Saturday, November 9, 2024

विविध विषय

‘जी ले जी ले मेरे यार, जेब खाली तो उधार जी ज़िन्दगी’

फ़ोटो की सबसे खास बात है कि बच्चे जिस 'यंत्र' से सेल्फ़ी क्लिक कर रहे हैं, वो कोई स्मार्टफ़ोन नहीं, बल्कि एक ‘चप्पल’ है।

15 की उम्र में ISIS से लगाव, आतंकी से शादी… 2 बच्चों के साथ अब 19 साल की जर्मन घर लौटने को बेताब

अपनी नादानी में ISIS में शामिल, लियोनोरा की तरह हजारों बच्चों और परिवारों के भविष्य का कुछ भी पता नहीं है कि क्या होगा?

माघी अमावस्या पर मौन साधना का महत्व, कुम्भ का दूसरा शाही स्नान

आप प्रयागराज कुम्भ में हैं तो बहुत अच्छा, नहीं तो कहीं भी गंगा स्नान कर इस दिन के माहात्म्य का स्वतः अनुभव करें। हो सके तो मौन रहें और ख़ुद अनुभव करें कि क्यों मौन को नाद से भी प्रभावशाली माना गया है।

माँ की मौत की ख़बर के बाद रोया, खूब रोया… लेकिन इस क्रिकेटर ने नहीं छोड़ा टीम का साथ

वेस्टइंडीज़ के इस गेंदबाज की माँ का निधन इंग्लैंड के ख़िलाफ़ दूसरे टेस्ट मैच के दौरान हो गया, बावजूद इसके वह मैच में खेलने के लिए मैदान पर उतरे।

कुम्भ पर डाक टिकट जारी: आज़ाद भारत के इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा

केंद्रीय रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने इस अवसर पर एक विशेष ‘फस्ट डे कवर’ भी जारी किया। उन्होंने कहा कि इससे पहले की सरकारें इस प्रकार के आयोजनों पर स्मारक डाक टिकट जारी करने से बचती आई हैं लेकिन हमने...

3 मिनट में 35 बड़ी बातें: छोटा है, सटीक है, हर कुछ समेटे हुए है

राष्ट्रीय कामधेनु आयोग बनाने की घोषणा - यह गायों के लिए कानूनों को प्रभावी ढंग से लागू करने और कल्याणकारी स्कीमों पर काम करेगा

सबरीमाला कोई पब्लिक प्लेस नहीं, हिन्दुओं का पवित्र स्थल: संघ प्रमुख के बयान के मायने

संघ प्रमुख का मानना है कि यह समस्या किसी एक मंदिर, पंथ या राज्य की नहीं है बल्कि अन्य मंदिरों पर भी इसके दूरगामी परिणाम होंगे। यह वामपंथी ताक़तों के ख़िलाफ़ पूरे देश की लड़ाई है।

बजट 2019ः मोदी सरकार के बीते 5 सालों के बजट का सफ़र

साल 2014 से लेकर अब तक हर बार बजट में मोदी सरकार ने कुछ-न-कुछ ऐसा किया है, जिसका सीधा लाभ आम जनता तक पहुँचा है। इस बार के बजट ने तो सबको खुश कर दिया।

भारतीय थलसेना का पुनर्गठन: कोल्ड स्टार्ट डॉक्ट्रिन और इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप

चार महत्वपूर्ण रिपोर्ट जनरल रावत और रक्षा मंत्रालय को सौंप दिए गए हैं। यदि इनपर अमल किया जाता है तो विगत 35 वर्षों में किया गया यह सबसे महत्वपूर्ण सैन्य सुधार होगा।

‘मणिकर्णिका’ आजकल के समीक्षकों के संकीर्ण दायरों से परे है

राजनैतिक अंधविरोध में पागल हो चुके समीक्षकों को आजकल सबकुछ उलटा ही नज़र आता है, जिसके परिणामस्वरूप हो सकता है कि उन्हें अंग्रेज़ों की पितृसत्तात्मकता 'कूल' लगी हो और रानी का विधवा आडंबरों को धता बताना रास न आया हो।

ताज़ा ख़बरें

प्रचलित ख़बरें