Friday, May 10, 2024
Homeविविध विषयमनोरंजन5 साल में पहली बार अक्षय कुमार की रक्षाबंधन को 'U', लाल सिंह चड्ढा...

5 साल में पहली बार अक्षय कुमार की रक्षाबंधन को ‘U’, लाल सिंह चड्ढा को ‘U/A’: जानिए फिल्मों को कैसे मिलता है सेंसर सर्टिफिकेट

CBFC यानी "सेंसर बोर्ड फॉर फिल्म सर्टिफिकेशन" किसी फिल्म में दिखाए गए कंटेंट के आधार पर भारत में रिलीज के लिए सर्टिफिकेट प्रदान करता है।

अक्षय कुमार की ‘रक्षाबंधन’ 11 अगस्त को रिलीज होने वाली है। इस फिल्म को सेंसर बोर्ड ने ‘U’ सर्टिफिकेट दिया है, वह भी बिना किसी कट के। सेंसर सर्टिफिकेट मेकर्स को 3 अगस्त को सौंपा गया। सेंसर सर्टिफिकेट में बताया गया कि रक्षाबंधन फिल्म की टाइमिंग सिर्फ 110 मिनट यानी 1 घंटा 50 मिनट है। इस तरह से यह फिल्म अक्षय के 30 साल से अधिक के करियर में अब तक की सबसे छोटी फिल्म बताई जा रही है।

कई बार U सर्टिफिकेट लेने के लिए फिल्मों के कई सीन्स हटा दिए जाते हैं। लेकिन बॉलीवुड हंगामा की रिपोर्ट के मुताबिक रक्षाबंधन को सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) ने बिना किसी कट और संशोधन के ‘U’ सर्टिफिकेट के साथ पास किया है। सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है, “अक्षय कुमार की रक्षाबंधन एक साफ-सुथरी फैमिली एंटरटेनर है। यह चीज प्रोमो में भी देखने को मिली। निर्देशक आनंद एल राय ने इसे संवेदनशील तरीके से बनाया है। इस तरह की फिल्म में गाली-गलौज या इंटीमेट सीन्स की कोई जरूरत नहीं थी। इसलिए, CBFC जाँच समिति को इसमें किसी तरह का कट लगाने की जरूरत महसूस नहीं हुई।”

2017 में मिला था बॉलीवुड फिल्म को U सर्टिफिकेट

बता दें कि पाँच साल बाद बॉलीवुड की किसी फिल्म को यह सर्टिफिकेट दिया गया है। इससे पहले साल 2017 में आई फिल्म ‘हिंदी मीडियम’ को सेंसर बोर्ड की तरफ से यू (U) सर्टिफिकेट मिला था। एजुकेशन सिस्टम की कमियों को उजागर करती इस फिल्म में दिवगंत अभिनेता इरफान खान और पाकिस्तानी एक्ट्रेस सबा खान मुख्य किरदार में नजर आए थे। इस फिल्म के पाँच साल बाद अब अक्षय की रक्षाबंधन यू (U) सर्टिफिकेट पाने वाली पहली फिल्म है। आमतौर पर बॉलीवुड फिल्मों को सेंसर से U/A सर्टिफिकेट मिलता है। अक्षय कुमार की फिल्म ‘रक्षाबंधन’ के साथ कंपीट करने वाली आमिर खान की ‘लाल सिंह चड्ढा’ को भी U/A सर्टिफिकेट ही मिला है।

बॉलीवुड में किसी भी फिल्म की रिलीज से पहले अक्सर इसे मिलने वाले सर्टिफिकेट से जुड़ी खबरें आती हैं। इस सर्टिफिकेट में कई तरह की जानकारियाँ होती हैं। फिल्म के नाम वगैरह से लेकर फिल्म की लंबाई तक। लेकिन यह सर्टिफिकेट होता क्या है? क्यों दिया जाता है? कौन प्रदान करता है और यह कितने प्रकार का होता है? आइए इस बारे में जानते हैं।

क्या है सेंसर का सर्टिफिकेट?

CBFC यानी “सेंसर बोर्ड फॉर फिल्म सर्टिफिकेशन” किसी फिल्म में दिखाए गए कंटेंट के आधार पर भारत में फिल्मों को रिलीज के लिए सर्टिफिकेट प्रदान करता है। इसका मतलब है कि फिल्म सर्टिफिकेट के मुताबिक तय किए गए दर्शक वर्ग को दिखाए जाने के लायक है। 

4 तरह के सर्टिफिकेट

U सर्टिफिकेट: यह सर्टिफिकेट ऐसी फिल्मों को दिया जाता है जो हर प्रकार की ऑडियंस को दिखाए जाने के लिए ठीक हैं। ऐसी फिल्मों का प्रसारण/स्क्रीनिंग हर प्रकार के दर्शक वर्गों के लिए किया जा सकता है। यह फिल्में आप अपने पूरे परिवार के साथ बिना किसी झिझक या दिक्कत के देख सकते हैं। जिस फिल्म में किसी तरह के कोई बोल्ड सीन या गाली-गलौज नहीं होते उन फिल्मों को सेंसर बोर्ड की तरफ से ‘U’ सर्टिफिकेट दिया जाता है।

A सर्टिफिकेट: इस तरह की फिल्में सिर्फ वयस्कों को दिखाई जा सकती हैं। आमतौर पर बोल्ड सीन्स या एडल्ट कॉमेडी वाली फिल्मों को इस तरह के सर्टिफिकेट दिए जाते हैं।

U/A सर्टिफिकेट: इस सर्टिफिकेट वाली फिल्में 12 साल से कम उम्र के बच्चों को उनके माता-पिता की देखरेख में दिखाया जा सकता है।

S सर्टिफिकेट: इस तरह का सर्टिफिकेट स्पेशल ऑडियंस के लिए दिया जाता है। यानी यदि किसी फिल्म को सिर्फ डॉक्टर्स या सेना के जवानों को दिखाया जा सकता है तो उसे यह सर्टिफिकेट दिया जाएगा।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

आतंकवादियों को पनाह, खराब कानून-व्यवस्था और फर्जी ‘छात्र वीजा’ उद्योग: अपनी गलती छिपाने के लिए कनाडा की ट्रूडो सरकार भारत पर मढ़ रही आरोप

हकीकत ये है कि ट्रूडो सरकार अब खुलकर खालिस्तानी आतंकवादियों का समर्थन कर रही है, उन्हें बचा रही है और भारत विरोधी कार्यक्रमों को जारी रखने की छूट दे रही है।

मेवाड़ का मैराथन: स्पार्टा के योद्धाओं वाली वीरता, महाराणा का शौर्य और युद्ध कुशलता… 36000 मुगल सैनिकों का आत्मसमर्पण, वो इतिहास जो छिपा लिया...

'बैटल ऑफ दिवेर' मुगल बादशाह के लिए करारी हार सिद्ध हुआ। कर्नल टॉड ने भी अपनी किताब में हल्दीघाटी को 'थर्मोपल्ली ऑफ मेवाड़' की संज्ञा दी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -