पश्चिम बंगाल में हिन्दू विरोधी हिंसा आम हो चली है, पिछले कई वर्षों से चुनाव के दौरान न केवल भाजपा कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया जाता है बल्कि हिन्दू पर्व-त्योहारों पर हिन्दुओं को भी निशाना बनाया जाता है। केंद्रीय शिक्षा एवं उत्तर-पूर्वी राज्यों के विकास मामलों के राज्यमंत्री सुकांता मजूमदार ने एक वीडियो शेयर करके आरोप लगाया है कि राजधानी कोलकाता के पार्क सर्कस सेवन पॉइंट एरिया में रामनवमी की शोभायात्रा पर वापसी के समय हमला किया गया। उन्होंने बताया कि गाड़ियों पर सिर्फ़ इसीलिए पत्थर बरसाए गए, क्योंकि उनपर भगवा ध्वज लगे हुए थे।
पश्चिम बंगाल में रामनवमी शोभायात्रा पर हमला
कई गाड़ियों के शीशे क्षतिग्रस्त हो गए हैं। हमले के कारण वहाँ भगदड़ मच गया। सुकांता मजूमदार पश्चिम बंगाल में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने 2 वीडियो शेयर करते हुए आगे बताया कि ये कोई अचानक हुआ हमला नहीं था बल्कि जानबूझकर निशाना बनाया गया, जबकि पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तुष्टिकरण की राजनीति ने बंगाल पुलिस को लकवाग्रस्त कर दिया है, हिन्दुओं की सुरक्षा के लिए एक क़दम तक नहीं उठाए गए।
उन्होंने कहा कि इस कायराना चुप्पी ने एक चीज तो साफ़ कर दी – है रामनवमी पर पश्चिम बंगाल के हिन्दुओं की एक की दहाड़ ने यहाँ की सत्ताधारी व्यवस्था को हिलाकर रख दिया है। ममता बनर्जी ने राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए ‘शांति वाहिनी’ के गठन की घोषणा की थी। सुकांता मजूमदार ने कहा कि ये वाहिनी शांतिपूर्ण नहीं है, वो घबराई हुई और भयभीत है। उन्होंने घोषणा की कि अगले वर्ष इसी क्षेत्र में इससे भी विशाल रामनवमी शोभायात्रा निकलेगी और जो पुलिस वाले आज चुपचाप देख रहे हैं वो फूल बरसाएँगे।
As the Ram Navami procession returned, Hindu devotees were savagely attacked in Kolkata’s Park Circus Seven Point area. Stones rained down on vehicles just for carrying saffron flags. Windshields shattered. Chaos unleashed. This wasn’t random—it was targeted violence. And where… pic.twitter.com/Ed74Xbi2K6
— Dr. Sukanta Majumdar (@DrSukantaBJP) April 6, 2025
वहीं पश्चिम बंगाल पुलिस ने न केवल भाजपा के दावे को नकार दिया है, बल्कि ये भी कहा है कि उक्त इलाक़े में न तो शोभायात्रा के लिए कोई अनुमति ली गई थी और न ही ऐसी कोई गतिविधि हुई है। पुलिस ने कहा कि वाहन क्षतिग्रस्त होने की सूचना मिली थी, तुरंत मौके पर पहुँचकर स्थिति को सँभाला गया। पुलिस ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील करते हुए कहा कि जाँच हेतु मामला दर्ज किया जा रहा है। भाजपा नेता तरुणज्योति तिवारी ने पुलिस के वर्जन पर सवाल उठाते हुए पूछा कि पार्क सर्कस क्रॉसिंग में वक़्फ़ बिल के खिलाफ हुए प्रदर्शन के लिए अनुमति ली गई थी क्या?
‘9% हिन्दू हमें वोट कर दें तो…’: मिथुन चक्रवर्ती
उधर वरिष्ठ अभिनेता व भाजपा नेता मिथुन चक्रवर्ती ने भी हिन्दुओं की सुरक्षा के लिए दहाड़ लगाई है। ‘द कश्मीर फाइल्स’ में दिख चुके अभिनेता ने कहा कि अगर पश्चिम बंगाल में वोट न करने वाले 9% हिन्दू मतदाता हमारे साथ खड़े हो जाते हैं तो यहाँ रामराज्य स्थापित हो जाएगा। कोलकाता से सटे उत्तर 24 परगना जिले के बारासात में एक रामनवमी शोभायात्रा में शामिल होते हुए भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य मिथुन चक्रवर्ती ने ये बयान दिया।
मिथुन चक्रवर्ती की आगामी फिल्म ‘द दिल्ली फाइल्स – द बंगाल चैप्टर’ में पश्चिम बंगाल में विभाजन के दौरान हिन्दुओं के हुए नरसंहार का इतिहास दिखाया जाएगा। ‘द ताशकंद फाइल्स’ और ‘द कश्मीर फाइल्स’ के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ही इसका निर्देशन कर रहे हैं। उन दोनों फिल्मों में भी मिथुन चक्रवर्ती अहम भूमिका में थे। मिथुन चक्रवर्ती का मानना है कि हिन्दुओं ने एकजुट होकर आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा को वोट नहीं किया तो बांग्लादेश की तरह यहाँ के हिन्दू भी मुश्किल में पड़ जाएँगे। उन्होंने कहा कि TMC फिर जीती तो बंगाल में हिन्दू नहीं बचेंगे।
TMC नेता कल्याण बनर्जी ने रुकवा दी हनुमान चालीसा
उधर संसद में अजीबोगरीब हरकतें करके सुर्खियाँ बटोरने वाले तृणमूल कॉन्ग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने हनुमान चालीसा रुकवा दी और मंदिर की परंपरा का अपमान किया। कल्याण बनर्जी का वीडियो भी वायरल हुआ है, जिसमें वो हनुमान चालीसा के दौरान पुजारी को बाधित करते हुए दिखाई दे रहे हैं। वो पुजारी से पूछते हुए दिखाई दे रहे हैं कि क्या पूरी हनुमान चालीसा पढ़ी जाएगी।
#BREAKING | TMC MP Kalyan Banerjee caught on camera scolding priest
— Republic (@republic) April 6, 2025
Click on this link for all live updates: https://t.co/2b0FoFj0hF#TMC #KalyanBanerjee pic.twitter.com/hJdMJ8Qs1w
ये वही कल्याण बनर्जी हैं जिन्होंने संसद में वक़्फ़ बिल को मुस्लिम अधिकारों का हनन बताते हुए कहा था कि वक़्फ़ की संपत्तियाँ अल्लाह की हैं।