Tuesday, May 21, 2024

देश-समाज

पत्रकार हत्या मामले में राम रहीम को मिली उम्रक़ैद की सज़ा

आज पूरी सुनवाई के दौरान राम रहीम जस्टिस जगदीप सिंह के सामने हाथ जोड़े खड़ा रहा।

प्रशांत भूषण बाबू, हुई गवा? करवा लियो बेइज्जती?

लोकपाल मामले पर बहस के दौरान कोर्ट में जब प्रशांत भूषण ने सर्च कमिटी के उपर सवाल खड़ा किया तो चीफ़ जस्टिस ने तल्ख अंदाज में प्रशांत भूषण को ये जवाब दिया- "ऐसा लगता है आप जजों से भी ज्यादा जानते हैं।"

असम सरकार समुदाय, जमीन और आधार की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है: सर्वानंद सोनोवाल

उन्होंने कहा, "मिट्टी के लाल होने के नाते लोगों को आश्वस्त करता हूँ कि लोगों को डरने की कोई ज़रूरत नहीं है।"

वोटर रजिस्ट्रेशन: वोटर्स लिस्ट में रजिस्टर करने के लिए स्टेप बाय स्टेप गाइड

घर बैठे वोटर्स लिस्ट में अपना नाम दर्ज़ कराने की पूरी प्रक्रिया को बेहद सरल शब्दों में समझें। अगर आप अपने निर्वाचन-क्षेत्र विवरण में बदलाव करना चाहते हैं तो उसकी भी पूरी प्रक्रिया को यहाँ समझ सकते हैं।

जामिया का इंजीनियरिंग छात्र 3 देसी पिस्तौल के साथ गिरफ़्तार, व्यापारी को लूटने की थी योजना

अमन ख़ान को व्यापारी द्वारा भारी मात्रा में नकदी ले जाने की ख़बर मिली थी। जिसके बाद उसने दोस्तों के साथ मिलकर व्यापारी को लूटने की योजना बनाई

मंदिर में घुसकर तोड़ डाली हनुमान जी की मूर्ति, पूछने पर कहा- अल्लाह का था हुक्म!

युवक ने मंदिर का ताला तोड़कर उसमें रखी हनुमान जी की मूर्ति को खंडित करके बाहर फेंक दिया, इसके बाद उसने नमाज़ अदा की और फिर धार्मिक नारे लगाने लगा।

बिहार में हुआ गर्भवती बकरी के साथ बलात्कार, शराब-बंद प्रदेश में नशे में था मोहम्मद सिमराज़

मोहम्मद सिमराज़ ने खुद पर लगे इस इल्ज़ाम के बाद अपने गुनाह को कबूला है। ये पूरा मामाला आईपीसी धारा और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1971 के तहत दर्ज किया गया है।

शबनम-सलीम की वो प्रेम कहानी जिसने एक ही परिवार के 7 लोगों की जान ले ली

शबनम और सलीम की वो प्रेम कहानी जिसके एक अध्याय में एक ही परिवार के सात लोगों की वीभत्स तरीके से हत्या कर दी गई। यूपी के अमरोहा की एक ऐसी दास्तान जो आपके रोंगटे खड़े कर दे।

एक महीने बाद मेघालय की कोयला खदान से निकाला गया पहला शव, 14 मज़दूरों की तलाश जारी

इन सभी मज़दूरों को बचाने के लिए ‘शीघ्र, तत्काल और प्रभावी’ अभियानों को चलाने की ज़रूरत है क्योंकि ये सारा मामला ज़िन्दगी और मौत का सवाल बना हुआ है।

जानिए कुम्भ को: शंकराचार्य ने संगठित किया, सम्राट हर्षवर्धन ने प्रचारित

कुम्भ मेला का मूल को 8वीं सदी के महान दार्शनिक शंकर से जुड़ती है। जिन्होंने वाद विवाद एवं विवेचना हेतु विद्वान सन्यासीगण की नियमित सभा परम्परा की शुरुआत की थी।

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