Thursday, April 25, 2024

हास्य-व्यंग्य-कटाक्ष

व्यंग्य: पिज़्ज़ा, डीजे, मसाजर, काम क्या-क्या है, अन्नदाता आ गया है, इंतजाम क्या-क्या है

एमबीए के दौर में इवेंट मैनेजमेंट एक विषय बन चुका है, और आंदोलन में ग्लैमर की कमी हमेशा रही। अगर आंदोलन आदि व्यवस्थित तरीके से नहीं होंगे, तो इस विषय को शादी की प्रीवेडिंग फोटोशूट और 'राते दीया बुता के पीया क्या-क्या किया' वाले नाच तक में ही समेट दिया जाएगा।

किसान भईल परेशान, पप्पू गइले मिलान: किसान आन्दोलन की छुच्छी में आग लगा RAGA गए इटली, करेंगे धरना-प्रदर्शन

तीन नए 'फासीवादी' कृषि कानूनों को लेकर किसान आंदोलन की छुच्छी में आग लगाकर राहुल गाँधी इटली (मिलान) भाग रहे हैं।

Jio सिम के बहिष्कार की बात पर आपस में ही भिड़ पड़े किसान, कल ही किया था 3 महीने वाला रिचार्ज

आक्रोशित जियो उपभोक्ता ने बताया कि कल ही उसने अन्य किसान संगठनों की नजर में आए बिना अपना रिलायंस जियो सिम रिचार्ज किया था।

परमादरणीय श्री जाकिर नाइक साहब! जन्नत में मर्दों को तो हूरें मिल जाती हैं, औरतों को क्या मिलता है?

क्या धरती पर बढ़ती आबादी के हिसाब से जन्नत में हूरों की सप्लाई भी बढ़ती जाती है? पुरानी हूरों और नई हूरों को मिलाकर उनकी आबादी का एक मुकम्मल आँकड़ा पेश करें। यह भी बताएँ कि इन हूरों का लाभ अभी कुल कितने मजहबी पुरुषों को मिल रहा है?

केजरीवाल जी, वाड्रा जी, शिपिंग कॉर्पोरेशन में 65% हिस्सेदारी बेच रही है सरकार, आपको लेना है?

खुद ही तेल की खुदाई करने के लिए कॉमरेड्स द्वारा उठाए गए इस कदम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में बड़ा कदम बताया।

व्यंग्य: अयोध्या में मस्जिद की जगह स्कूल या अस्पताल बनाने की माँग, गरीब देंगे दुआ

अयोध्या में बनने जा रही मस्जिद में एक समय में दो हजार लोग नमाज पढ़ सकेंगे। लेकिन देश का उदारवादी वर्ग इस सबसे बेहद नाराज है।

व्यंग्य: अरे भई! वो अन्नदाता है, वो भला बिल क्यों पढ़ेगा!

पहले सांसद कानून बनाते थे, तो अभी भी वही बनाएँगे, ये कहीं से भी उचित नहीं है। अच्छी बात तो यह होगी कि किसान अपने कानून स्वयं बनाए, आतंकी UAPA में संशोधन करे, डॉक्टर निजी प्रैक्टिस पर बिल बनाएँ।

अम्बानी के जियोमार्ट और पूँजीपतियों को फायदा पहुँचाना है किसानों का मकसद, बाजार बंद तो बहाना है – गुप्त सूत्र से खुलासा

ख़ुफ़िया रिपोर्टर कॉमरेड पैट्रिक जिन्ना ने बताया कि ये भारत बंद और कुछ नहीं बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से अम्बानी सहित तमाम पूँजीपतियों को फायदा पहुँचाने की साजिश का ही पहला चरण है।

जब नक्सलियों की ‘क्रांति के मार्ग’ में डिल्डो अपनी जगह बनाने लगता है तब हथियारों के साथ वाइब्रेटर भी पकड़ा जाता है

एक संघी ने कहा, "डिल्डो मिलने का मतलब वामपंथी न तो क्रांति कर पा रहे न वामपंथनों को संतुष्ट। कामपंथियों के बजाय रबर-यंत्र चुनने पर वामपंथनों को सलाम!"

किसानों ने की कंगना रनौत और दिलजीत के बीच मध्यस्थता की पेशकश, समझौता न होने पर दी प्रदर्शन की चेतावनी

कृषि कानूनों को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कंगना और दिलजीत पर आरोप लगाया है कि यह उनके धरने से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह का 'सीन तैयार' कर रहे हैं।

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