Saturday, January 4, 2025
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मोदी घृणा फैलाने में फिर बौराए रवीश कुमार, प्रोपगेंडा फैलाने में की ‘बड़ी मिस्टेक’: ₹17 लाख के हीरे को ₹68 लाख का बताया, नेटीजन्स उड़ा रहे मजाक

इस बार रवीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अमेरिकी राष्ट्रपति की पत्नी जिल बायडेन को 7.5 कैरेट का हीरा गिफ्ट करने को लेकर प्रोपेगेंडा फैलाने की कोशिश की, लेकिन गलत आँकड़ों की वजह से खुद सवालों के घेरे में आ गए।

पूर्व पत्रकार और अब यूट्यूबर बने रवीश कुमार लगातार मोदी सरकार के खिलाफ लोगों को भड़काने की कोशिश में पकड़े जाते रहे हैं। वो फेक न्यूज फैलाते हैं और एक्सपोज होते हैं, लेकिन सुधरने की जगह एक बार फिर से वो फेक न्यूज फैला कर आम जनता को भ्रमित करने के काम में लग जाते हैं। इसी क्रम में एक बार फिर से उन्होंने प्रोपेगेंडा फैलाने की कोशिश करते हुए फेक न्यूज फैलाया। इस बार रवीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अमेरिकी राष्ट्रपति की पत्नी जिल बायडेन को 7.5 कैरेट का हीरा गिफ्ट करने को लेकर प्रोपेगेंडा फैलाने की कोशिश की, लेकिन गलत आँकड़ों की वजह से खुद सवालों के घेरे में आ गए।

अमेरिका की नेशनल आर्काइव्स एंड रिकॉर्ड्स एडमिनिस्ट्रेशन ने 1 जनवरी 2025 को एक रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट के पेज 12 पर बताया गया कि 22 जून 2023 को अमेरिकी दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बायडेन की पत्नी जिल बायडेन को 7.5 कैरेट का हीरा उपहार में दिया। इसकी कीमत $20000 (करीब 17.15 लाख रुपये) बताई गई थी।

रवीश कुमार ने 3 जनवरी 2024 को इसे लेकर सोशल मीडिया पर मोदी सरकार को निशाना बनाते हुए कहा कि यह हीरा 68 लाख रुपये का है। उन्होंने भारतीय रुपये और अमेरिकी डॉलर के एक्सचेंज रेट को सही से समझे बिना यह दावा कर दिया।

रिपोर्ट के मुताबिक, यह हीरा लैब में तैयार किया गया था और ये इको-फ्रेंडली है। रवीश ने इसे जनता के पैसे की बर्बादी बताते हुए सरकार पर कटाक्ष किया। लेकिन असलियत यह है कि $20000 का मतलब भारतीय करेंसी में सिर्फ 17.15 लाख रुपये है।

इसके अलावा, टाइम्स ऑफ इंडिया के सूत्रों का कहना है कि यह हीरा मात्र ₹2 लाख (लगभग $2331) का था। इस खुलासे के बाद रवीश कुमार के दावे और उनकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो गए हैं।

बहुत बार फेक न्यूज फैलाते पकड़े जा चुके हैं रवीश कुमार

बता दें कि रवीश कुमार कई बार फेक न्यूज फैलाते पकड़े जा चुके हैं। यूट्यूबर बनने से पहले जब वो एनडीटीवी में थे, तब भी उन्होंने जान-बूझकर लोगों को भ्रमित करने के लिए फेक न्यूज फैलाने के काम किए थे। ऐसा ही काम उन्होंने जनवरी 2021 में किया था, जब किसान आंदोलन के बहाने आम जनता और किसानों को उन्होंने भ्रमित करने की कोशिश की थी, जिसके बाद उन्हें लताड़ भी लगी थी।

साल 2020 में वो लगातार फेक न्यूज फैलाते पकड़े गए थे। उन्होंने एक के बाद एक लगातार तीन फेक न्यूज फैलाए थे, जिसमें रेलवे को लेकर भी फर्जी खबरें शामिल थी। किसी फेक न्यूज में वो ट्रेनों के 90 घंटे से लेट चलने का दावा करते दिख रहे थे, तो किसी में वो टाइम मैगजीन के बहाने फर्जी न्यूज फैलाने की कोशिश करते दिखे थे।

यही नहीं, रवीश कुमार लव जिहाद जैसी जघन्य घटनाओं को भी कम करके बता रहे थे और लव जिहाद को मनगढंत बात बता रहे थे। जिसके बाद पीड़ित नेशनल शूटर ने सार्वजनिक तौर पर उनकी बघिया उघेड़ी थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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