Monday, May 20, 2024

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बजट 2019: श्रमिकों के लिए ₹6 लाख का बीमा, ग्रेच्युटी अब ₹20 लाख – कम आमदनी वालों को गारंटीड पेंशन

PM श्रमयोगी मानधन योजना की घोषणा: 15,000 रुपए तक कमाने वाले 10 करोड़ श्रमिकों को मिलेगा योजना का लाभ

बजट 2019: ‘पहला हक़ मुस्लिम का’ से ‘पहला हक़ ग़रीबों का’, 10 मुख्य बिंदु गाँव-ग़रीबों पर

उनका यह बयान पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह के बयान के परिपेक्ष्य में था जिन्होंने अपने कार्यकाल में देश की संपत्ति पर पहला हक़ मुस्लिमों का बताया था।

बजट 2019 में स्वास्थ्य क्षेत्र: 22वाँ AIIMS हरियाणा में; 5 मुख्य बिंदु

"आयुष्मान भारत विश्व की सबसे बड़ी हेल्थकेयर योजना। 14 एम्स पहली ही शुरू किए जा चुके हैं, 21 नए एम्स विकसित किए जा रहे हैं। ग़रीबों के 3000 करोड़ रूपए बचे।"

बजट 2019: गोयल ने कहा- बड़े कारोबारी भी अब लौटा रहे कर्ज़; आर्थिक भगोड़े बच नहीं सकते

"पहले सिर्फ छोटे बिजनेसमैन पर कर्ज़ चुकाने का दबाव रहता था। अब बड़े कारोबारियों को भी कर्ज़ लौटाने की चिंता रहती है। तीन लाख करोड़ रुपए का कर्ज़ रिकवर हो चुका है।"

माल्या ने लगाई न्याय की गुहार, कहा ₹9,000 करोड़ की जगह ₹13,000 हो चुका ज़ब्त

इससे पहले माल्या ने अपने बचाव में लिखा था की उसने कुछ भी गलत नहीं किया, गलती कंपनी की थी जिसका बिज़नेस डूब गया।

न्यूनतम आमदनी योजना: क्या मोदी सरकार बजट में लेगी यह रिस्क?

हो सकता है कि मोदी सरकार भी इस बजट सत्र में यूनिवर्सल बेसिक इनकम से जुड़ा कोई बड़ा ऐलान कर दे। माहौल भाँपते हुए राहुल गाँधी भी एक रैली में बेसिक इनकम से जुड़ी योजना की घोषणा को हवा दे चुके हैं।

‘मोदी हिटलर’, ‘राहुल मुसोलिनी’ कांड के बाद नीति आयोग ने लीक रोज़गार रिपोर्ट पर दी सफ़ाई

राहुल गाँधी ने ट्वीट करते हुए मोदी सरकार को घेरा था कि देश में बेरोज़गारी का स्तर 45 सालों में सबसे ज़्यादा है। राहुल गाँधी के ट्वीट का आधार नौकरी के सृजन से जुड़ा एक रिपोर्ट कार्ड था जो मीडिया में लीक हुआ था।

₹614 करोड़: अगस्ता वेस्टलैंड+एयर इंडिया घोटाले का यह है कच्चा चिट्ठा – एकदम Exclusive

राजीव सक्सेना वो शख़्स है, जो स्विट्ज़रलैंड में अलग-अलग बैंक एकाउंट्स को चलाता है। इन बैंक अकाउंट्स में अगस्ता वेस्टलैंड से आई किक बैक्स की रकम डाली गई थी।

भारतीय थलसेना का पुनर्गठन: कोल्ड स्टार्ट डॉक्ट्रिन और इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप

चार महत्वपूर्ण रिपोर्ट जनरल रावत और रक्षा मंत्रालय को सौंप दिए गए हैं। यदि इनपर अमल किया जाता है तो विगत 35 वर्षों में किया गया यह सबसे महत्वपूर्ण सैन्य सुधार होगा।

राहत ब्रो, ‘काफ़िरों की शराब, शबाब और पैसा पसंद’ होना ठीक, लेकिन पैसों की स्मगलिंग ‘गल्त बात’ है

राहत फ़तेह अली ख़ान 3 सालों से फॉरेन करेंसी की स्मगलिंग के धंधे में लिप्त थे। 'काफ़िरों' के पैसों पर ही एक और पाकिस्तानी गायक की भी कहानी पढ़िए।

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