Saturday, April 20, 2024

सामाजिक मुद्दे

न वो निर्भया थी, न मंदिर में मिली थी लाश: 28 साल बाद आया ये ‘इंसाफ’ बताता है कि चर्च के गुनाहों के प्रति...

केरल में अपने ही कॉन्वेंट में जब सिस्टर अभया का शव मिला तो ये भी तय नहीं हो पाया कि ये हत्या है भी या नहीं।

कुछ याद आ रहा है वो माह था दिसम्बर: जब मुस्लिम भीड़ें और वामपंथी देश को फूँकने के लिए साथ आए

वामपंथी पोर्टलों पर नैरेटिव बदलने की कोशिशें जारी हैं। वो यह सोच रहे हैं कि साल भर बाद हिन्दू समाज और रिसते घावों को चाटती दिल्ली भूल गए होंगे कि साल भर पहले उसके सीने पर छुरा मारने वाले, और कपड़ों पर आग लगाने वाले लोगों की पहचान क्या थी।

तीस हजार बाबरी बाकी है, और उसे ले कर रहेंगे: अजीत भारती का वीडियो | Ajeet Bharti on 30000 Babris remain, Hindus must have...

अब वह समय आ गया है कि जब भी कोई ‘बाबरी जिंदा है‘ कहे, तो हमें कहना चाहिए कि हाँ, तीस हजार जिंदा है, और एक-एक को तोड़ कर, मंदिर वहीं बनाएँगे।

नमाज पढ़ते मुस्लिम और सुरक्षा में सिखों का घेरा: हाईजैक ‘किसान आंदोलन’ और शाहीन बाग मॉडल

'किसान आंदोलन' में नमाज पढ़ते मुस्लिम और उनकी 'सुरक्षा' में खड़े सिख समुदाय के लोगों की तस्वीर व वीडियो को राना अयूब जैसों ने वायरल किया।

तीस हजार बाबरी बाकी है, और हम उसे ले कर रहेंगे

हर राष्ट्र में कानून बहुसंख्यकों के हिसाब से होता है और अल्पसंख्यकों को उसी दायरे के अनुकूल बनना पड़ता है। यहाँ हमेशा उल्टा होता आया है क्योंकि सर्वसमावेशन और सहिष्णुता की बात सिर्फ हिन्दुओं की ही जिम्मेदारी बन गई है।

नारीवादियो तेरा कुछ नहीं जाता, पर सितारा परवीन जैसों के लिए बेड़ी बन जाती है जायरा वसीम और सना खान की ‘घर वापसी’

नारीवाद का झंडा बुलंद करने वालों को सना, जायरा वसीम, हलीमा के फैसलों में पितृसत्ता क्यों नहीं दिखती?

‘बाबरी मस्जिद… भगवान का घर तोड़ना पाप’ – शब्दों से खेल रही स्वरा भास्कर की हिंदी कमजोर या है पाखंड?

स्वरा जैसों का प्रयास आज भी वही है कि राम मंदिर बनने के बाद सेकुलर हिंदू उसमें जाए और मंदिर में बैठकर अल्लाह से माफी माँगे।

कानपुर लव जिहाद SIT रिपोर्ट: आखिर वामपंथियों को 14 साल की बच्चियों का समुदाय विशेष वालों द्वारा गैंगरेप क्यों नॉर्मल लगता है?

बात यह है कि हर मामले में खास मजहब का लड़का ही क्यों होता है? ईसाई या सिक्ख लड़के आखिर किसी हिन्दू लड़की को अपना नाम हिन्दू वाला बता कर प्रेम करते क्यों नहीं पाए जाते?

‘लव जिहाद’ की जगह ‘ग्रूमिंग जिहाद’ – आखिर क्यों ऑपइंडिया ने लिया इसे इस्तेमाल करने का फैसला

जिहाद में कोई ‘लव’ नहीं है। ‘लव जिहाद’ शब्द के इस्तेमाल से यह जिहाद की गंभीरता को दिखाने में विफल रहता है, जबकि असली समस्या...

हिंदू संस्कृति का मजाक उड़ाती है Netflix की वेब सीरीज: समय है इसके बहिष्कार का… और वो समय अभी ही है

पिछले कई सालों से इस्लामिक संगठनों द्वारा किए गए हमलों को सफेदजामा पहनाने की कोशिश की जा रही है और नेटफ्लिक्स इस प्रोपेगेंडा में...

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