हास्य-व्यंग्य-कटाक्ष
कटाक्ष… क्योंकि हर बात सीधी तरह से समझ में नहीं आती
फैक्टचेक: क्या आरफा खानम घंटे भर में फोटो वाली बकरी मार कर खा गई?
आरफा के पाँच बज कर दस मिनट वाले ट्वीट के साथ एक ट्वीट छः बज कर दस मिनट का था, जिसके स्क्रीनशॉट को कई लोगों ने एक दूसरे को व्हाट्सएप्प पर भेजना शुरु किया। किसी ने यह लिखा कि देखो जिस बकरी को सीने से चिपका कर फोटो खिंचा रही थी, घंटे भर में उसे मार कर खा गई।
जीत आपकी: हारने के 101 फायदे बताने वाली वीडियो देखते पकड़े गए महागठबंधन के सदस्य, तेजस्वी यादव ने बताई वजह
तेजस्वी यादव ने 9वीं से आगे न पढ़ने का मन ही संदीप माहेश्वरी की वो वीडियो देखकर बनाया था, जिसमें उन्होंने 10वीं में फेल होने के 101 फायदों के बारे में विस्तार से बताया है।
बिहार चुनाव परिणाम से कट्टा व्यापारियों में दुःख का तूफान, जद्दू भईय्या के घर चला इतना कट्टा कि करोड़ों का बिका खोखा
स्टूडियो में "कजरारे - कजरारे" गाने पर डांस करने वाले पत्रकार के लिए रामनाथ गोयंका अवार्ड के साथ-साथ अब "नाच नाथ गोयंका" अवार्ड भी...
लो भाई! बंगाल से TMC का जाना तय हो गया!
बिहार के बाद अब बंगाल चुनावों से पहले बरखा दत्त ने चुनाव नतीजों की घोषणा नहीं की बल्कि अपनी ये तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल करवा दी।
नीतीश-मोदी को लोगों ने रिजेक्ट कर दिया… से …हर चुनाव भाजपा ही जीतती है – रबिश की गिरगिट पत्रकारिता
बिहार विधानसभा चुनावों की पूरी परिचर्चा के दौरान रबिश कुमार की गिरगिटनुमा पत्रकारिता ने कई बार रंग बदला। शुरुआत में रबिश ने...
व्यंग्य: मुनव्वर राणा का रोस्ट शायरश्रेष्ठ अजीत भारती द्वारा | Ajeet Bharti roasts Munawwar Rana
'काणा' साहब ने अपनी पुरानी गजलों/शायरियों को मॉडिफाई किया है। इसमें उन्होंने कौम, जिहाद, काफिर, कुर्बानी का जिक्र करते हुए...
व्यंग्यात्मक गजलें और अश’आर: मुनव्वर राणा के नाम
किसी के हिस्से में टट्टी, किसी के पाद आया... मैं घर में सबसे कट्टर था, मेरे हिस्से जिहाद आया... पड़ी सायकिल को देखते ही पंचर साट देते हैं...
व्यंग्य: NDTV के संकेत को रिपब्लिक ने दिए ₹500, देखता रहता है पूरे दिन
बताया जा रहा है कि रिपब्लिक टीवी ने NDTV के संकेत को कुल ₹500 दिए हैं और उसका प्रूफ भी माँगा। उसी चक्कर में ब्लर कर के तस्वीर शेयर की गई है। ऐसा गुप्त सूत्रों ने बताया है।
व्यंग्य: नक्सली भाभीजी घर पर नहीं हैं तो गई कहाँ? पप्पू-पिंकी के लिए चमत्कार करने आई थी या…
“जब पप्पू-पिंकी जैसे नामी ठगों के इलाके की तरफ बढ़ने की इनपुट दिल्ली से आ गई थी, तो तुमने ढिलाई क्यों बरती?”
व्यंग्य: कन्हैया कुमार का इंटरव्यू, बिहार चुनाव में टिकट नहीं मिला | Ajeet Bharti roasts Kanhaiya
आज कन्हैबा के दोगलेपन के कारण ही उन्हें केवल कामभक्त माओवंशी लमप्ट समुदाय और गिरोह विशेष के पत्रकार और R&Dtv जैसे संस्थान ही इज्जत देते हैं।