अफगानिस्तान से शरणार्थी के तौर पर भारत आई एक लड़की को हिन्दू लड़के से शादी करने पर परिवार से धमकियाँ मिल रही हैं। लड़की के साथ रहने वाली उसकी बहन को परिवार धमकियाँ दे रहा है। परिवार ने उनके खिलाफ एक फर्जी मामला भी दर्ज करवा दिया। परिवार के खतरे से बचने के लिए अब पति-पत्नी और उसकी बहन ने बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
बॉम्बे हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई 3 जनवरी, 2025 को जस्टिस रेवती मोहिते और जस्टिस नीला गोखले ने की है। उन्होंने सुनवाई के दौरान पाया कि दोनों को पहले ही मुंबई पुलिस सुरक्षा दे रही है। यह सुरक्षा जून, 2024 में उन्हें दी गई थी। यह सुरक्षा अफगानी लड़की के पति के मुंबई पुलिस कमिश्नर को लिखे पत्र के बाद दी गई थी।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा, “याचिकाकर्ताओं के वकील ने हमें बताया है कि पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा पारित आदेश के पालन में चंडीगढ़ पुलिस ने याचिकाकर्ताओं को सुरक्षा प्रदान की है। हमें यह भी बताया गया है कि वर्तमान में मुंबई पुलिस ने भी याचिकाकर्ताओं को पुलिस सुरक्षा प्रदान की है तथा यह तब तक जारी रहेगी जब तक उन पर खतरा बना रहेगा।”
हाई कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में दर्ज केस को लेकर वह जब चाहे तब सही कदम उठा सकती है। यह याचिका एक अफगानी शरणार्थी लड़की, उसके हिन्दू पति और बहन द्वारा दायर की गई थी। लड़की 2017 में अपने परिवार के साथ अफगानिस्तान से भारत में शरण के लिए आई थी। वर्तमान में 20 साल की है। उसके साथ उसकी छोटी बहन भी आई थी।
अफगान युवतियों के पास संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (UNHCR) का कार्ड भी है। बाद में भारत में रहने के दौरान ही अफगानी लड़की को हरियाणा के एक हिन्दू लड़के से प्रेम हो गया और उसने उसके साथ जून, 2024 में हिन्दू रीति-रिवाज से विवाह कर लिया। अफगानी लड़की के परिजनों को यह पसंद नहीं आया और उसे वह धमकियाँ देने लगे।
दोनों लड़कियों के खिलाफ परिजनों ने एक झूठा मुकदमा भी दिल्ली में दर्ज करवा दिया। अफगानी लड़की इसके बाद पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट पहुँची जहाँ से उसे सुरक्षा मिली। उसके साथ उसकी छोटी बहन भी परिवार से अलग रहती है।
लड़की के हिन्दू पति को बाद में कैंसर हो गया जिसके चलते वह मुंबई इलाज करवाने चले गए, यहाँ भी उन्होंने सुरक्षा के लिए याचिका डाली। अफगान परिवार की कट्टरता और तालिबानी रवैये से तीनों नाराज हैं। इस पर अगली सुनवाई 28 जनवरी, 2025 को है।