Friday, October 4, 2024
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कॉलेज में दो गुटों के बीच झड़प को फेक न्यूज पेडलर्स ने दिया धार्मिक एंगल, जुबैर-सायमा के फर्जीवाड़े की हवा मेरठ पुलिस ने निकाली

यह गैंग पुलिस के बयान को जान बूझकर या तो अनदेखा कर देता है या न देख पाने का नाटक करता है। हालाँकि, इस मामले में मेरठ पुलिस ने इनकी असलियत को उधेड़कर रख दिया है। इसके बाद भी इस गैंग ने कोई सफाई नहीं दी है और न ही अपने फर्जी दावों वाले ट्वीट्स को डिलीट किए है। यही इनके काम करने का असली तरीका है।

मेरठ का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें दावा किया गया है कि मुस्लिम होने के कारण साहिल नाम के एक लड़के को कुछ युवकों ने कॉलेज में पीट दिया। इस वीडियो को कई समाचार संस्थानों ने गलत जानकारी के साथ फैलाया है।

वहीं, सोशल मीडिया के फेक न्यूज पेडलरों के लिए मानो ये एक बड़ा मौका मिल गया हो हिंदुओं पर हमला बोलने का, उन्हें निशाना बनाने का। हालाँकि, कुछ ही देर में उनकी फेक न्यूज फैक्ट्री का गुब्बारा फूट गया, क्योंकि मैदान में खुद मेरठ पुलिस ही उतर आई।

कहाँ का है ये पूरा मामला

यह मामला मेरठ के एनएसए डिग्री कॉलेज का है। यहाँ साहिल नाम के मुस्लिम लड़के को कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों ने किसी बात को लेकर पीट दिया। छात्रों ने उसे वीडियो फिल्माते हुए पकड़ा था। इस वीडियो को अगर आप खुद देखेंगे तो मामला पूरी तरह साफ हो जाएगा। दरअसल, साहिल कॉलेज में वीडियो बना रहा था।

इसी दौरान कुछ लड़कों ने साहिल को देखा तो रोका। वीडियो में साफ सुना जा सकता है कि लड़कों द्वारा वीडियो बनाने से रोकने पर साहिल की बहन उनसे कहती है- ‘तुम्हारा वीडियो नहीं बना रहा था ना?’। वहीं, सोशल मीडिया पर ये फैलाया जा रहा है कि साहिल को मुस्लिम होने की वजह से पीटा गया।

भ्रामक जानकारी के साथ फेक न्यूज पेडलर्स ने वायरल किया वीडियो

कई लोगों ने दावा किया कि लड़कों ने साहिल की पहले टोपी उतरवाई गई, फिर उसके साथ मारपीट की गई। वीडियो में ऐसा भी कुछ नहीं दिख रहा है। इसके बावजूद फेक न्यूज पेडलर मोहम्मद जुबैर से लेकर RJ सायमा, मुस्लिम स्पेसेज और खुद को क्विंट का पत्रकार बताने वाले अतुल राय जैसे लोग इस वीडियो को गलत जानकारियों के साथ शेयर करने लगे।

ऑल्ट न्यूज के फेक न्यूज पेडलर मोहम्मद जुबैर ने अपनी जिहादी मानसिकता को प्रदर्शित करते हुए इस कंटेंट को सोशल मीडिया पर साझा किया। जुबैर ने भारत समाचार द्वारा किए गए ट्वीट को रीट्वीट किया और उसकी सत्यता की जाँच भी नहीं की, जब यह खुद को फैक्ट चेकर बताता फिरता है।

सायमा ने भी इसे फर्जी दावे के साथ शेयर किया। इसके साथ ही उसने वीडियो के कैप्शन में लिखा, “एक भ्रष्ट समाज! दयनीय।”

जिहादी हैंडलों ने तेजी से बढ़ाया वीडियो

मुस्लिम स्पेसेस नाम का एक्स हैंडल लिखता है, “यूपी: कॉलेज की फीस जमा करने गए मुस्लिम युवक को उसकी बहन के सामने छात्रों ने मॉब लिंचिंग की कोशिश की! मेरठ के सिविल लाइन्स स्थित एनएएस डिग्री कॉलेज में टोपी पहनकर जाने पर एक मुस्लिम की पिटाई कर दी गई! धार्मिक गालियाँ दी गईं! उसे ईंटों से पीटा गया!’

मुस्लिम स्पेसेस ने ये वीडियो पीयूष राय से उठाया था। उसने लिखा था, “यूपी के मेरठ स्थित एक कॉलेज में अपनी छोटी बहन की फीस जमा करने गए युवक साहिल पर बदमाशों ने हमला कर दिया। आरोप लगाया जा रहा है कि उन्हें धार्मिक अपशब्द कहकर निशाना बनाया गया।”

यूपी कॉन्ग्रेस भी फेक न्यूज पेडलिंग में शामिल

इस वीडियो को यूपी कॉन्ग्रेस के आधिकारिक एक्स हैंडल पर भी भ्रामक जानकारियों के साथ शेयर किया गया है। हालाँकि, मेरठ पुलिस ने इस पर अपना आधिकारिक बयान दिया है, लेकिन यूपी कॉन्ग्रेस ने अभी तक ये ट्वीट न तो हटाया है और न ही भ्रामक जानकारी फैलाने के लिए माफी ही माँगी है।

मेरठ पुलिस ने बताई सच्चाई

मेरठ पुलिस ने इस तरह के ट्वीट और शेयर किए जा रहे वीडियो को पूरी तरह भ्रामक बताया। मेरठ पुलिस ने बताया कि इस मामले में हिंदू-मुस्लिम जैसा धार्मिक एंगल है ही नहीं, बल्कि ये दो समूहों के झड़प से जुड़ा वीडियो है। इसे गलत संदर्भ के साथ पेश किया जा रहा है। पुलिस इस मामले में FIR दर्ज कर कार्रवाई कर रही है।

फेक न्यूज पेडलर गैंग के काम करने का असली तरीका

सोशल मीडिया पर झूठ फैला रहा ये वही गैंग है, जो कर्नाटक-तमिलनाडु जैसे राज्यों की खबरों के लिए पुलिस के बयान को ही आखिरी सत्य मानते हैं। हालाँकि, जब ऐसा ही कोई मामला उत्तर प्रदेश जैसे भाजपा शासित राज्य का होता है तो ये अपनी गैंग की बातों को ही अंतिम सच मानते हैं।

यह गैंग पुलिस के बयान को जान बूझकर या तो अनदेखा कर देता है या न देख पाने का नाटक करता है। हालाँकि, इस मामले में मेरठ पुलिस ने इनकी असलियत को उधेड़कर रख दिया है। इसके बाद भी इस गैंग ने कोई सफाई नहीं दी है और न ही अपने फर्जी दावों वाले ट्वीट्स को डिलीट किए है। यही इनके काम करने का असली तरीका है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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