इतिहास में क्या कहीं भी ऐसा वाक़या मिलता है, जहाँ महिलाओं ने किसी धर्म या संस्कृति की प्राथमिक पुस्तक का लेखन कार्य किया हो? भारत में महिलाओं ने वेद लिखे हैं
एक ख़ास वर्ग इस देश में, विशेषकर 2014 के लोकसभा चुनावों के बाद से सक्रिय हुआ है, जिसका प्रथम उद्देश्य अपने प्रधानमंत्री को सिर्फ इसलिए नीचा दिखाने का है क्योंकि वो उनकी विचारधारा से अलग विचार रखता है।
युद्ध के बाद दिल्ली में खोपड़ियों का एक इतना बड़ा टावर खड़ा किया गया जिसे पूरी दिल्ली देख सके। नरमुंडों का एक इतना विशाल ढेर, जिसे देख कर नृशंसता भी हज़ार बार काँपे।
आपके इन सर्कास्टिक प्रयोगों से ऐसा लगता है कि अगर किसी के पास सोशल मीडिया पर उसके पाठक पहले से तैयार हों, तो वो भारी तादाद में नागरिकों को देश के प्रति भड़का और बरगला सकते हैं।
माया-अखिलेश दो राज्यों में तो कॉन्ग्रेस के साथ सत्ता भोगेंगे लेकिन यूपी में उसके ख़िलाफ़ ताल ठोकेंगे। महागठबंधन की खिचड़ी और यश चोपड़ा की क्लासिक फ़िल्म सिलसिला में बहुत कुछ समान है