देश में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच भारत सरकार ऑक्सीजन की कमी दूर करने और उसकी सहज उपलब्धता सुनिश्चित करने के लगातार प्रयास कर रही है। इसी क्रम में केंद्र ने उत्तर प्रदेश सरकार को 37 जिलों में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने को मँजूरी दे दी है।
केंद्र सरकार से मँजूरी मिलने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को शीघ्रता से इन संयंत्रों की स्थापना करने का निर्देश दिया है। सीएम आदित्यनाथ ने कहा है कि हमारा लक्ष्य ऑक्सीजन उत्पादन को 743 टन प्रतिदिन से बढ़ाकर 800 टन से अधिक करना है। उन्होंने बताया कि आईआईटी कानपुर, बीएचयू, एकेटीयू, एमएमटीयू गोरखपुर और प्रयागराज का मोतीलाल नेहरू रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज सभी जिलों में ऑक्सीजन की माँग तथा आपूर्ति की ऑडिट करेगी ताकि ऑक्सीजन की रियल टाइम मॉनिटरिंग संभव हो सके।
इसके अलावा सीएम आदित्यनाथ ने यह भी बताया कि रेलवे और वायु सेना के माध्यम से ऑक्सीजन के खाली टैंकरों का परिवहन किया जा रहा है। ऑक्सीजन एक्सप्रेस के माध्यम से भरे हुए टैंकर राज्य में लाए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि सभी जिलों में 4370 ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे प्रत्येक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को 20 ऐसे ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर मिले हैं।
मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन में वृद्धि
कोरोना वायरस संक्रमण की पहली लहर के दौरान पीक में भी भारत में ऑक्सीजन की माँग 3000 टन प्रतिदिन थी, जबकि दूसरी लहर में इसमें अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई है। ऑक्सीजन की इस बढ़ी हुई माँग से निपटने में रिलायंस, टाटा, अडानी और जिंदल जैसे औद्योगिक घराने सहायता कर रहे हैं।
भारत सरकार ने अप्रैल के अंत में, 551 समर्पित प्रेशर स्विंग एडसॉरप्शन (PSA) (PSA) मेडिकल ऑक्सीजन जेनरेशन संयंत्रों को स्थापित करने और देश भर के सबसे ज्यादा माँग वाले राज्यों को 1 लाख ऑक्सीजन कॉन्स्ट्रेटर्स की खरीद के लिए पीएम केयर्स से फंड आवंटित करने को सैद्धांतिक मंजूरी दी थी। इन प्रयासों के बाद देश में मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़कर 9,200 टन हो गई है और इसे और बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।