Thursday, May 2, 2024
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अब दुनिया को ब्रह्मोस पावर से लैस करेगा भारत: DRDO सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का निर्यात करने को तैयार, कई देशों से डिमांड

फिलीपींस ने ब्रह्मोस की खरीद को 2022 में मंजूरी दी थी। भारत और फिलीपींस के बीच यह सौदा लगभग 37.49 करोड़ डॉलर में तय हुआ था। ब्रह्मोस मिसाइल के लिए ये पहला विदेशी ऑर्डर है। इसके अलावा कुछ और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ ब्रह्मोस के एक्सपोर्ट पर बातचीत चल रही है।

मार्च 2024 तक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस (BrahMos) का निर्यात शुरू हो जाने की उम्मीद है। पहली डिलिवरी फिलीपींस को की जाएगी। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने बताया है कि अगले 10 दिन में वह इस मिसाइल की ग्राउंड सिस्टम्स का निर्यात शुरू कर देगा। फिलीपींस के अलावा कई अन्य देशों ने भी इस मिसाइल को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है।

डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया, “ग्राउंड सिस्टम को बहुत जल्द, अगले 10 दिनों में भेजा जाना चाहिए। उम्मीद है कि क्रूज मिसाइलें मार्च 2024 तक फिलीपींस चली जाएँगी। एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) ने पहले ही सभी परीक्षण पूरे कर लिए हैं। मेरा अनुमान है कि 307 तोपों के लिए ऑर्डर इस वित्तीय वर्ष में 31 मार्च से पहले दिया जाना चाहिए।”

बता दें कि फिलीपींस ने ब्रह्मोस की खरीद को 2022 में मंजूरी दी थी। भारत और फिलीपींस के बीच यह सौदा लगभग 37.49 करोड़ डॉलर में तय हुआ था। ब्रह्मोस मिसाइल के लिए ये पहला विदेशी ऑर्डर है। इसके अलावा कुछ और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ ब्रह्मोस के एक्सपोर्ट पर बातचीत चल रही है।

फिलीपींस ने दक्षिण चीन सागर में चीन के साथ तनाव को देखते हुए इस मिसाइल को खरीदने का निर्णय लिया था। इन मिसाइलों की फिलीपींस सबसे पहले नौसेना के तटीय रक्षा रेजिमेंट में तैनाती करेगा।

डीआरडीओ द्वारा विकसित रक्षा उत्पादों को लेकर कामत ने बताया, “लगभग 4.94 लाख करोड़ रुपए कीमत के DRDO विकसित उत्पादों को या तो शामिल कर लिया गया है या उन्हें डीएसी (रक्षा अधिग्रहण काउंसिल) से एओएन (जरूरत की मंजूरी) मिली हुई है। अब पहले की तुलना में बहुत तेजी से विकास हो रहा है। मेरा अनुमान है कि बीते 5-7 साल में सशस्त्र बलों में शामिल किए गए प्रोडेक्ट की तुलना में 60% या 70% से अधिक प्रोडेक्ट शामिल होंगे। यह दर नाटकीय रूप से बढ़ने वाली है, जैसे-जैसे हम आगे बढ़ेंगे।”

कामत ने यह भी बताया कि एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) का इंजन विकसित करने के लिए सफ्रान (Safran) के साथ बातचीत चल रही है। हालाँकि साझेदारी को लेकर आखिरी फैसला अभी तक नहीं लिया गया है।

ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल बढ़ी हुई रेंज का परीक्षण

भारतीय भारतीय नौसेना ने 24 जनवरी 2024 को ही अपने जंगी जहाज से ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल का बढ़ी हुई रेंज (Extended Range) का कामयाब परीक्षण किया। मिसाइल के इस संस्करण में फायर पावर बढ़ाई गई है। इसकी स्टेल्थ (खुफिया) टेक्नोलॉजी को बेहतर किया गया है।

यह मिसाइल जंगी पोत से जमीन पर हमला करती है। अभी इसकी मारक क्षमता को 800 किलोमीटर से अधिक है। पहले नौसैनिक वर्जन मिसाइल की रेंज 200 किलोमीटर थी जिसे बीते साल बढ़ाकर 500 किलोमीटर किया गया था। अब इसकी रेंज बढ़कर 800 किमी तक जा पहुँची है।

बता दें कि भारत और रूस द्वारा मिलकर बनाए गए ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल सिस्टम को दुनिया के सबसे कामयाब मिसाइल कार्यक्रमों में से एक माना जाता है। ब्रह्मोस मिसाइल हवा में ही रास्ता बदलकर दुश्मन के चलते-फिरते टारगेट को बेधने में सक्षम है। ये मिसाइल 10 मीटर की ऊँचाई पर उड़ान भर सकती है, इसलिए दुश्मन के राडार से बच निकलती है। यही नहीं ये अमेरिका के टोमाहॉक मिसाइल से दोगुना तेज उड़ती है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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