ग्राउंड रिपोर्टिंग एक ऐसा माध्यम है जो पाठकों के बीच मीडिया संस्थान की विश्वसनीयता को बढ़ाता है और हर वो पक्ष सामने रखने में मदद करता है जो बाकी जगह मौजूद नहीं होता।
साल 2023 में हमने ऐसी कई ग्राउंड रिपोर्ट कीं। फिर चाहे वो AMU और ISIS के बीच निकले कनेक्शन पर हो, मुख्तार अंसारी के इलाके में जाकर उसके काले चिट्ठे का पता लगाना हो। हमने नूँह में हुई हिंसा पर भी हर खबर पहुँचाई थी और हल्दवानी में रेलवे की जमीन पर होते कब्जे की भी। हमने साहिल साक्षी हत्याकांड का भी खुलासा किया था और ये भी बताया था कि कैसे शिव बारात से पहले श्रद्धालुओं पर जामा मस्जिद से पथराव हुआ।
साल 2023 खत्म होने को है तो एक बार फिर ऑपइंडिया द्वारा कवर की गई टॉप 10 ग्राउंड रिपोर्ट को संक्षिप्त तरीके से आपको याद दिला रहे हैं ताकि आपका विश्वास हमारी रिपोर्ट्स पर हमेशा बरकरार रहे।
1. नूंह हिंदू-विरोधी हिंसा की ग्राउंड रिपोर्ट: हरियाणा के नूंह इलाके में जलाभिषेक यात्रा निकाल रहे हिन्दुओं पर हमला किया गया। ऑपइंडिया ने यहाँ पहुँच ग्राउंड रिपोर्टिंग की। कुछ ऐसी बातें जो मेनस्ट्रीम मीडिया छिपा रही थी, हमने पाठकों तक उसे पहुँचाई।
- इसमें एक थी अभिषेक की हत्या। उसे न सिर्फ गोली मार दी गई बल्कि उनका गला काटकर सिर को पत्थरों से कूच दिया गया। यह सब ISIS और तालिबान के स्टाइल में किया गया।
- शक्ति सैनी तो नूंह की जलाभिषेक यात्रा में शामिल भी नहीं थे। मुस्लिम दंगाइयों ने उन्हें भी मार डाला। शक्ति सैनी मिठाई की दुकान में काम करते थे। उन्हें दुकान से अपहरण कर कहीं और ले जाया गया और बाद में मारकर फेंक दिया गया।
- प्रदीप कुमार नल्हड मंदिर के पास हुए हमले में सुरक्षित बचा कर नूंह पुलिस लाइन तक लाए गए थे। लेकिन मुस्लिम दंगाई भीड़ को उनकी सटीक मुखबिरी मिली। वो जैसे ही पुलिस लाइन से घर जाने लगे, घेर कर मार डाला।
- नूंह हिंदू-विरोधी हिंसा में एक गुरुकुल में घुस रही थी मुस्लिम भीड़। वो मंजर इतना खौफनाक था कि वहीं काम करने वाला एक व्यक्ति ‘विक्षिप्त’ सा हो गया। मुस्लिम बाहुल्य भाड़स गाँव के इस गुरुकुल को 1992 में बाबरी ढाँचा ध्वस्त होने के बाद तबाह कर दिया गया था।
2. साहिल-साक्षी हत्याकांड की ग्राउंड रिपोर्ट: दिल्ली के शाहबाद डेयरी में हुई साक्षी की निर्मम हत्या पर आपने जो रिपोर्ट्स हमारी साइट पर पढ़ी उसकी एक-एक जानकारी ग्राउंड रिपोर्ट पर जाकर एकत्रित की गई थी।
- ग्राउंड रिपोर्टिंग से ही हमें पता चला कि जहाँ साक्षी की हत्या हुई वहाँ से थोड़ी दूर AAP विधायक का भी ऑफिस था, जिन्होंने हत्या के बाद फौरन अपने कार्यालय से बैनर हटवा लिए थे ताकि किसी को पता न चले घटना कार्यालय के पास की है।
- इलाके में एक अवैध मजार भी मिली। पूछा तो पता चला कुछ समय से इस इलाके में बांग्लादेशियों की भी घुसपैठ है। पब्लिक पार्क पर मुस्लिम आबादी ने कब्जा कर लिया है। लड़कियाँ घूमती है तो उनसे छेड़खानी होती है। लव जिहाद के भी मामले इलाके से आते रहते हैं।
3. हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर कब्जे की ग्राउंड रिपोर्ट– साल की शुरुआत में हल्दवानी में सरकारी जमीन को कब्जे से मुक्त का आदेश आया था। इसके बाद हल्ला मचाया गया कि मुस्लिमों से उनकी जमीन ली जा रही है। वामपंथी मीडिया ने इस नैरेटिव को फैलाने में खूब साथ दिया। लेकिन जब हम ग्राउंड पर गए तो तस्वीर कुछ और थी।
- ग्राउंड पर हमें इलाका शांत मिला। जब पूछा वो प्रदर्शनकारी कहाँ गए जिन्हें मीडिया दिखा रहा है तो पता चला कि वो लोग सिर्फ तब जुटते हैं जब वामपंथी मीडिया आए।
- हमने इस दौरान ये भी देखा कि एक पत्रकार उस भीड़ को क्लास दे रहा था कि क्या, कैसे, कितना बोलना है और बता रहा था वो उनकी बात द वायर पर चलाएगा।
- थोड़ी देर ग्राउंड पर और रुके तो एक मुस्लिम शख्स मिला जिसने बताया कि वो लोग तो यहाँ सालों से बिना जमीन खरीदें रह रहे हैं।
- बातचीत में यह भी सामने आया कि सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा किए रखने के लिए ये लोग महिलाओं और बच्चों का भी इस्तेमाल करते हैं। इसमें मदरसे के हाफिज और लोकल नेता सब सपोर्ट करते हैं।
- फिर भी मीडिया उनका पक्ष दिखाती है लेकिन हल्दवानी में जिन हिंदुओं की जमीन मुस्लिम कब्जाते हैं, उनके मंदिर तोड़ते हैं, उन्हें त्योहार नहीं मनाने देते… उस पर कोई कवरेज नहीं होती, न सवाल उठाया जाता है।
4. राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान (NIMHR) का मदरसे सा हाल: इस बारे में साल की शुरुआत जनवरी में ही पता चला था कि जिस NIMHR का उद्घाटन पीएम मोदी ने किया उसे इस संस्थान के डिप्टी रजिस्ट्रार मोहम्मद अशफाक ने मदरसे सा बना दिया है।
- संस्थान के छात्रों ने तीन पन्नों का लेटर अशफाक के खिलाफ PMO को भेजा था जिसमें आरोप थे कि वो मनमाने ढंग से संस्थान चलाता है। हिंदू चरित्रों के बारे में उल-जुलूल बात करता है।
- इस मामले पर ऑपइंडिया ने विस्तृत रिपोर्ट की थी जिसपर संज्ञान लेकर PMO ने जाँच शुरू की थी और ABVP ने भी डिप्टी रजिस्ट्रार के खिलाफ प्रदर्शन किया था।
- अंत में फैसला आया था कि NIHMR ने डिप्टी रजिट्रार अशफाक को निकाल दिया है।
5. पलामू में शिव बारात पर हमला, जामा मस्जिद से पथराव: झारखंड के पलामू में फरवरी को महाशिवरात्रि के लिए तोरणाद्वार लगा रहे श्रद्धालुओं पर पथराव और आगजनी की घटना सामने आई थी। ऑपइंडिया ने जब इसकी ग्राउंड से पड़ताल की तो कुछ बिंदु सामने आए।
- लोकल सामाजिक कार्यकर्ता से बात के दौरान पता चला कि पलामू में ये हमला जामा मस्जिद से हुआ था। भीड़ ने मस्जिद की छत से हिंदुओं पर पेट्रोल बम तक फेंके थे।
- उसके बाद अपनी ही दुकान तोड़कर हिंदुओं को फँसाने की साजिश भी रची गई थी। कार्यकर्ता ने इस घटना को गजवा-ए-हिंद का ट्रायल बताया था।
- इस घटना पर प्रशासन पर एक तरफा कार्रवाई करने के आरोप लगे थे। साथ ही ये भी कहा गया था कि हिंदू पुरुषों की तलाश में महिलाओं से मारपीट की गई।
- इतना ही नहीं कुछ दिन बाद पत्रकार कमलेश कुमार सिंह पत्रकार के साथ भी पुलिस ने निर्ममता से मारपीट की थी। इसमें उनका सिर फूट गया था। महिलाओं के रोने-पीटने पर उन्हें लहूलुहान करके छोड़ा था।
6.दिल्ली के कट्टर ईसाई अधिकारी ने दोस्त की बेटी से किया रेप: अगस्त माह में दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में डिप्टी डायरेक्टर प्रेमोदय खाखा पर एक बच्ची के साथ बलात्कार का आरोप लगा था। ऑपइंडिया ने इस पर भी रिपोर्ट की थी।
- हमारी पड़ताल में निकल कर आया कि प्रेमोगय खाखा सरकारी अधिकारी होते हुए कट्टर ईसाई था। उसने पहले अपने ही दोस्त की मृत्यु के बाद उसकी बेटी से 3 माह तक रेप किया था और उसकी पत्नी बच्ची को गर्भपात की दवाई देती थी।
- आगे की छानबीन में ये निकलकर आया कि खाखा ने सिर्फ बच्ची से दुष्कर्म नहीं किया था। ऑफिस में भी वो 3 अन्य महिलाओं का उत्पीड़न कर चुका था।
- सबसे हैरान करने वाली बात यह थी कि दिल्ली हाई कोर्ट इस बाबत आप सरकार को कई पत्र लिख चुकी थी मगर उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं थी।
7. मुख्तार अंसारी सीरीज: योगी सरकार ने जब से मुख्तार अंसारी के खिलाफ कार्रवाई शुरू की, तब से ये मुद्दा गरमाया हुआ था। ऐसे में हमने मुख्तार के काले चिट्ठों पर स्थानीयों से बात करके ग्राउंड रिपोर्ट की।
- इस दौरान पता चला कि गैंगस्टर मुख्तार ने अंसारी यूनिवर्सिटी बनाने के लिए मंदिर की करोड़ों रुपए की जमीन पर कब्जा किया था और अधिकारी उसे खाली कराने से भी डरते थे।
- मुख्तार का खौफ पुलिस में इतना था कि अधिकारी उसके डर से सूअर पकड़ने के लिए पानी में घुस जाते थे। वह पत्रकारों को राइफल से पीटता था और बड़े से बड़ा नेता या पुलिस अधिकारी कुछ नहीं कह पाते थे।
- ग्राउंड रिपोर्टिंग के दौरान हमें ये भी पता चला कि वो मुख्तार जिसके खौफ से मऊ कांपता था वो एक समय में ब्लैक टिकट बेचता था। इसके अलावा जो उसके दादा के ब्रिगेडियर होने की कहानी भी स्थानीयों ने झूठी बताई।
- उस पर दर्ज हत्या के केसों और उनसे जुड़ी कहानियों को भी हमने इसी दौरान रिपोर्ट किया था।
8.योग कारोबार हुआ ₹8 लाख करोड़ पार: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया योग कॉन्सेप्ट आज जमीनी स्तर और बाजार के स्तर पर कैसे फल फूल रहा है। इस पर हमने योग टीचरों से बात करते हुए एक रिपोर्ट की थी।
- इसमें मुख्यत: बताया गया था कि कैसे योग एक करियर की तरह उभरा है जिसमें महिलाएँ सक्रिय होकर अपना भविष्य बना रही हैं। इसके अलावा WHO ने भी योग का लोहा माना है और अमेरिका में इसका कितना क्रेज बढ़ा है इस सब पर हमने इस रिपोर्ट में बताया था।
- ग्लोबल योगा मार्केट की रिपोर्ट का हवाल देकर बताया था कि 2022 में योग का कारोबार 8 लाख करोड़ रुपए पहुँच चुका है।
9.ऋषिकेश में थीं घरों में दरगाहें, करवाई गई ध्वस्त- सितंबर 2023 में ऋषिकेश में तोड़ी जाने वाली दरगाहों को लेकर खबर आई। ऑपइंडिया ने इस मामले पर स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रभूषण शर्मा से बात करके पूरा मामला समझा किया।
शर्मा ने बताया कि ऋषिकेश व आसपास 200 से अधिक मजारें घरों के अंदर बन चुकी हैं। इन घरों में पुरोहित से लेकर सैनिक और व्यापारियों के घर भी थे। जब इस बात पर प्रश्न उठे तब स्थानीयों को समझाकर उन मजारों को तुड़वाने का कार्य हुआ।
10. AMU ISIS सीरीज: उत्तर प्रदेश पुलिस की एटीएस ने इस वर्ष जब अलीगढ़ ISIS मॉड्यूल का खुलासा किया तो ऑपइंडिया ने हर कार्रवाई की खबर आप पर सक्रिय रूप से पहुँचाई और इन आतंकियों का अलीगढ़ यूनिवर्सिटी से क्या कनेक्शन था ये भी बताया।
- इस सीरीज के दौरान चाहे AMU से पीएचडी करने वाले ISIS आतंकी वजीउद्दीन की छत्तीसगढ़ से गिरफ्तारी की बात हो या उसकी सास की अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में नौकरी करने की… हमने हर पहलू को आपके सामने रखा।
- ये भी बताया कि अलीगढ़ ISIS मॉड्यूल के कुल 7 आतंकी एटीएस ने पकड़े हैं और अब्दुल-फैजान नाम के आतंकियों को वो तलाश रहे हैं, जिनपर 25 हजार का इनाम भी रखा गया है।
- इसके अलावा इनके मकसद, इनके कट्टरपंथी कनेक्शन, इनकी जिहाद की बैयत, किस ऐप से एक दूसरे से जुड़े थे, कैसे हथियार जमा कर रहे थे ये सब हमने अपनी रिपोर्ट में आपको बताया था।