Thursday, April 25, 2024

राजनैतिक मुद्दे

श्रीराम मंदिर के लिए सदियों तक मुगलों से सैकड़ों लड़ाई लड़े तो कॉन्ग्रेस-लेफ्ट-आप इकोसिस्टम से एक और सही

जो कुछ भी शुरू किया गया है वह हवन कुंड में हड्डी डालने जैसा है पर सदियों से लड़ी गई सैकड़ों लड़ाई के साथ एक लड़ाई और सही।

हिंसा से भी खौफनाक बंगाल का सिस्टम: पीड़ितों का अब सुप्रीम कोर्ट ही सहारा

हिंसा पीड़ित नागरिकों की कौन सुनेगा? उनके विरुद्ध हुई हिंसा को रिपोर्ट करने के लिए राज्य सरकार की कौन सी संवैधानिक संस्था उपयुक्त हो सकती है?

दक्षिणपंथ मतलब भाजपा नहीं: क्यों इसकी लड़ाई अपने समर्थकों से ही है? ‘कॉन्ग्रेस’ होने से बचने की क्या है वजह?

यदि दुराग्रही वामपंथियों के प्रपंच में उलझे बिना देखें, तो दक्षिणपंथ कहीं ज्यादा तार्किक और समाधान का हिस्सा है, लेकिन 'नेहरु घाटी सभ्यता' के दौरान पैदा हुए विचारकों ने कभी किसी को यह सोचने का मौका ही नहीं दिया कि उनके अलावा भी कोई दूसरी विचारधारा इस पृथ्वी पर हो सकती है और उनसे कहीं ज्यादा बेहतर हो सकती है।

नए IT कानून को मोटा पोथा मत बनाइए: आज ट्विटर उठा रहा फायदा, कल कोई और उठाएगा

न तो भारत के अधिकांश लोग 700 पन्ने का प्रिंट निकलवाने के आर्थिक खर्च में सक्षम होंगे, न ही उतना पढ़ कर विचार रखने के लिए कोई समय निकलेगा।

शुक्र है PM मोदी हैं! पब्लिक की होगी फ्री वैक्सीनेशन, प्रोपेगेंडा के नए टीके की तलाश में विपक्ष

केंद्र सरकार के इस निर्णय को लेकर जिस तरह से क्रेडिट लेने और देने की होड़ मची हुई है, वह दर्शाता है कि ऐसे निर्णयों को या ऐसी घोषणा का विपक्ष या मोदी विरोधियों के लिए क्या महत्व है।

आज मार रहे हो… कल जनता तुम्हें ‘मारेगी’ (चुनावी मैदान में): पश्चिम बंगाल पर हर चुप्पी का बदला इसी लोकतंत्र में

ऐसा क्यों है कि केरल या पश्चिम बंगाल में जब सरकार द्वारा सह दिए जाने वाली हिंसा की बात होती है तो लोकतंत्र के हिस्सेदारों को साँप सूँघ जाता है?

मैं चाहे जो लिखूँ-बोलूँ, मेरी मर्जी: बालसुलभ तर्कों से लैस इतिहास्य-कार, आरफा खानुम महज झाँकी है

औरंगज़ेब ने भले दर्जनों मंदिर तुड़वाए, लेकिन इतिहासकार चाहे तो अपने इतिहास की कार चढ़ा उसे कुचल दे और साबित कर दे कि वह तो बड़ा शालीन शासक था।

2500 ‘हिंदू’ गाँवों का नाम बदल इस्लामीकरण: ‘दुर्गा’ इंदिरा थीं तब PM, CM के लिए हिंदू थे ‘भारत सरकार के मुखबिर’

शेख और इंदिरा गाँधी के बीच 1975 में एक समझौता हुआ। शेख कॉन्ग्रेस के समर्थन से मुख्यमंत्री बने... जबकि उनकी पार्टी का एक भी विधायक नहीं था।

हिंदू-मुस्लिम एंगल देकर सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट रोकने की साजिश: विधायक, कलाकर, मीडिया… सब इस खेल में शामिल

"मौजूदा संसद भवन और राजपथ दुनिया की इस्लाम प्रभावित सबसे महत्वपूर्ण निशानी... मोदी भारत की सभी इस्लामिक इमारतों और 20 करोड़ मुसलमानों को नेस्तनाबूद करने से कम कुछ भी नहीं चाहते।"

भारत के सदानंद मास्टर हों या चीन का थियानमेन चौक: वामपंथी छल-बल ने मानवता को दिए हैं बेहिसाब घाव

4 जून 1989 वामपंथी पाखंड का एक नमूना है। उसका इतिहास से लेकर वर्तमान तक, हिंसा और रक्त से ही सना है।

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