के कारनामों को बीजेपी के सिर पर मढ़ दिया। ‘सड़जी’ आखिर कब तक ‘ऊल-जुलूल’ बोलकर देश को गुमराह करेंगे?

कभी खाली बैठकर सोचिएगा तो पता चलेगा कि जिस केजरीवाल ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक जंग छेड़ी थी, वही केजरीवाल आज भ्रष्टाचार में लिप्त कॉन्ग्रेस का दामन थामने के लिए तैयार है!

याद रखिए ‘सड़जी’, जिस जनता ने आपको फर्श से उठाकर अर्स पर बिठाया था, वही जनता 2019 के राजनीतिक समर को भी डिसाइड करेगी। जनता सब जानती है ‘सड़जी’!

कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा: ओवैसी

ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ कड़ा रुख़ अख़्तियार किया। पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि कश्मीर मामले में पाकिस्तान को मध्यस्थता करना बंद कर देना चाहिए।

ओवैसी ने कहा कि कश्मीर हमेशा से ही भारत का अभिन्न अंग है और हमेशा रहेगा। ओवैसी ने अपने तल्ख़ अंदाज़ में यह भी कहा कि कश्मीर के युवा भी भारत का ही अभिन्न अंग हैं। ओवैसी ने हैदराबाद में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान यह बात कही।

कश्मीर को लेकर पाकिस्तान से भारत का विवाद कोई नया नहीं है। पाकिस्तान के नापाक़ इरादे हमेशा से ही कश्मीर विवाद के नाम पर सरहद पर घुसपैठ और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देते आए हैं।

भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों का मुँहतोड़ जवाब दिया जाता रहा है, लेकिन फिर भी पाकिस्तान अपनी आतंकी हरक़तों से बाज नहीं आता। सरहद पर हालात चाहे जो हों लेकिन भारतीय सेना दुश्मन का मुक़ाबला करने के लिए हमेशा ही तत्पर रहती है।

हाल ही में, टाइम्स नाउ के ट्विटर हैंडल से एक वीडियो शेयर किया गया था। इस वीडियो के माध्यम से उत्तरी सैन्य कमांडर रनबीर सिंह ने एक समारोह के आयोजन के दौरान पत्रकारों से मुख़ातिब होते हुए जानकारी दी थी कि साल 2018 भारतीय सेना के लिए उपलब्धियों भरा रहा। पिछले साल हमारी सेना ने 250 आतंकवादियों को मार गिराया, 54 आतंकियों को ज़िंदा पकड़ा और 4 आतंकियों ने आत्मसमर्पण किया। आतंकवाद पर विराम लगाती यह सभी भारतीय गतिविधियाँ हमारी सेना के अदम्य साहस और क्षमता का परिचय है।

कुम्भ 2019: ख़ास आकर्षण, जो जीवन भर नहीं भूलेंगे आप!

गंगा, यमुना व सरस्वती नदियों के संगम और स्वर्गिक अमृत से पवित्र भू-भाग प्रयागराज लोकप्रिय कुम्भ मेला के चार स्थानों में से एक है। उत्तर प्रदेश का यह शहर तीर्थयात्रियों और इतिहास के उत्साही अध्येताओं के लिए एक ख़जाना है। जहाँ आप प्राचीन मंदिरों, स्मारकों तथा अनेक पर्यटन स्थलों के भ्रमण का आनंद उठा सकते हैं। त्रिवेणी संगम के अतिरिक्त प्रयागराज के आकर्षण के अन्य मुख्य केंद्र हनुमान मंदिर, मनकामेश्वर मंदिर, ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण अशोक स्तम्भ और उपनिवेशिक काल के स्वराज भवन जैसे अनेक भवन और स्मारक, कुम्भ मेला के साथ ही आकर्षण के प्रमुख केंद्र हैं। इसके साथ ही अन्य आकर्षण हैं-

संस्कृति ग्राम
संस्कृति ग्राम में स्थापित बुद्ध और उनके प्रथम प्रवचन की झाँकी  (तस्वीर-अनूप गुप्ता)

संस्कृति ग्राम

कुम्भ 2019 के दौरान बड़े आकर्षणों में से एक प्रयागराज के अरैल में कुम्भ मेला क्षेत्र के सेक्टर-19 में स्थित सृजनात्मक हब ‘संस्कृति ग्राम’ है। यहाँ दर्शकों को भारतीय कला एवं संस्कृति की एक झलक देखने को मिलेगी। अद्वितीय डिजाइन एवं दर्शन के साथ इस ग्राम में 13 पवेलियन्स का निर्माण किया गया है। इसके आलावा विभिन्न राज्यों के विशिष्ट शिल्प को प्रदर्शित एवं विक्रय के लिए 7 संस्कृति संकुलों में विभिन्न स्टॉल लगाए गए हैं। 8 अन्य पॅवेलियन जैसे इंदिरा गाँधी नेशनल कल्चरल एकेडेमी (आइ.जी.एन.सी.ए) के द्वारा वैदिक एक्जिबिशन गैलरी, इलाहाबाद म्यूजियम के द्वारा महाकुम्भ पर एक्जिबिशन, ट्राइफेट के द्वारा प्रदर्शनी भारत सरकार ललित कला अकादमी (एल.क. ए.) के द्वारा लाइव चित्र संगोष्ठी, संस्कृति एकेडेमी (एस.ए) के द्वारा अकादमी की किताबों का प्रदर्शन और विक्रय, एवं गाँधी स्मृति एवं दर्शन स्मृति के द्वारा मोहनदास से महात्मा पर एक्जिबिशन।

10 जनवरी 2019 से खुल चुके कलाग्राम ‘संस्कृति ग्राम’ का लोग 4 मार्च 2019 तक अवलोकन कर सकते हैं।

नोटः कलाग्राम निम्नलिखित तिथियों को बंद रहेंगीः 14-16 जनवरी, 2-11 फरवरी, 17- 19 फरवरी, 2019

पेशवाई

पेशवाई
अखाड़ों की पेशवाई का पारम्परिक जुलुस

कुम्भ के आयोजनों में अखाड़ों के पेशवाई का महत्वपूर्ण स्थान है। ‘पेशवाई’ प्रवेशाई का देशज़ शब्द है, जिसका अर्थ है शोभायात्रा, जो विश्व भर से आने वाले लोगों का स्वागत कर कुम्भ मेले के आयोजन को विश्व पटल पर सूचित करने के उद्देश्य से निकाली जाती है। पेशवाई में साधु-सन्त अपने-अपने अखाड़ों के साथ बड़े धूम-धाम और पूरी भव्यता का प्रदर्शन करते हुए कुम्भ में पहुँचते हैं। हाथी, घोड़ों, बग्घी, बैण्ड आदि के साथ निकलने वाली पेशवाई के स्वागत एवं दर्शन हेतु पेशवाई मार्ग के दोनों ओर भारी संख्या में श्रद्धालु एवं सेवादार खडे़ रहते हैं। जो शोभायात्रा के ऊपर पुष्प वर्षा एवं नियत स्थलों पर माल्यापर्ण कर अखाड़ों का स्वागत करते हैं। अखाड़ों की पेशवाई एवं उनके स्वागत व दर्शन को खड़ी अपार भीड़ पूरे माहौल को रोमांच से भर देती है।

सांस्कृतिक आयोजन

सांस्कृतिक प्रस्तुति- ब्रज की फूलों की होली

उत्तर प्रदेश राज्य सरकार एवं भारत सरकार ने भारत की समृद्ध व विविधतापूर्ण सांस्कृतिक विरासत का दर्शन कराने हेतु सभी राज्यों के संस्कृति विभागों को गतिशील किया है। इसके लिए कुम्भ मेला क्षेत्र में पाँच विशाल सांस्कृतिक पंडाल स्थापित किए गए हैं। जहाँ रोज़ विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है। प्रवचन पण्डाल और 4 सम्मेलन केन्द्र जो उच्चतम गुणवत्ता की सुविधाएँ यथा मंच, प्रकाश और ध्वनि प्रसारण तंत्र के साथ आयोजन हेतु स्थापित किए गए हैं। इसमें अखाड़ों की सहायता से विभिन्न आध्यात्मिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जा रहा है।

मंच – 1 लोक एवं आदिवासी कलाकार अपनी विशेष लोक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से दर्शकों का दिल जीत लेने के लिए तैयार हैं। 10 जनवरी, 2019 से आरंभ होकर दिनांक 23 फरवरी 2019 तक लोग लगभग 600 से अधिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनन्द उठाने में समर्थ होंगे। यहाँ लगभग 2000 कलाकार अपनी विशिष्ट शैली में अपनी कला का प्रर्दशन करेंगे।

पारम्परिक मृदभांड निर्माण को प्रदर्शित करती कलाकृति (तस्वीर-अनूप गुप्ता)

मंच – 2 बेहद ख़ूबसूरत और बड़ा मंच सेक्टर 19, अरैल में कला एवं शिल्प प्रेमियों के लिए कुम्भ मेला में एक अन्य ऐसा स्थान है। जहाँ संगीत नाटक अकादमी (एस.एन.ए) एवं एसपीआइसी एमएसीएवाई 10 जनवरी, 2019 से 5 मार्च, 2019 तक 40 से अधिक ऊर्जावान नाट्य एवं कला प्रदर्शनों के माध्यम से दर्शकों का मनोरंजन करेंगी।

मंच – 3 शिल्प एवं कलाप्रेमियों के लिए अद्वितीय मंच प्रयागराज के अशोकनगर में निर्मित किया गया है। जो 100 से अधिक स्टालों से सुसज्जित है। जहाँ दर्शक सुंदर हस्तशिल्प की वस्तुएँ विशेष रूप से, सम्पूर्ण देश के शिल्पकारों के हस्तशिल्प खरीद सकते हैं। यहाँ होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आपके कलात्मक बोध में वृद्धि करेंगे।

नए और आकर्षक टूरिस्ट वॉक

टूरिस्ट वॉक
पर्यटन पथ पर टूरिस्ट वॉक (तस्वीर-Kumbh.gov.in )

उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने वर्तमान सुनियोजित पर्यटक भ्रमण पथों में सुधार करते हुए, एक वृहद भ्रमण कार्यक्रम की रूपरेखा बनाई है।

यात्रा का आरंभ बिन्दु: शंकर विमान मण्डपम।
पहला पड़ाव: बड़े हनुमान जी का मंदिर।
दूसरा पड़ाव: पातालपुरी मंदिर।
तीसरा पड़ाव: अक्षयवट।
चौथा पड़ाव: इलाहाबाद फोर्ट।
भ्रमण का अंतिम बिन्दु: रामघाट

लेजर लाइट शो

कुम्भ मेला-2019 में भारी संख्या में आने वाले तीर्थयात्रियों, धार्मिक गुरूओं तथा राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटकों के अनुभवों को बेहतर बनाने की चेष्टा में उत्तर प्रदेश सरकार ने लेजर लाइट शो का भी इंतज़ाम किया है। यह प्रदर्शन किले की दीवार पर दिसम्बर 2018 से ही संचालित किया जा रहा है।

जलमार्ग

पारम्परिक जलमार्ग के साथ ही घाटों का भ्रमण

प्रयागराज शताब्दियों से अपनी नदियों एवं जलमार्ग के कारण महत्वपूर्ण रहा है। भूतकाल में प्रयागराज जल परिवहन मार्ग में महत्वपूर्ण पड़ाव था किन्तु बाद में जलमार्ग से यात्रा एवं परिवहन कम होती गई। उस प्रक्रिया में अंतर्देशीय जल मार्ग प्राधिकरण ने सुजावन घाट पर शानदार आई.डबलू.टी टर्मिनल स्थापित किया है।


सेमी क्रूज सी.एल कस्तूरबा

यह टर्मिनल यात्रियों एवं पर्यटको को भारत के प्राचीनतम जलमार्गो में से एक में यात्रा करने के लिए और सी.एल कस्तूरबा (आई.डबलू.ए.आई का सेमी क्रूज) हेतु उपयोग में लाया जा रहा है। यह टर्मिनल और कुछ अतिरिक्त घाट जैसे बोटक्लब, गऊघाट, अरैल घाट का उपयोग पारंपरिक मोटर बोट चलाने के लिए भी किया जाता है। पारंपरिक मोटर बोट की सवारी यात्रियों को प्राचीन नगरी का अनुभव कराएगी। इस बोट और क्रूज को सभी सुरक्षा व्यवस्थाओं से लैस किया गया है। सभी उल्लिखित टर्मिनल और घाट पर निश्चित दरों पर बोट टिकट काउन्टर उपलब्घ हैं। इस सेवा का लाभ यात्री इलेक्ट्रॉनिक ऑनलाइन टिकट वेबसाइट www.pryagrajboatticketing.com से खरीद सकते हैं।

साभार- kumbh.gov.in से कुछ सूचनाएँ ली गई हैं।

PM उम्मीदवार के नाम पर हड़बड़ा गए अखिलेश, दिया लच्छेदार जवाब

लोकसभा चुनावों के आते-आते सबके जहन में एक सवाल जो आम तौर पर उठ रहा होता है वो यह कि पीएम पद के उम्मीदवार पर किसका नाम सामने आएगा। यह सवाल यदि आम जनता से पूछा जाए तो शायद उनकी जुबान का हड़बड़ाना बनता है, लेकिन यदि राजनीति से जुड़ा दिग्गज भी इस सवाल को टाल जाए, तो उसे क्या समझा जाएगा!

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव से जब शनिवार (जनवरी 19, 2019) को प्रधानमंत्री के पद के लिए उम्मीदवार का नाम पूछा गया तो वो इस सवाल को टालते हुए नज़र आए।

उन्होंने कोलकाता में “यूनाइटेड रैली” के मौके पर में इंडिया टुडे टीवी को बताया कि प्रधानमंत्री के पद पर उम्मीदवार से कोई मतलब नहीं है। अगर किसी चीज़ से मतलब है तो वो यह कि देश को नए प्रधानमंत्री की जरूरत है। जो देश को जरूर मिलेगा।

बता दें कि अखिलेश का यह लच्छेदार जवाब उस समय आया, जब उनसे पूछा गया कि मायावती और ममता बनर्जी में से प्रधानमंत्री के पद के लिए कौन बेहतर उम्मीदवार है?

ममता बनर्जी और मायावती महागठबंधन के दो ऐसे प्रसिद्ध चेहरे हैं, जो आगामी लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री पद के लिए चुने जा सकते हैं। ये दोनों ही महिलाएँ अपने-अपने राज्यों में सबसे सशक्त महिला राजनेताओं में से एक हैं।

दिलचस्प यह है कि एक तरफ जहाँ अखिलेश कोलकाता में ममता की रैली का हिस्सा बने वहीं दूसरी तरफ मायावती इस रैली में शामिल नहीं हुईं।

इस रैली में विपक्षी पार्टियों के करीब 20 बड़े चेहरों ने शिरकत की। इनमें  शरद पवार, चंद्रबाबू नायडू, एचडी कुमारस्वामी, फ़ारूख अब्दुल्लाह और उमर अब्दुल्लाह भी दिखे।

हैरान करने वाली बात यह रही कि शत्रुघन सिन्हा, यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी भी इस रैली में ‘दीदी’ को सपोर्ट करते दिखाई दिए।

विश्व बाज़ार में भारतीय रेलः ट्रेन-18 के आयात में विदेशों की रुचि

भारत में बनी आधुनिक ट्रेन-18 को विश्व स्तर पर तवज्जो मिल रही है। अब भारत रेल व्यापार के ग्लोबल मार्केट में उतरने जा रहा है। मिडिल ईस्ट से लेकर अमेरिका तक ट्रेन-18 में अपनी रुचि दिखा रहे हैं। दरअसल, इस ट्रेन को बनाने में भारत सरकार का 100 करोड़ रुपए का खर्च आया है। बता दें कि ट्रेन सेट्स बनाने की यह तकनीक दुनिया में सबसे किफ़ायती है। यही कारण है कि कई देश इसे खरीदने में दिलचस्पी ले रहे हैं।

रेलवे बोर्ड के सदस्य राजेश अग्रवाल ने इसकी जानकारी देते हुए बताया, “कई देशों ने इस ट्रेन सेट्स में अपनी रुचि दिखाई है। इस बात से मुझे खुशी और गर्व है कि हमारे यहाँ तैयार एक उत्पाद में  इतनी रुचि दिखाई जा रही है।” उन्होंने कहा कि दुनिया भर में रोलिंग स्टॉक बाजार लगभग 200 अरब डॉलर का है और हम इसमें एक महत्वपूर्ण हिस्सेदारी चाहते हैं। हमारा उद्देश्य इस ट्रेन को सफलतापूर्वक चलाना है।

दुनिया में 250 करोड़ है ऐसे ट्रेनों की कीमत

अगर दुनिया में इस तरह के ट्रेनों के कीमत की बात करें तो यह करीब 250 करोड़ रुपए का पड़ता है। इसके अलावा इंटीग्रल कोच फैक्ट्री, चेन्नई द्वारा तैयार इस भारतीय संस्करण की लागत करीब 100 करोड़ रुपए आती है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो यूरोप और अमेरिका में ट्रेन-18 जैसी ट्रेन को तैयार करने में 250-300 करोड़ रुपए का खर्च आता है।

ट्रेन-18 का अब तक जो परीक्षण हुआ है, उसमें इसकी अधिकतम स्पीड 180 किलोमीटर प्रति घंटे रही है। बता दें कि दिल्ली और वाराणसी के बीच ट्रेन-18 का वाणिज्यिक परिचालन जल्द ही शुरू होने वाला है।

‘250km की स्पीड में तक चलने में सक्षम’

रेलवे बोर्ड के सदस्य राजेश अग्रवाल के अनुसार उन्हें इस ट्रेन पर पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा, “हमें सेमी हाई स्पीड इस ट्रेन की विशाल संभावनाओं पर पूरा विश्वास है, जिसकी गति 150 किलोमीटर प्रति घंटा से लेकर 250 किलोमीटर प्रति घंटा के बीच है।” उन्होंने कहा कि इसकी लागत अन्य देशों की तुलना में घरेलू स्तर पर बनाए जाने के कारण करीब 25 फीसदी तक कम होगी।