Friday, May 17, 2024

विचार

अभिव्यक्ति की आजादी देश की चूलें हिलाने में नहीं, देशहित में अभिव्यक्त हों: आजादी के सिपाहियों की मंशा

कुछ लोगों को लगता है कि सत्ता के खिलाफ आवाज उठाना ही सबसे बड़ा वाक्शौर्य है, लेकिन वो भूल जाते हैं कि अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब सिर्फ...

इमरजेंसी में स्नेहलता, आज अर्नब: विरोधियों के दमन का कॉन्ग्रेसी तरीका

वो कॉन्ग्रेस के इमरजेंसी का समय था। विरोध के कारण अभिनेत्री स्नेहलता को जेल में ऐसी यातनाएँ दी गईं कि उनकी मौत हो गई। अब अर्नब को...

कभी CAA विरोध, कभी चिदंबरम का बचाव, कभी जमातियों की रक्षा: ब्यूरोक्रेट्स जो कुकुरमुत्ते की तरह उग आते हैं

INX मीडिया केस और अगस्ता-वेस्टलैंड मामलों में कई ब्यूरोक्रेट्स तक जाँच की आँच पहुँच गई है। पत्र लिख-लिख कर.....

एंटोनिया माइनो की राष्ट्रीयता नहीं बल्कि मंशा पर प्रश्न रहा है, ‘The Print’ अक्षय कुमार की नागरिकता से करना चाहता है मूल्यांकन

प्रश्न हमेशा एंटोनिया माइनो की मंशा पर ही हुए हैं ना कि राष्ट्रीयता पर, अर्नब गोस्वामी ने भी सोनिया गाँधी की मंशा पर ही सवाल उठाए हैं......

लॉकडाउन में घरेलू हिंसा: महिलाओं पर बढ़े अत्याचार, क्या महामारी भी नहीं दे रही पुरुषों को सीख?

लॉकडाउन के दौरान दुनियाभर में घरेलू हिंसा तेजी से बढ़ी है। इसमें हमारा देश भी है। शर्मनाक है, लेकिन आज का सच यही है।

संतों की लिंचिंग: पालघर पर लेफ्टिस्ट-सेक्युलर खामोशी और कुछ अनुत्तरित सवाल

पालघर में संतों की लिंचिंग से कई सवाल खड़े होते हैं। इनके जवाब के लिए उच्च स्तरीय जॉंच जरूरी है। नरराक्षसों पर कठोर से कठोर कार्यवाही होनी चाहिए।

घरेलू हिंसा में इजाफे का लॉकडाउन से नहीं नाता, असल वजह सिर्फ विश्वव्यापी पितृसत्ता

घरेलू हिंसा का लॉकडाउन से संबंध नहीं। यह पितृसत्ता में जकड़े समाज का नतीजा है जो फिर अपना चेहरा दिखाने लगा है।

लेनिन: लाखों किसानों-निर्दोषों की लाश के ढेर पर कम्युनिस्ट सत्ता स्थापित करने वाला

रूस में गृहयुद्ध के दौरान लेनिन के सामने शासन और सर्वहारा में से किसी एक को चुनने का समय आया, तब उसने सर्वहारा में ही जार को देखा।

चीन को क्लीन चिट देने वाले रवीश कुमार बन चुके हैं राष्ट्रीय आपदा

रवीश कुमार भारत में डॉक्टर पर हुए हमले को अपने हिसाब की सही वजह ढूँढकर उसे जस्टिफ़ाय करने लगते हैं। साधुओं की हत्या पर भी वो...

खग ही जाने खग की भाषा: रामचरित मानस के बहाने कोरोना और चमगादड़ वाली धूर्तता के पीछे का सच

रामचरित मानस एक पन्ने की तस्वीर को किसी धूर्त व्यक्ति ने दोहा संख्या 120 में चमगादड़ और रोग का जिक्र है, ऐसा कहकर व्हाट्स-एप्प इत्यादि.....

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