Thursday, November 14, 2024

संपादक की पसंद

जस्टिस काटजू ने अलोक वर्मा कांड पर ‘फ़र्ज़ी मीडिया’ की निकृष्टता पर जमकर ली क्लास

जिन पत्रकारों ने इस मुद्दे पर लिखा है, उनमें से किसी ने भी (उस महिला पत्रकार को छोड़कर, जिसने एक मिनट से भी कम बात की) जस्टिस सिकरी या जस्टिस पटनायक से संपर्क नहीं किया, न ही करने की कोशिश की

चंद कौड़ियों के लिए जब पादरी ने कर दिया था कैथोलिक लड़कियों का सौदा

बीस लड़कियों का ऐसा पहला दल 1963 में केरल से विदेशों में भेजा गया और 1972 से इनके साथ दुर्व्यवहार की कहानियां सुनाई देने लगीं।

जब बार-बार लुटयन मीडिया ने राहुल गाँधी के राफ़ेल झूठ पर कहा ‘जिने मेरा दिल लुटया, ओहो!’

राहुल गाँधी ने कहा कि फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रोन ने खुद (रिलायंस के ऑफसेट पार्टनर के बारे में ) उनसे कहा था। मगर फ्रांसीसी सरकार ने इससे इनकार कर दिया।

‘नरेंद्र मोदी का उत्साह और विदेश नीति के प्रति जुनून आखिरी बार नेहरू में देखा गया था’

अपर्णा पांडे ने कहा कि भारत देश में एक दूसरी बड़ी समस्या सैन्य है, जिसे कम से कम दो दशक पहले आधुनिकीकरण की आवश्यकता थी।

उत्तिष्ठत जाग्रत: ज्ञान रूपी अस्त्र के हिमायती थे स्वामी विवेकानंद

हम information warfare में इतना पीछे हैं कि अपने एक राज्य जम्मू कश्मीर के बारे में भी सही सूचना देश को नहीं दे पाते।

आलोक वर्मा एक दीमक था, जो CBI को लंबे समय से कर रहा था खोख़ला! ये रहे सबूत

PM मोदी और जस्टिस सीकरी ने सीवीसी रिपोर्ट को पढ़ने के बाद आलोक वर्मा को पद से हटाने का फ़ैसला किया जबकि कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इन दोनों के फ़ैसले पर अपनी आपत्ति दर्ज़ की

बरखा जी, पीरियड्स को पाप और अपवित्रता से आप जोड़ रही हैं, सबरीमाला के अयप्पा नहीं!

चूँकि आप गोमांस खा सकती हैं, तो क्या कल आप संविधान के मौलिक अधिकारों का हवाला देकर किसी मंदिर के गर्भगृह में बैठकर गोमांस खाएँगी? क्योंकि आपके तर्क के अनुसार यह भी लिखा जा सकता है कि इक्कीसवीं सदी के भारत में मंदिरों में मन का भोजन खाने पर पाबंदी हैं।

कोशिकाओं में ऊर्जा स्रोत की खोज करने वाले महान वैज्ञानिक डॉ सुब्बाराव का भी आज है जन्मदिन

उन दिनों अमेरिका में बाहर से आने वालों को सरलता से वीसा नहीं मिलता था। डॉ सुब्बाराव 'फिज़िशियन' बनकर अमेरिका गए और उन्होंने वहाँ उन्होंने सायरस फिस्के के साथ मिलकर ATP की खोज की।

2019 में भाजपा को वोट न देने के पक्ष में 5 भयंकर (और ठोस) तर्क – (नंबर फ़ोर विल ब्लो योर माइंड)

अगर अब भी आप सहमत नहीं होंगे कि मोदी जी को हटाना चाहिए तो आप ज़रूर घनघोर संघी मानसिकता से पीड़ित हैं। JNU जाकर इलाज कराइए। और जो सहमत हो गए उनको सलाम।

फैजल! कब खून खौलेगा रे तेरा?

फैजल! सेना और कश्मीर पुलिस के जवानों की मौत के वक्त तू गांज़ा मार के कहां पड़ा था रे फैजल? कब खून खौलेगा रे तेरा?

ताज़ा ख़बरें

प्रचलित ख़बरें