केंद्र सरकार ने बुधवार (2 अप्रैल, 2025) को तीन वर्षों के लिए पूनम गुप्ता को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का डिप्टी-गवर्नर बनाया है। पूनम वर्तमान में ‘नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च’ (NCAER) में इकोनॉमिक पॉलिसी थिंक टैंक की महानिदेशक हैं। इससे पहले जनवरी 2020 से 2025 तक माइकल देबव्रत पात्रा रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर थे।
पूनम की नियुक्ति 7 से 9 अप्रैल के बीच प्रस्तावित RBI की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक से केवल एक हफ्ते पहले ही हुई है। 1935 से अब तक, डिप्टी-गवर्नर के 65 वर्षों के कार्यकाल में सिर्फ चार महिलाएँ ही इस पद पर पहुँच पाईं हैं। RBI को जून 2003 में KJ उदेशी के रूप में पहली महिला डिप्टी-गवर्नर मिली थीं। उनके बाद श्यामला गोपीनाथ सितंबर 2004 में और उषा थोराट नवंबर 2005 में RBI की डिप्टी-गवर्नर नियुक्त होने वाली महिलाएँ थीं। 2010 तक उषा थोराट इस पद पर रहीं। अब 14 वर्षों बाद चौथी महिला डिप्टी-गवर्नर के रूप में पूनम गुप्ता का चयन हुआ है।
वर्ल्ड बैंक और IMF में काम कर चुकी हैं RBI की नई डिप्टी गवर्नर
डिप्टी-गवर्नर के साथ-साथ पूनम प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की भी सदस्य हैं और 16वें वित्त आयोग की एडवाइजरी काउंसिल की संयोजक हैं। इसके अलावा पूनम गुप्ता नीति आयोग की विकास सलाहकार समिति का महत्वपूर्ण अंग भी हैं। इससे पहले उन्होंने भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान मैक्रोइकोनॉमिक्स और व्यापार पर टास्क फोर्स की अध्यक्षता की थी।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और वॉशिंगटन डीसी स्थित विश्व बैंक में दो दशकों तक वरिष्ठ पदों पर काम करने के बाद 2021 में वह NCAER में आईं। यहाँ पूनम को इकोनॉमिक ग्रोथ, इंटरनेशनल फाइनेंशियल आर्किटेक्चर, सेंट्रल बैंकिंग, मैक्रोइकोलॉमिक्स स्टेबिलिटी, पब्लिक डेब्ट और स्टेट फाइनेंस के मसलों पर काम करने का अनुभव है।
कई विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर रहीं पूनम गुप्ता
अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई विश्वविद्यालयों में पढ़ाया है। उन्होंने दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स और अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड में भी पढ़ाया। इसके साथ ही वह इंडियन स्टैटिस्टिकल इंस्टिट्यूट, दिल्ली की विजिटिंग फैकल्टी भी रहीं। पूनम नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी (NIPFP) की आरबीआई चेयर प्रोफेसर और ‘इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकोनॉमिक रिलेशन्स रिसर्च’ (ICRIER) की प्रोफेसर भी रही हैं।
दिल्ली यूनिवर्सिटी के दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में मास्टर्स की डिग्री लेने के साथ पूनम ने अमेरिका के मैरीलेंड यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में मास्टर्स और पीएचडी किया है। अंतर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र में पीएचडी के लिए पूनम को 1998 में एक्जिम बैंक पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।