Friday, March 29, 2024
Homeदेश-समाजपलामू में प्रशासन पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप: दावा- हिंदू पुरुषों की तलाश में...

पलामू में प्रशासन पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप: दावा- हिंदू पुरुषों की तलाश में महिलाओं से मारपीट, हिंसा से एक दिन पहले लाए गए थे दो ट्रैक्टर ईंट-पत्थर

दंगे के संबंध में छत्तीसगढ़ के बलरामपुर के रहने वाले रजीउल्लाह को भी गिरफ्तार किया गया है। एक स्थानीय व्यक्ति ने ऑपइंडिया को बताया कि लगभग एक साल पहले केरल से एक मुस्लिम यहाँ मस्जिद के मदरसे में आया था। वह लोगों को कट्टरपंथी बनने की ट्रेनिंग दे रहा था।

झारखंड के पलामू स्थित पांकी बाजार में हिंदुओं द्वारा लगाए जा रहे तोरणद्वार को लेकर हुई हिंसा के मामले में पुलिस और प्रशासन पर भेदभाव के आरोप लग रहे हैं। स्थानीय हिंदुओं ने ऑपइंडिया को बताया कि जिन लोगों ने हिंसा की शुरुआत की, उन्हें प्रशासन सुरक्षा दे रहा, जबकि हिंदुओं के घरों में जबरन घुसकर मारपीट कर रहा है।

पलामू में पुलिस प्रशासन के एकतरफा कार्रवाई से हिंदू इस तरह भयभीत हैं कि अपनी पहचान उजागर नहीं करना चाहते हैं। नाम उजागर न करने की शर्त पर एक स्थानीय व्यक्ति ने ऑपइंडिया को बताया कि ना सिर्फ हिंदू पुरुषों के साथ मारपीट की जा रही है, बल्कि पुरूष पुलिसकर्मी घरों में जबरन घुसकर महिलाओं के साथ बदतमीजी, मारपीट और गाली-गलौच कर रहे हैं।

लोगों का कहना है कि पुलिस उन हिंदुओं के घरों के दरवाजे तोड़कर अंदर घुस रही है, जो डर से दरवाजा नहीं खोल रहे हैं। इतना ही नहीं, लोगों का यहाँ तक कहना है कि जिन हिंदुओं को पुलिस जबरन उठाकर ले जा रही है, उन्हें बुरी तरह मारा-पीटा भी जा रहा है। इन लोगों में ऐसे लोग भी शामिल हैं, जिन्हें इस हिंसा से कोई मतलब नहीं है और नहा ही वे घटना के वक्त मौजूद थे।

स्थानीय लोगों ने ऑपइंडिया को बताया कि प्रशासन द्वारा हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। इलाके के ज्यादातर हिंदू लड़के अपने घरों से फरार है। ज्यादातर हिंदुओं के घरों के पुरुष पुलिस के डर से घर छोड़कर भाग गए हैं और अपना मोबाइल आदि बंद करके इधर-उधर छिपने के लिए बाध्य हैं।

एक टीवी पत्रकार को भी पुलिस ने पीटा है। कहा जा रहा है कि उसकी इतनी पिटाई की गई है, अब उसे साँस लेने में दिक्कत हो रही है। वहीं, एक शिक्षक के घर में घुसकर उनके साथ मारपीट करने का पुलिस पर आरोप लगा है। लोगों का कहना है कि पुलिस हिंदुओं को प्रताड़ित कर रही है, जबकि मुस्लिमों को सुरक्षा दे रही है। हालाँकि, जिला प्रशासन ने ऐसी किसी घटना से इनकार किया है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि हिंसा फैलने के बाद भी पुलिस प्रशासन ने हिंदुओं पर ही लाठी चार्ज कर दिया था। इसमें भी कई हिंदुओं को चोट लगी है। लोगों का कहना है कि हिंसा की शुरुआत मस्जिद से हुई थी और मुस्लिमों के घरों से हुए पथराव में पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे। इसके बावजूद अपराधियों को पकड़ने के बाद पुलिस उन्हें सुरक्षा दे रही है।

लोगों का कहना है कि दिखाने के लिए पुलिस ने पाँच छह मुस्लिमों को गिरफ्तार किया है। उनका आरोप है कि स्थानीय कॉन्ग्रेस विधायक भी मुस्लिमों का समर्थन कर रहे हैं। इसके अलावा, पांकी के मुस्लिमों को बाहर से भी समर्थन मिल रहा है। इस कारण पुलिस प्रशासन उन पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जा रही है। वहीं, मुस्लिम खुद को ही पीड़ित साबित कर रहे हैं।

बता दें कि इस घटना के बाद हैदराबाद से सांसद और AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी हिंसा फैलाने वाले मुस्लिमों को ही पीड़ित बता दिया था। उन्होंने कहा था कि मस्जिद पर पत्थर फेंके गए। ओवैसी ने यहाँ तक कहा था कि मस्जिद के सामने तोरणद्वार नहीं बनाना चाहिए था। उन्होंने इसका दोष भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर मढ़ दिया।

स्थानीय लोगों का कहना है कि इलाके में पिछड़ा और दलित वर्ग ही हैं। इसलिए मुस्लिम उन्हें अक्सर प्रताड़ित करते हैं। लोगों का कहना है कि सवर्ण लोगों का इलाका 5-6 किलोमीटर दूर है। इसलिए उनकी सुरक्षा नहीं हो पाती है। अगर फॉरवर्ड लोग यहाँ रहते तो मुस्लिम उन पर इतना हावी नहीं होते।

मस्जिद पर 36 लाउडस्पीकर, मंदिर पर आपत्ति

लोगों का कहना है कि प्राचीन मंदिर में मंगलवार को आरती होती थी। इसमें आसपास के लोग भी जुटते थे। इस कारण मंदिर में लाउडस्पीकर लगवाई गई थी। लाउडस्पीकर के कारण मस्जिद के लोगों ने आपत्ति जाहिर की। इन लोगों का कहना है कि एनामुल, महबूब आदिल लोगों ने कई बार थाने में इसकी शिकायत की थी। लोगों ने शिकायत में कहा था कि मंदिर में लगे लाउडस्पीकर के कारण नमाज में दिक्कत होती है।

स्थानीय लोगों ने ऑपइंडिया को बताया कि उस मस्जिद पर 36 लाउडस्पीकर लगाए गए हैं और फुल वॉल्युम में पाँच बार नमाज पढ़ी जाती है। नाम नहीं बताने की शर्त पर एक व्यक्ति ने कहा कि नमाज के दौरान लाउडस्पीकर की शोर के कारण दुकान में ग्राहकों से बात करना भी मुश्किल हो जाता है। लोगों का कहना है कि उन लाउडस्पीकरों का मुँह हिंदू आबादी की ओर करके रखा गया है।

भगत सिंह चौक को मस्जिद चौक प्रचारित करते हैं मुस्लिम

लोगों का कहना है कि जिस चौक पर तोरणद्वार को लेकर हिंसा हुई, उसका नाम भगत सिंह चौक है। वहाँ भगत सिंह की प्रतिमा भी लगी है। हालाँकि, मुस्लिम उसे मस्जिद चौक कहने लगे और लिखने लगे। वे इसे मस्जिद चौक के नाम से प्रचारित करते हैं।

दंगे के लिए दो ट्रैक्टर ईंट-पत्थर मंगाकर छतों पर रखवाए गए थे

नाम नहीं बताने की शर्त पर एक व्यक्ति ने कहा कि नेहाल अंसारी मुखिया ने दंगा से एक दिन पहले दो ट्रैक्टर ईंट-पत्थर मँगवाया था और इसे आफताब मियाँ और महबूब ने मुस्लिमों और मस्जिद की छत पर चढ़वाया था। हारून मियाँ की ट्रैक्टर से ही इस ईंट-पत्थर को मँगवाया गया था।

मस्जिद से केरल का कट्टरपंथी हो चुका है गिरफ्तार

बता दें कि पुलिस ने इस दंगे के संबंध में छत्तीसगढ़ के बलरामपुर के रहने वाले रजीउल्लाह को भी गिरफ्तार किया गया है। एक स्थानीय व्यक्ति ने ऑपइंडिया को बताया कि लगभग एक साल पहले केरल से एक मुस्लिम यहाँ मस्जिद के मदरसे में आया था। वह लोगों को कट्टरपंथी बनने की ट्रेनिंग दे रहा था। हिंदुओं की शिकायत पर प्रशासन ने उसे गिरफ्तार किया था। रजील्लाह के भी कट्टरपंथी होने की आशंका जताई जा रही है।

कैसे हुई हिंसा की शुरुआत

इस घटना को लेकर स्थानीय लोगों ने बताया कि 14 फरवरी की रात को तोरणद्वार बनाने के लिए कुछ मजदूर सड़क पर गड्ढे खोद रहे थे। कुछ छह गड्ढे खोदने थे। इनमें से एक गड्ढा एक मुस्कान मोबाइल नाम के दुकान के सामने पड़ रहा था। इस दुकान का मालिक कलीम आलम है। उसने गड्ढा खोदने से रोक दिया।

इसके बाद टेंट वाले ने तोरणद्वार लगवाने को बुलाया। स्थानीय हिंदुओं ने पूछा कि द्वार क्यों नहीं लगाने दे रहे हैं तो कलीम बोला कि वह उसके दुकान के सामने पड़ रहा है। इस पर स्थानीय हिंदुओं ने बोला कि जब मुस्लिम कोई कार्यक्रम करते हैं और टेंट लगाते हैं तब दुकान के सामने नहीं पड़ता है? चार का मामला है, उसके बाद द्वार को हटा लिया जाएगा। इस पर कलीम बोला कि यहाँ खुंटा वह नहीं गड़ने देगा। जिसको जो करना है कर ले।

स्थानीय हिंदुओं ने ऑपइंडिया को बताया कि इस पर हिंदुओं ने कहा कि यह सरकारी जमीन है और यहाँ आप नहीं रोक सकते। इसके बाद कलीम वहीं के महबूब को लेकर मस्जिद के पास चला गया। इसके बाद वे लोग आपस में बातचीत करने लगे और धीरे-धीरे वहाँ 50-60 लोग जमा हो गए।

इसके बाद हिंदुओं ने थाने को सूचित किया। थानेदार यहाँ आए तो उन्होंने पूछा कि क्या हो रहा है। थानेदार ने कहा कि अगर यहाँ पहले नहीं द्वार नहीं लगाया गया है तो अब क्यों लगा रहे हो। इस पर स्थानीय लोगों ने उनसे पूछा कि सर आप ही बताइए कि यहाँ नहीं गाड़ें तो कहाँ खूँटा गाड़ें?’ आप जहाँ कहेंगे वहाँ गाड़ेंगे। इस पर थानेदार ने कहा कि यहाँ छोड़कर दूसरी जगह जाओ। इसके बाद थानेदार चले गए।

स्थानीय लोगों ने बताया कि इसी दौरान मुस्लिम आए और खूँटा उखाड़ने लगे और एक हिंदू के सिर पर डंडा मारा। इस हमले में पीड़ित को 8 टाँके लगे। लोगों का कहना है कि मुस्लिम वहाँ से अपने-अपने घर में जाकर छतों से पथराव करने लगे। मस्जिद से भी पथराव करने लगे। लोगों का कहना है कि ट्रैक्टर से लाकर पत्थर को छतों पर रखा गया था। इसे हिंसा के दौरान इस्तेमाल किया गया।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

राहुल पाण्डेय
राहुल पाण्डेयhttp://www.opindia.com
धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘अब्बा ने 10 दिनों से नहीं किया था पैखाना, दिल्ली AIIMS के डॉक्टर करें पोस्टमॉर्टम’: मुख्तार अंसारी के बेटे की डिमांड, मौत की न्यायिक...

5 डॉक्टरों के पैनल ने किया मुख़्तार अंसारी के शव का पोस्टमॉर्टम। कोर्ट ने दिया न्यायिक जाँच का आदेश। बेटे उमर ने कहा - प्रशासन पर भरोसा नहीं।

‘जो बहन-बेटी का भाव लगाएँ वो…’ : मंडी में ‘राष्ट्रवादी आवाज’ बनकर कंगना रनौत ने किया मेगा रोड शो, माँ ने भी सुप्रिया श्रीनेत...

कंगना रनौत मंडी से इस बार चुनावी मैदान में हैं। आज उन्होंने मंडी में अपना रोड शो भी किया। इस दौरान उन्होंने खुद को मंडी की जनता की बहन-बेटी बताया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
418,000SubscribersSubscribe