इंतजार कीजिए, कोई मूर्ख नेता और धूर्त पत्रकार जल्द ही यह पूछेगा कि जो सेटैलाइट मार गिराया गया, उसका धुआँ तो आकाश में दिखा ही नहीं, उसके पुर्ज़े तो कहीं गिरे होंगे, उसका विडियो कहाँ है।
मिशन शक्ति वैश्विक राजनीति में भारत की बढ़ती धाक का एक वसीयतनामा है। नरेंद्र मोदी ने पिछले पाँच वर्षों के दौरान जिन कूटनीतिक रिश्तों को मजबूती दी है, वे सभी सरकार को परीक्षण करने का विश्वास दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए होंगे।
2012 में DRDO के प्रमुख वीके सारस्वत थे। एक दिन उन्होंने देश को चौंका दिया, यह घोषणा करके कि भारत के पास Low Earth Orbit और Polar Orbit में परिक्रमा करने वाले सैटेलाइट को निष्क्रिय करने लायक ऐंटी सैटलाइट वेपन की सारी तकनीक और उसे बनाने के लिए सारे कल-पूर्जे मौजूद हैं।
भारत ने अंतरिक्ष में आज एक और कामयाबी का परचम लहराया है और मिशन शक्ति की सफलता के साथ अमेरिका, चीन, रूस के बाद भारत दुनिया का चौथा सबसे शक्तिशाली देश बन गया है।
हमारे वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में 300 किलोमीटर दूर LEO (Low Earth Orbit) में एक लाइव सैटेलाइट को मार गिराया है। ये लाइव सैटेसाइट जो कि एक पूर्व निर्धारित लक्ष्य था, उसे एंटी सैटेलाइट मिसाइल (A-SAT) द्वारा मार गिराया गया है।
इमामों के प्रशिक्षण के लिए कॉलेज स्थापित किया जाएगा। नमाज़ पढ़ने के लिए नमाज़ रूम बनवाया जाएगा। 'Almaspet Circle' का नाम बदल कर टीपू सुल्तान के नाम पर कर दिया जाएगा। अमीन पीर दरगाह को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।
नाराज़ कॉन्ग्रेस विधायक अब्दुल सत्तार ने अपने समर्थकों की मदद से कॉन्ग्रेस दफ़्तर की सारी कुर्सियाँ ही उठवा लीं। उन्होंने कॉन्ग्रेस कार्यालय से 300 के क़रीब कुर्सियों को गायब करा दिया। विधायक के इस रवैये के कारण कॉन्ग्रेस की बैठक राकांपा के दफ़्तर में हुई।
राजस्थान के सूरतगढ़ में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी अपनी ही रौ में बह गए। और बहे भी ऐसे कि एक-के-बाद-एक करते-करते 10 झूठ एक ही रैली में बोल आए।
JNU वामपंथी की हालिया गतिविधियों के तार अगर एक सिरे से जोड़ते हुए देखा जाए, तो पता चलता है कि ये कोई विद्यार्थी या नेता या समाजवादी नहीं, बल्कि सिर्फ और सिर्फ एक शहरों में रहने वाला अनपढ़, कूप-मण्डूक, गतानुगतिक है, जिसे किसी भी हाल में क्रांति की तलाश थी और समय आने पर उसने अपनी क्रांति को परिभाषित भी कर डाला है, जिसका उदाहरण ऑन डिमांड आस्तिकता वाली शेहला राशिद है।
राहुल ने जब यह बोल दिया, और फिर कैलकुलेटर लेकर चिदम्बरम सरीखे जानकार लोग बैठे तो पता चला कि आलू से सोना भी बनने लगे, हर खेत में फ़ूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर, उसकी छतों पर भी खेती की जाए, फिर भी इतना पैसा पैदा करना नामुमकिन हो जाएगा।